महादेव के 10 शुभ प्रतीक और उनका महत्व

Webdunia
shravan maas 2023: हिन्दू धर्म के अनुसार 4 जुलाई 2023 से श्रावण मास शुरू हो गया है और सावन शिव जी की आराधना के लिए जाना जाता है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार शिव औढरदानी, कल्याण के देवता माने गए हैं।

महादेव/ शिव के प्रतीक अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए हैं जिन्हें सभी भक्तजनों को जानना चाहिए। शिव के स्वरूप का विशिष्ट प्रभाव अपनी अलग-अलग प्रकृति को दर्शाता है। पौराणिक मान्यता से देखें तो हर आभूषण का विशेष प्रभाव तथा महत्व बताया गया है। 
 
आइए यहां जानते हैं भगवान महादेव के 10 प्रतीक और उनका महत्व- 
 
1. पैरों में कड़ा : यह अपने स्थिर तथा एकाग्रता सहित सुनियोजित चरणबद्ध स्थिति को दर्शाता है। योगीजन भी शिव के समान ही एक पैर में कड़ा धारण करते हैं। अघोरी स्वरूप में भी यह देखने को मिलता है।
 
2. मृगछाला : इस पर बैठकर साधना का प्रभाव बढ़ता है। मन की अस्थिरता दूर होती है। तपस्वी और साधना करने वाले साधक आज भी मृगासन या मृगछाला के आसन को ही अपनी साधना के लिए श्रेष्ठ मानते हैं।
 
3. रुद्राक्ष : यह एक फल की गुठली है। इसका उपयोग आध्यात्मिक क्षेत्र में किया जाता है। माना जाता है कि रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर की आंखों के जलबिंदु (आंसू) से हुई है। इसे धारण करने से सकारात्मक ऊर्जा मिलती है।
 
4. नागदेवता : भगवान शिव परम योगी, परम ध्यानी व परम तपस्वी हैं। जब अमृत मंथन हुआ था, तब अमृत कलश के पूर्व गरल (विष) को उन्होंने कंठ में रखा था। जो भी विकार की अग्नि होती है, उन्हें दूर करने के लिए शिव ने विषैले नागों की माला पहनी। 
 
5. खप्पर : माता अन्न्पूर्णा से शिव ने प्राणियों की क्षुधा शांति के निमित्त भिक्षा मांगी थी। इसका यह आशय है कि यदि हमारे द्वारा किसी प्राणी का कल्याण होता है, तो उसको प्रदान करना चाहिए।
 
6. डमरू : संसार का पहला वाद्य। इसके स्वर से वेदों के शब्दों की उत्पत्ति हुई इसलिए इसे नाद ब्रहम या स्वर ब्रह्म कहा गया है। 
 
7. त्रिशूल : देवी जगदंबा की परम शक्ति त्रिशूल में समाहित है। यह संसार का समस्त परम तेजस्वी अस्त्र है जिसके माध्यम से युग-युगांतर में सृष्टि के विरुद्ध होने सोचने वाले राक्षसों का संहार किया गया है। इसमें राजसी, सात्विक और तामसी तीनों ही गुण समाहित हैं, जो समय-समय पर साधक को उपासना के माध्यम से प्राप्त होते रहते हैं।
 
8. शीश पर गंगा : संसार की पवित्र नदियों में से एक गंगा को जब पृथ्‍वी की विकास यात्रा के लिए आव्हान किया गया तो पृथ्वी की क्षमता गंगा के आवेग को सहने में असमर्थ थी, ऐसे में शिव ने अपनी जटाओं में गंगा को स्थान देकर सिद्ध किया कि आवेग की अवस्था को दृढ़ संकल्प के माध्यम से संतुलित किया जा सकता है। 
 
9. चन्द्रमा : चूंकि चन्द्रमा मन का कारक ग्रह माना गया है, चन्द्र आभा, प्रज्वल, धवल स्थितियों को प्रकाशित करता है, जो मन के शुभ विचारों से उत्पन्न होते हैं। ऐसी अवस्था में प्राणी अपने यथायोग्य श्रेष्ठ विचारों को पल्लवित करते हुए सृष्टि के कल्याण में आगे बढ़े।
 
10. जटाएं : शिव अंतरिक्ष के देवता हैं। उनका नाम व्योमकेश है अत: आकाश उनकी जटास्वरूप है। जटाएं वायुमंडल की प्रतीक हैं। वायु आकाश में व्याप्त रहती है। सूर्यमंडल से ऊपर परमेष्ठि मंडल है। इसके अर्थतत्व को गंगा की संज्ञा दी गई है अत: गंगा शिव की जटा में प्रवाहित है। शिव रुद्रस्वरूप उग्र और संहारक रूप धारक भी माने गए हैं। 
 
अस्वीकरण (Disclaimer) : चिकित्सा, स्वास्थ्य संबंधी नुस्खे, योग, धर्म, ज्योतिष आदि विषयों पर वेबदुनिया में प्रकाशित/प्रसारित वीडियो, आलेख एवं समाचार सिर्फ आपकी जानकारी के लिए हैं। इनसे संबंधित किसी भी प्रयोग से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।


 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Tula Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: तुला राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Job and business Horoscope 2025: वर्ष 2025 में 12 राशियों के लिए करियर और पेशा का वार्षिक राशिफल

मार्गशीर्ष माह की अमावस्या का महत्व, इस दिन क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए?

क्या आप नहीं कर पाते अपने गुस्से पर काबू, ये रत्न धारण करने से मिलेगा चिंता और तनाव से छुटकारा

Solar eclipse 2025:वर्ष 2025 में कब लगेगा सूर्य ग्रहण, जानिए कहां नजर आएगा और कहां नहीं

सभी देखें

धर्म संसार

Education horoscope 2025: वर्ष 2025 में कैसी रहेगी छात्रों की पढ़ाई, जानिए 12 राशियों का वार्षिक राशिफल

Utpanna ekadashi date: उत्पन्ना एकादशी का व्रत क्यों रखते हैं?

Shani Gochar 2025: शनि ग्रह मीन राशि में जाकर करेंगे चांदी का पाया धारण, ये 3 राशियां होंगी मालामाल

Meen Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: मीन राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

Kumbh Rashi Varshik rashifal 2025 in hindi: कुंभ राशि 2025 राशिफल: कैसा रहेगा नया साल, जानिए भविष्‍यफल और अचूक उपाय

अगला लेख