श्राद्ध पक्ष में कैसे दें धूप कि पितरों को तृप्ति मिले

Webdunia
प्रस्तुत है सामान्य तौर पर गुड़ और घी से दी जाने वाली धूप के महत्व के बारे में संक्षिप्त जानकारी।


 

हिंदू धर्म में धूप देने और दीप जलाने का बहुत ज्यादा महत्व है। सामान्य तौर पर धूप दो तरह से ही दी जाती है। पहला गुग्गुल-कर्पूर से और दूसरा गुड़-घी मिलाकर जलते कंडे पर उसे रखा जाता है। गुड़ और घी से दी गई धूप का खास महत्व है।
 
सर्वप्रथम एक कंडा जलाएं। फिर कुछ देर बाद जब उसके अंगारे ही रह जाए तब गुड़ और घी बराबर मात्रा में लेकर उक्त अंगारे पर रख दें और उसके आस-पास अंगुली से जल अर्पण करें। अंगुली से देवताओं को और अंगूठे से अर्पण करने से वह धूप पितरों को लगती है।

जब देवताओं के लिए करें तब ब्रह्मा, विष्णु और महेश का ध्यान करें और जब पितरों के लिए अर्पण करें तब अर्यमा सहित अपने पितरों का ध्यान करें और उनसे सुख-शांति की कामना करें।


 
 
 
धूप देने के नियम : रोज धूप नहीं दे पाएं तो तेरस, चौदस, और अमावस्या, चौदस तथा पूर्णिमा को सुबह-शाम धूप अवश्य देना चाहिए। सुबह दी जाने वाली धूप देवगणों के लिए और शाम को दी जाने वाली धूप पितरों के लिए।
 
धूप देने के पूर्व घर की सफाई कर दें। पवित्र होकर-रहकर ही धूप दें। धूप ईशान कोण में ही दें। घर के सभी कमरों में धूप की सुगंध फैल जाना चाहिए। धूप देने और धूप का असर रहे तब तक किसी भी प्रकार का संगीत नहीं बजाना चाहिए। हो सके तो कम से कम बात करना चाहिए।

 

जानिए धूप देने के लाभ : 

धूप देने से मन, शरीर और घर में शांति की स्थापना होती है। 


रोग और शोक मिट जाते हैं। 

गृहकलह और आकस्मिक घटना-दुर्घटना नहीं होती। 

घर के भीतर व्याप्त सभी तरह की नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकलकर घर का वास्तुदोष मिट जाता है। 

ग्रह-नक्षत्रों से होने वाले छिटपुट बुरे असर भी धूप देने से दूर हो जाते हैं। 

श्राद्धपक्ष में 16 दिन ही दी जाने वाली धूप से पितृ तृप्त होकर मुक्त हो जाते हैं तथा पितृदोष का समाधान होकर पितृयज्ञ भी पूर्ण होता है।

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों को करें तर्पण, करें स्नान और दान मिलेगी पापों से मुक्ति

जानिए क्या है एकलिंगजी मंदिर का इतिहास, महाराणा प्रताप के आराध्य देवता हैं श्री एकलिंगजी महाराज

Saturn dhaiya 2025 वर्ष 2025 में किस राशि पर रहेगी शनि की ढय्या और कौन होगा इससे मुक्त

Yearly Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों का संपूर्ण भविष्‍यफल, जानें एक क्लिक पर

Family Life rashifal 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों की गृहस्थी का हाल, जानिए उपाय के साथ

सभी देखें

धर्म संसार

महाकुंभ मेला 2025: क्यों 12 साल बाद लगता है महाकुंभ, कैसे तय होती है कुंभ की तिथि?

गीता का 5161वां वर्षगांठ उत्सव चल रहा है, जानिए 7 खास बातें

Makar rashi 2025: वर्ष 2025 में मकर राशि पर से होने वाली है साढ़ेसाती समाप्त, जानिए क्या करेगा अब शनि?

Aaj Ka Rashifal: आज क्‍या कहते हैं आपके तारे? जानें 02 दिसंबर 2024 का दैनिक राशिफल

02 दिसंबर 2024 : आपका जन्मदिन

अगला लेख