Pitru Paksha 2023: क्या हैं 'श्राद्धकर्ता' व 'श्राद्धभोक्ता' के लिए शास्त्र के निर्देश

पं. हेमन्त रिछारिया
Shradh Niyam 2023: श्राद्ध पक्ष में सभी सनातनधर्मी अपने पितरों के निमित्त श्राद्धकर्म करते हैं। सनातन धर्म के सभी अनुयायियों को अपने पितरों के निमित्त श्राद्ध अवश्य करना चाहिए। श्राद्ध के दो मुख्य अंग हैं- 1. पिण्डान 2. ब्राह्मण भोजन। हमारे शास्त्रों में श्राद्ध करने वाले (श्राद्धकर्ता) और श्राद्ध में भोजन करने वाले ब्राह्मण (श्राद्धभोक्ता) के लिए कुछ नियम निर्धारित किए हैं। 
 
आइए जानते हैं क्या हैं वे नियम-
 
श्राद्धकर्ता के लिए नियम-
 
शास्त्रानुसार श्राद्धकर्ता को श्राद्ध वाले दिन निम्न नियमों का पालन आवश्यक रूप से करना ही चाहिए-
 
1. पूर्णरूपेण सात्विक मनोदशा रखें।
 
2. पान इत्यादि भक्षण ना करें।
 
3. तेल मालिश, दाढ़ी, केशकर्तन इत्यादि ना कराए।
 
4. स्त्री के साथ सहवास ना करें।
 
5. किसी दूसरे के घर अथवा बाहर भोजन ना करें।
 
श्राद्धभोक्ता के लिए नियम-
 
शास्त्रानुसार श्राद्धभोक्ता को श्राद्ध वाले दिन निम्न नियमों का पालन आवश्यक रूप से करना ही चाहिए-
 
1. श्राद्धभोज करने के उपरांत उसी दिन दूसरे घर में दोबारा श्राद्धभोजन ना करें।
 
2. लम्बी यात्रा ना करें।
 
3. श्राद्धभोज वाले दिन दान ना दें।
 
4. स्त्री के साथ सहवास ना करें।
 
5. भोजन करते समय मौन रहकर भोजन करें।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
सम्पर्क: astropoint_hbd@yahoo.com
 
ALSO READ: Pitru Paksha 2023: पितृपक्ष में कुतुप मुहूर्त में करते हैं श्राद्ध, जानें यह क्या है और कब है?

ALSO READ: Pitru Paksha 2023: श्राद्ध पितृ पक्ष में किस तरह करें तर्पण और पिंडदान

सम्बंधित जानकारी

किचन की ये 10 गलतियां आपको कर्ज में डुबो देगी

धन प्राप्ति के लिए मां लक्ष्मी के 12 पावरफुल नाम

रात में नहीं आती है नींद तो इसके हैं 3 वास्तु और 3 ज्योतिष कारण और उपाय

मोहिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, जानें शुभ मुहूर्त

32 प्रकार के द्वार, हर दरवाजा देता है अलग प्रभाव, जानें आपके घर का द्वार क्या कहता है

Char Dham Yatra : छोटा चार धाम की यात्रा से होती है 1 धाम की यात्रा पूर्ण, जानें बड़ा 4 धाम क्या है?

देवी मातंगी की स्तुति आरती

Matangi Jayanti 2024 : देवी मातंगी जयंती पर जानिए 10 खास बातें और कथा

कबूतर से हैं परेशान तो बालकनी में लगाएं ये 4 पौधे, कोई नहीं फटकेगा घर के आसपास

Panch Kedar Yatra: ये हैं दुनिया के पाँच सबसे ऊँचे शिव मंदिर

अगला लेख