परशुराम थे पहले कावड़िये, किया था शिवलिंग का जलाभिषेक

Webdunia
- कुलदीप काम्बोज
 
सावन का महीना है। उत्तरप्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब और और मध्यप्रदेश आदि राज्यों में कावड़िये दूर-दूर से कावड़ में गंगाजल लाकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर रहे हैं। यह परंपरा कई दूसरे राज्यों में भी है। कावड़ लाकर भोले नाथ का जलाभिषेक करने की शुरुआत कब और कहांं से हुई कुछ ठीक तरह से कहना मुश्किल है। पर यह जरूर कहा जा सकता है कि भगवान परशुराम पहले कावड़िये थे जिन्होंने गंगा जल से भगवान शिव का जलाभिषेक किया।
शास्त्रों में इसका उल्लेख मिलता है। परशुराम के पिता ऋषि जमदग्नि कजरी वन में अपनी पत्नी रेणुका के साथ रहते थे। वह बड़े शांत स्वभाव और अतिथि सत्कार वाले महात्मा थे। एक बार प्रतापी और बलशाली राजा सहस्त्रबाहु का कजरी वन में आना हुआ। तो ऋषि ने सहस्त्रबाहु और उनके साथ आए सैनिकों की सभी तरह से सेवा की। 
 
सहस्त्रबाहु को पता चला कि ऋषि के पास कामधेनु नाम की गाय है। इस गाय से जो भी माँगा जाए, मिल जाता है। इसी के चलते ऋषि ने तमाम संसाधन जुटाकर राजा की सेवा की है। इस पर सहस्त्रबाहु ने ऋषि जमदग्नि से कामधेनु गाय की माँग की। जब ऋषि ने देने से मना कर दिया तो राजा ने उनकी हत्या कर दी और गाय को अपने साथ लेकर चला गया।

इसकी जानकारी जब परशुराम को मिली तो उन्होंने सहस्त्रबाहु की हत्या कर दी और अपने पिता ऋषि जमदग्नि को पुनर्जीवित कर लिया। ऋषि को जब परशुराम द्वारा सहस्त्रबाहु की हत्या की बात पता चली तो उन्होंने परशुराम को गंगा जल लाकर शिव लिंग का जलाभिषेक कर प्रायश्चित करने की सलाह दी। 

परशुराम ने अपने पिता की आज्ञा मानते हुए कजरी वन में शिवलिंग की स्थापना की। वहीं उन्होंने गंगा जल लाकर इसका महाभिषेक किया। इस स्थान पर आज भी प्राचीन मंदिर मौजूद है। कजरी वन क्षेत्र मेरठ के आस पास ही स्थित है। जिस स्थान पर परशुराम ने शिवलिंग स्थापित कर जलाभिषेक किया था। उस स्थान को 'पुरा महादेव' कहते हैं। 
 
इसके बाद से यहां दूर-दूर से लोग आते हैं और हरिद्वार, गोमुख और गंगोत्री से कावड़ में गंगा जल लाकर यहां शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं।

श्री बदरीनाथ अष्टकम स्तोत्र सर्वकार्य सिद्धि हेतु पढ़ें | Shri Badrinath Ashtakam

तिरुपति बालाजी मंदिर जा रहे हैं तो जानिए 5 खास बातें

Apara ekadashi 2024: अपरा एकादशी कब है, जानें पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

Neem Puja vidhi: कैसे करें नीम के पेड़ की पूजा कि होगा मंगल दोष दूर

lakshmi puja for wealth : लक्ष्मी पूजा का है ये सही तरीका, तभी माता होंगी प्रसन्न

24 मई 2024 : आपका जन्मदिन

24 मई 2024, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

Guru ketu gochar : गुरु और केतु के नवपंचम योग से 3 राशियों को मिलेगा बड़ा फायदा

Narmada nadi : नर्मदा नदी के विपरीत दिशा में बहने का कारण जानकर रह जाएंगे हैरान

Vastu tips : वास्तु शास्त्र के अनुसार यदि घर में रखी हैं ये 5 चीजें तो तुरंत कर दें बाहर, धन की होगी हानि

अगला लेख