भगवान शिव की क्षिति मूर्ति की पूजा से होगा यह लाभ

अनिरुद्ध जोशी
पुराणों अनुसार भगवान शिव शंकर को अष्टरूप में दर्शाया गया है। दरसअल वे ब्रह्मांड में आठ रूप में विद्यमान हैं। इन आठ रूपों के आधार पर शंकर की आठ प्रकार की प्रतिमाएं बताई गई हैं।
 
 
इन आठ प्रतिमाओं के नाम हैं:- 1.क्षितिमूर्ति (सर्व), 2.जलमूर्ति (भव), 3.अग्निमूर्ति (रूद्र), 4.वायुमूर्ति (उग्र), 5.आकाशमूर्ति (भीम), 6.यजमानमूर्ति (पशुपति), 7.चन्द्रमूर्ति (महादेव), 8.सूर्यमूर्ति (ईशान)।
 
 
1.क्षितिमूर्ति (सर्व)- शिव की शर्वी मूर्ति का अर्थ है कि पूवरे जगत को धारण करने वाली पृथ्‍वीमयी प्रतिमा के स्वामी शर्व है। शर्व का अर्थ भक्तों के समस्त कष्टों को हरने वाला। सर्व मूर्ति का अभिशेष करने वाले व्यक्ति के सारे कष्‍ट दूर हो जाते हैं।
 
 
कहते हैं कि यह आठ मूर्तियां मनुष्‍य के शरीर के आठ अंगों की तरह हैं। सर्व नामक मूर्ती अस्थिरूप में विद्यमान है। इन्हीं अष्टमूर्तियों के तीर्थ स्थल भी हैं। जैसे क्षिति या सर्व लिंग तमिलनाडु के शिव कांची में अमरेश्वर मंदिर में स्थित हैं। इसे क्षितिलिंग एकाम्बरेस्वर शिवकांची भी कहते हैं। ekambareswarar temple shiv kanchipuram
 

सम्बंधित जानकारी

केतु मचाएगा देश और दुनिया में तबाही, 18 माह संभलकर रहना होगा

बाबा वेंगा की साइलेंट किलर वाली भविष्यवाणी हुई सच! जानिए कैसा रहेगा वर्ष 2025

शनि मंगल का षडाष्टक योग और खप्पर योग कब तक रहेगा, 4 राशियों को रहना होगा सतर्क

राहु के कुंभ राशि में गोचर से देश और दुनिया में होंगे ये 5 बड़े बदलाव

2025 में कब मनाई जाएगी अपरा एकादशी, जानें पूजन के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

21 मई 2025 : आपका जन्मदिन

21 मई 2025, बुधवार के शुभ मुहूर्त

क्या राहु और केतु के कारण फिर से लौटेगा महामारी का तांडव काल?

Guru Gochar 2025 : अतिचारी हुए बृहस्पति, 3 राशियों के लिए शुरू हुआ सबसे खराब समय

वट सावित्री व्रत 2025 के नियम, जानिए क्या करें और क्या नहीं

अगला लेख