श्रावण अधिक सोमवार कब रहेगा, क्या है इसका महत्व?

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Shravan Monday Shiva Puja : इस बार श्रावण अधिक सोमवार 24 जुलाई 2023 को पड़ रहा है। यह अधिक मास का पहला श्रावण सोमवार है। इस माह में लगातार बारिश होती है। अधिक मास में शिव पूजन का विशेष महत्व बढ़ जाता है। शिव महापुराण के अनुसार सृष्टि निर्माण से पहले केवल शिव जी का ही अस्तित्व बताया गया है। 
 
भगवान शंकर ही वह शक्ति है जिसका न आदि है, न अंत। इसका मतलब यही है कि शिव जी सृष्टि के निर्माण से पहले से हैं और प्रलय के बाद भी केवल उनका ही अस्तित्व रहेगा। चूंकि अधिक मास श्रीहरि विष्णु का माह होने के कारण शिव जी तथा नारायण की आराधना इन दिनों की जाएगी। वैसे तो अधिकतर घरों में प्रतिदिन शिव उपासना की जाती है, लेकिन पूरा श्रावण महीना ही शिव उपासना का महीना कहलाता है। जो देवों के भी देव हैं, वही महादेव हैं अर्थात्‌ भगवान शिव हैं।
 
ज्ञात हो कि हर तीन वर्ष के बाद अधिक मास लगता है। और इस बार 19 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग बना है, जब सावन में अधिक मास दाया है। अत: सावन में अधिक मास लगने से भी शिव जी की पूजा का महत्व दोगुना हो गया है। इस बार अधिकमास लगने के कारण चातुर्मास भी 5 माह का हो गया है। 
 
इस बार अधिक मास के दौरान श्रावण सोमवार 24 जुलाई, 31 जुलाई, 7 अगस्त और 14 अगस्त 2023 को पड़ रहे हैं। अत: अधिक मास के श्रावण सोमवार को शिव आराधना का महत्व अधिक माना जाता है। माना जाता है कि भगवान भोलेनाथ की भक्ति मात्र से ही मनुष्य को सभी सुख, धन, मान-सम्मान आदि प्राप्त हो जाता है। 
श्रावण अधिक मास में शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाने का भी विशेष महत्व है। 
 
शिव जी के विषपान के कारण ही श्रावण माह में शिवलिंग का दूध से अभिषेक किया जाता है। अत: श्रावण सोमवार के दिन कच्चा दूध शिवलिंग पर अवश्य ही चढ़ाना चाहिए। इससे भक्तों के सभी मनवांछित कामनाएं शीघ्र ही पूर्ण हो जाती है। इतना ही नहीं श्रावण मास में भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनकी पूजा-अर्चना, आरती आदि करना श्रेष्ठ हैं। तथा प्रतिदिन विधि-विधान से शिव जी का पूजन करने वाले भक्तों को अक्षय पुण्य की प्राप्ति भी होती है। 
 
इसीलिए अधिक श्रावण सोमवार को शिव उपासना का एक अतिरिक्त माह हमें मिल जाता है, जिसमें आप शिव जी की आराधना करके उनकी कृपा प्राप्ति प्राप्त कर सकते हैं। इतना ही नहीं श्रावण मास के सभी सोमवार को व्रत करने से सुहागिन महिलाओं को अखंड सौभाग्य और संतान प्राप्ति का वरदान मिलता है। 
 
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