क्यों मनाते हैं श्रावण कृष्ण पंचमी को नाग मरुस्थले का पर्व?

Webdunia
Mauna Nag Panchami : श्रावण माह का हर दिन महत्वपूर्ण होता है। सोमवार के अलावा भी खास दिनों में व्रत करने के लाभ हैं। इसी तरह सावन माह के कृष्‍ण पक्ष की पंचमी को नाग मरूस्थले पर्व मनाया जाता है। इस दिन को मौना पंचमी भी कहते हैं। इस दिन का भी खास महत्व होता है। आओ जानते हैं कि क्यों मनाते हैं इस त्योहार को।
 
मौना पंचमी : मौना पंचमी का व्रत खासकर बिहार में नागपंचमी के रूप में मनाया जाता है। व्रत रखकर पूरे दिन मौन रहते हैं। इसीलिए इसे मौना पंचमी कहते हैं। इस दिन भगवान शिव के साथी ही नागदेव की पूजा होती है।
 
नागपंचमी 2023 : श्रावण माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी को नाग पंचमी का त्योहार धूम धाम से मनाया जाता है।
 
नाग मरुस्थले का पर्व : श्रावण माह के कृष्‍णपक्ष और शुक्ल पक्ष दोनों ही पंचमी पर नाग देव की पूजा की जाती है। अंग्रेजी माह के अनुसार इस बार कृष्ण पक्ष की पंचमी 07 जुलाई को रहेगी जिसे नाग मरुस्थले का पर्व कहते हैं। मरुस्थलीय इलाके में नागपंचमी मनाए जाने को नाग मरुस्थले पंचमी कहते हैं। मरुस्थल का अर्थ रेगिस्तान होता है।
क्या करते हैं नाग मरुस्थले पर्व पर : नवविवाहताओं के लिए यह दिन विशेष माना गया है जबकि वे 15 दिन तक व्रत रखती हैं और हर दिन नाग देवता की पूजा करती हैं और कथा सुनती है। कथा श्रवण करने से सुहागन महिलाओं के जीवन में किसी तरह की बाधाएं नहीं आती हैं।
 
कई क्षेत्रों में इस दिन आम के बीज, नींबू तथा अनार के साथ नीम के पत्ते चबाते हैं। मान्यता अनुसार ऐसा करने से ये पत्ते शरीर से जहर हटाने में काफी हद तक मदद करते हैं।
ALSO READ: नागपंचमी 2023 कब आ रही है? क्या हैं पूजा के शुभ मुहूर्त
ALSO READ: सावन माह की मौना पंचमी कब है
देवघर : झारखंड के देवघर के शिव मंदिर में इस दिन शर्वनी मेला लगता है, मंदिरों में भगवान शिव और शेषनाग की पूजा की जाती है। मौना पंचमी के दिन इन दोनों देवताओं का पूजन करने से काल का भय खत्म हो जाता है और हर तरह के संकट समाप्त हो जाते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

गुड़ी पड़वा से शुरू हो रही है 8 दिन की चैत्र नवरात्रि, हाथी पर सवार होकर आएंगी माता रानी, जानिए फल

jhulelal jayanti 2025: भगवान झूलेलाल की कहानी

चैत्र नवरात्रि पर घट स्थापना और कलश स्थापना क्यों करते हैं?

जानिए कब शुरू हो रही है केदारनाथ समेत चार धाम की यात्रा

51 शक्तिपीठों में से एक है कोलकाता का कालीघाट मंदिर, सोने से बनी है मां काली की जीभ

सभी देखें

धर्म संसार

22 मार्च 2025 : आपका जन्मदिन

22 मार्च 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

गुड़ी पड़वा के खास मौके पर अपने दोस्तों और प्रियजनों को भेजें ये सौभाग्य और समृद्धि की कामना वाले संदेश

शीतला सप्तमी-अष्टमी पर बासी खाने का भोग क्यों लगाया जाता है? क्या है इस दिन का आपकी सेहत से कनेक्शन

पापमोचनी एकादशी व्रत की पूजा विधि, उपवास रखने के मिलेंगे 10 फायदे

अगला लेख