Shradha Paksha 2019 : आपको भी जानना जरूरी है 12 तरह के श्राद्ध, क्या कहते हैं पुराण

Webdunia
अश्विन मास कृष्ण पक्ष के श्राद्ध पक्ष के अतिरिक्त चैत्र कृष्ण प्रतिपदा के सात दिनों तक सात पितरों की पूजा करना चाहिए, जिससे घर में व हर मंगल कार्य में किसी तरह का व्यवधान नहीं आता। 
 
भविष्यपुराण में मुनि विश्वामृत का हवाला देकर 12 प्रकार के श्राद्धों का वर्णन किया गया है। विष्णु पुराण और गरुड़ पुराण में भी श्राद्ध संबंधी संदर्भ है। ऐसी भी मान्यता है कि पितरों के निमित्त दो यज्ञ किए जाते हैं जो पिंड पितृयज्ञ तथा श्राद्ध कहलाते हैं।
 
12 प्रकार के विशेष श्राद्ध 

* पहला, नित्य श्राद्ध है जो प्रतिदिन किया जाता है। प्रतिदिन की क्रिया को ही 'नित्य' कहते हैं। 
 
* दूसरा नैमित्तिक श्राद्ध है जो एक पितृ के उद्देश्य से किया जाता है, उसे नैमित्तिक श्राद्ध कहते हैं। 
 
* तीसरा काम्य श्राद्ध है जो किसी कामना या सिद्धि की प्राप्ति के लिए किया जाता है। 
 
* चौथा पार्वण श्राद्ध है जो अमावस्या के विधान के अनुरूप किया जाता है। 
 
* पांचवीं तरह का श्राद्ध वृद्धि श्राद्ध कहलाता है। इसमें वृद्धि की कामना रहती है जैसे संतान प्राप्ति या परिवार में विवाह आदि।
 
* छठा श्राद्ध सपिंडन कहलाता है। इसमें प्रेत व पितरों के मिलन की इच्छा रहती है। ऐसी भी भावना रहती है कि प्रेत, पितरों की आत्माओं के साथ सहयोग का रुख रखें। 
 
* सात से बारहवें प्रकार के श्राद्ध की प्रक्रिया सामान्य श्राद्ध जैसी ही होती है। इसलिए इनका अलग से नामकरण गोष्ठी, प्रेत श्राद्ध, कर्मांग, दैविक, यात्रार्थ और पुष्टयर्थ किया गया है।

ALSO READ: श्राद्ध पक्ष की 10 अनसुनी बातें

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

चैत्र नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि का क्या है महत्व?

हिंदू नववर्ष पर घर के सामने क्यों बांधी जाती है गुड़ी?

चैत्र नवरात्रि 2025: नवरात्रि के पहले दिन भूलकर भी न करें ये 10 काम, बढ़ सकती हैं परेशानियां

29 मार्च को शनि और राहु की युति से बन रहा है पिशाच योग, बचने के 10 उपाय

सूर्य ग्रहण और शनि के मीन राशि में प्रवेश का दुर्लभ संयोग, क्या होगा देश दुनिया का हाल? कौनसी 6 राशियां रहेंगी बेहाल?

सभी देखें

धर्म संसार

चैत्र नवरात्रि पर घट स्थापना और कलश स्थापना क्यों करते हैं?

चैत्र नवरात्रि 2025: नवरात्रि के पहले दिन भूलकर भी न करें ये 10 काम, बढ़ सकती हैं परेशानियां

चैत्र नवरात्रि की सप्तमी, अष्टमी और नवमी तिथि का क्या है महत्व?

जानिए सेहत के लिए कैसे फायदेमंद है व्रत में खाया जाने वाला कुट्टू का आटा

Aaj Ka Rashifal: आज क्या कहती है आपकी राशि, जानें 25 मार्च का दैनिक राशिफल

अगला लेख