द्वादशी श्राद्ध किन पितरों के लिए किया जाता है, जानिए खास बातें

Webdunia
इस बार पितृ पक्ष ( Pitru Paksha 2021 Start Date) 20 सितंबर 2021, सोमवार को भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि से आरंभ हो गए हैं। पितृ पक्ष का समापन 6 अक्टूबर 2021, बुधवार को आश्विन मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि अर्थात सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या ( sarva pitru moksha amavasya 2021 ) को होगा। आओ जानते हैं द्वादशी का श्राद्ध क्यों और किसके लिए किया जाता है।
 
 
1. जिन लोगों का देहांत इस दिन अर्थात तिथि अनुसार दोनों पक्षों (कृष्ण या शुक्ल) द्वादशी तिथि हो हुआ है उनका श्राद्ध इस दिन किया जाता है। 3 अक्टूबर को द्वादशी श्राद्ध रहेगा।
 
2. द्वादशी तिथि को उन लोगों का श्राद्ध भी किया जाता है जिन्होंने स्वर्गवास के पहले संन्यास ले लिया था। उनका देहांत किसी भी तिथि को हुआ हो परंतु श्राद्ध पक्ष की द्वादशी तिथि को उनका श्राद्ध जरूर करना चाहिए। इस तिथि को 'संन्यासी श्राद्ध' के नाम से भी जाना जाता है।
 
3. एकादशी और द्वादशी में वैष्णव संन्यासी का श्राद्ध करते हैं। अर्थात् इस तिथि को उन लोगों का श्राद्ध किए जाने का विधान है, जिन्होंने संन्यास लिया हो।
 
खास बातें
1. इस दिन पितरगणों के अलावा साधुओं और देवताओं का भी आह्‍वान किया जाता है।
 
2. इस दिन संन्यासियों को भोजन कराया जाता है या भंडारा रखा जाता है।
 
3. इस तिथि में 7 ब्राह्मणों को भोजन कराने का विधान है।
 
4. इस श्राद्ध में तर्पण और पिंडदान के बाद पंचबलि कर्म भी करना चाहिए।

सम्बंधित जानकारी

Show comments

Chanakya niti : यदि सफलता चाहिए तो दूसरों से छुपाकर रखें ये 6 बातें

Guru Gochar : बृहस्पति के वृषभ में होने से 3 राशियों को मिलेंगे अशुभ फल, रहें सतर्क

Adi shankaracharya jayanti : क्या आदि शंकराचार्य के कारण भारत में बौद्ध धर्म नहीं पनप पाया?

Lakshmi prapti ke upay: लक्ष्मी प्राप्ति के लिए क्या करना चाहिए, जानिए 5 अचूक उपाय, 5 सावधानियां

Swastik chinh: घर में हल्दी का स्वास्तिक बनाने से मिलते है 11 चमत्कारिक फायदे

Chardham Yatra: कुप्रबंधन को लेकर उत्तरकाशी में व्यवसायी नाराज, किया विरोध प्रदर्शन

Aaj Ka Rashifal: शुभ समाचारों वाला रहेगा आज का दिन, पढ़ें 16 मई का राशिफल

Maa lakshmi : मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए तुलसी पर चढ़ाएं ये 5 चीज़

16 मई 2024 : आपका जन्मदिन

16 मई 2024, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख