बिल्ववृक्ष की महिमा से जुड़ी 7 महत्वपूर्ण बातें

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भगवान शिव को बिल्वपत्र चढ़ाने का जितना महत्व है, उतना ही महत्व बिल्वपत्र के वृक्ष का भी माना गया है। बिल्वपत्र के वृक्ष की महिमा के बारे में अगर आप नहीं जानते, तो जरूर पढ़िए बिल्वपत्र के वृक्ष की यह 7 महत्वपूर्ण बातें - 
 
1  बिल्वपत्र के वृक्ष में लक्ष्मी का वास माना गया है। इसकी पूजा करने से दरिद्रता दूर होती है और बेलपत्र के वृक्ष और सफेद आक को जोड़े से लगाने पर निरंतर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।

 बेलपत्र के वृक्ष को घर में लगाने या उसके प्रतिदिन दर्शन करने से सभी प्रकार के पापों से मुक्ति मिलती है। घर में बिल्वपत्र का वृक्ष होने पर परिवार के सभी सदस्य कई प्रकार के पापों से मुक्त हो जाते हैं। 
 
3  रविवार और द्वादशी तिथि पर बिल्वपत्र के वृक्ष के पूजन का विशेष महत्व होता है। इस दिन पूजन करने से मनुष्य ब्रम्ह हत्या जैसे महापाप से भी मुक्त हो जाता है। इसके प्रभाव से यश और सम्मान मिलता है।

 बिल्व का वृक्ष निवास स्थान के उत्तर-पश्चिम में हो तो यश बढ़ता है। उत्तर-दक्षिण में हो तो सुख शांति बढ़ती है और यदि यह वृक्ष निवास स्थान के मध्य में हो तो जीवन में मधुरता आती है। 

 
5  यदि कोई शव बिल्वपत्र के पेड़ की छाया से होकर श्मशान ले जाया जाता है, तो उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके अलावा बिल्वपत्र के पेड़ को नियमित रूप से जल चढ़ाने पर पितृों को तृप्ति‍ मिलती है, और पितृदोष से मुक्ति मिलती है। 

6  वातावरण को शुद्ध बनाए रखने के लिए बि‍ल्वपत्र के वृक्ष का महत्व है। यह अपने आसपास के वातावरण का शुद्ध और पवित्र बनाए रखता है। घर के आसपास बिल्वपत्र का पेड़ होने पर वहां सांप या विषैले जीवजंतु भी नहीं आते ।

 
7 ऐसा माना जाता है,कि बिल्वपत्र का पेड़ लगाने से वंश में वृद्धि होती है और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। इस वृक्ष के नीचे शिवलिंग पूजा से सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होती है। 

 ऐसा माना जाता है कि जिन स्थानों पर बिल्वपत्र का वृक्ष होता है, वह काशी तीर्थ के समान पूजनीय और पवित्र है, जहां अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। इस वृक्ष को काटना पाप माना जाता है, जिससे वंश का नाश होता है। 

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