श्राद्ध पक्ष में क्यों वर्जित है शुभ कार्य?

Webdunia
श्राद्धपक्ष का संबंध मृत्यु से है इस कारण यह अशुभ काल माना जाता है। जैसे अपने परिजन की मृत्यु के पश्चात हम शोकाकुल अवधि में रहते हैं और अपने अन्य शुभ, नियमित, मंगल, व्यावसायिक कार्यों को विराम दे देते हैं, वही भाव पितृपक्ष में भी जुड़ा है। इस अवधि में हम पितरों से और पितर हमसे जुड़े रहते हैं। अत: अन्य शुभ-मांगलिक शुभारंभ जैसे कार्यों को वंचित रखकर हम पितरों के प्रति पूरा सम्मान और एकाग्रता बनाए रखते हैं।
 
श्राद्ध में कौए-श्वान और गाय का महत्व 
 
* श्राद्ध पक्ष में पितर, ब्राह्मण और परिजनों के अलावा पितरों के निमित्त गाय, श्वान और कौए के लिए ग्रास निकालने की परंपरा है। 
 
* गाय में देवताओं का वास माना गया है, इसलिए गाय का महत्व है। 
 
* श्वान और कौए पितरों के वाहक हैं। पितृपक्ष अशुभ होने से अवशिष्ट खाने वाले को ग्रास देने का विधान है। 
 
* दोनों में से एक भूमिचर है, दूसरा आकाशचर। चर यानी चलने वाला। दोनों गृहस्थों के निकट और सभी जगह पाए जाने वाले हैं। 
 
* श्वान निकट रहकर सुरक्षा प्रदान करता है और निष्ठावान माना जाता है इसलिए पितृ का प्रतीक है।
 
 * कौए गृहस्थ और पितृ के बीच श्राद्ध में दिए पिंड और जल के वाहक माने गए हैं।
 
श्राद्ध गणना का कैलेंडर
 
श्राद्ध पक्ष भाद्र शुक्ल पूर्णिमा से आश्विन कृष्ण अमावस्या तक होता है। इस अवधि में 16 तिथियां होती हैं और इन्हीं ति‍थियों में प्रत्येक की मृत्यु होती है।
 
सौभाग्यवती स्त्री की मृत्यु पर नियम है कि उनका श्राद्ध नवमी तिथि को करना चाहिए, क्योंकि इस तिथि को श्राद्ध पक्ष में अविधवा नवमी माना गया है। नौ की संख्या भारतीय दर्शन में शुभ मानी गई है। संन्यासियों के श्राद्ध की ति‍थि द्वादशी मानी जाती है (बारहवीं)।
 
शस्त्र द्वारा मारे गए लोगों की ति‍थि चतुर्दशी मानी गई है। विधान इस प्रकार भी है कि यदि किसी की मृत्यु का ज्ञान न हो या पितरों की ठीक से जानकारी न हो तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध किया जाए।

ALSO READ: श्राद्ध से मिलती है पूर्वजों की आत्मा को शक्ति, जानिए कैसे

ALSO READ: संकल्प के बिना श्राद्ध सफल नहीं होता, जानिए कैसे करें संकल्प

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

पढ़ाई में सफलता के दरवाजे खोल देगा ये रत्न, पहनने से पहले जानें ये जरूरी नियम

Yearly Horoscope 2025: नए वर्ष 2025 की सबसे शक्तिशाली राशि कौन सी है?

Astrology 2025: वर्ष 2025 में इन 4 राशियों का सितारा रहेगा बुलंदी पर, जानिए अचूक उपाय

बुध वृश्चिक में वक्री: 3 राशियों के बिगड़ जाएंगे आर्थिक हालात, नुकसान से बचकर रहें

ज्योतिष की नजर में क्यों है 2025 सबसे खतरनाक वर्ष?

सभी देखें

धर्म संसार

25 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

25 नवंबर 2024, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 25 नवंबर से 1 दिसंबर 2024, जानें इस बार क्या है खास

Saptahik Panchang : नवंबर 2024 के अंतिम सप्ताह के शुभ मुहूर्त, जानें 25-01 दिसंबर 2024 तक

Aaj Ka Rashifal: 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा आज का दिन, पढ़ें 24 नवंबर का राशिफल

अगला लेख