सावन में भोलेनाथ के इन 10 गुणों को अपनाकर आप भी पा सकते हैं स्ट्रेस और टेंशन से मुक्ति

WD Feature Desk
शनिवार, 12 जुलाई 2025 (15:54 IST)
shiv ji ke gun: सावन का महीना केवल मौसम का बदलाव नहीं लाता, बल्कि हमारे मन-मस्तिष्क और आत्मा के लिए भी एक विशेष ऊर्जा का संचार करता है। यह महीना भगवान शिव की उपासना और साधना का काल माना जाता है। धार्मिक दृष्टि से यह अत्यंत पावन और शुभ समय होता है जब लोग व्रत, पूजा, रुद्राभिषेक, जलाभिषेक और ध्यान के माध्यम से भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सिर्फ उनकी पूजा ही नहीं, बल्कि उनके जीवन मूल्यों और गुणों को अपनाकर भी आप अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं? खासतौर पर जब आज की तेज़-रफ्तार जिंदगी में स्ट्रेस, चिंता और मानसिक अशांति आम हो गई है, तब भोलेनाथ के गुणों को आत्मसात करना बेहद लाभकारी सिद्ध हो सकता है।
 
1. वैराग्य और सरलता
भगवान शिव का जीवन वैराग्य का प्रतिरूप है। वे कभी भी भौतिक सुख-सुविधाओं के पीछे नहीं भागे, और हिमालय की गुफाओं में साधना में लीन रहे। उनके इस गुण से हमें सिख मिलती है कि अत्यधिक इच्छाओं और लालसाओं से बचकर भी सुखी जीवन जिया जा सकता है। जब आप जरूरत से ज़्यादा की चिंता छोड़ देते हैं, तो तनाव खुद-ब-खुद कम हो जाता है।
 
2. मौन और ध्यान 
भोलेनाथ अधिकतर मौन रहते हैं और ध्यान में लीन रहते हैं। वैज्ञानिक भी मानते हैं कि मेडिटेशन यानी ध्यान स्ट्रेस को कम करने का बेहद प्रभावी तरीका है। आप भी रोज़ 10-15 मिनट का मौन ध्यान करके अपने दिमाग को शांति दे सकते हैं।
 
3. क्षमा भाव, क्रोध पर नियंत्रण
शिव जी के एक प्रमुख गुणों में है क्षमा। वे त्रिपुरासुर जैसे दैत्यों को भी क्षमा कर देते हैं। यदि हम जीवन में दूसरों की गलतियों को माफ करना सीख जाएं, तो हमारे मन में नकारात्मकता और टेंशन का भार काफी कम हो जाएगा।
 
4. संतुलन 
शिव जी एक आदर्श पति, तपस्वी, योगी और भगवान हैं। वे हर भूमिका को संतुलन के साथ निभाते हैं। यही संतुलन हमें भी अपने व्यक्तिगत और प्रोफेशनल जीवन में चाहिए ताकि तनाव न बढ़े।
 
5. दिखावे से मुक्ति
शिव जी अपने शरीर पर भस्म लगाते हैं और बाघंबर धारण करते हैं। उनका यह व्यवहार हमें सिखाता है कि जीवन में सादगी अपनाकर भी गरिमा और आत्मसंतोष पाया जा सकता है। अनावश्यक दिखावे की चिंता तनाव का बड़ा कारण होती है।
 
6. नकारात्मकता को सकारात्मकता में बदलने की शक्ति
भगवान शिव ने हलाहल विष को अपने कंठ में धारण कर लिया और नीलकंठ कहलाए। यह हमें सिखाता है कि जीवन की नकारात्मक परिस्थितियों को भी धैर्य और आत्मबल से झेला जा सकता है। यही गुण मानसिक मजबूती देता है।
 
7. अपनापन और करुणा
भोलेनाथ अपने भक्तों से बेहद प्रेम करते हैं और सच्चे भाव से पुकारने पर तुरंत प्रसन्न हो जाते हैं। जब आप दूसरों के लिए अपनापन और करुणा का भाव रखते हैं, तो आपके मन का तनाव स्वतः कम हो जाता है।
 
8. योग और संयम 
शिव जी को 'योगेश्वर' भी कहा जाता है। वे महायोगी हैं। योग करने से केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही नहीं बल्कि मानसिक संतुलन भी बना रहता है। हर दिन थोड़ी देर योग करके आप अपने स्ट्रेस लेवल को काफी हद तक घटा सकते हैं।
 
9. संगीत का प्रेम 
शिव जी का डमरू संगीत का प्रतीक है। वैज्ञानिक तौर पर भी सिद्ध है कि मधुर संगीत सुनने से मानसिक तनाव कम होता है। खासकर शास्त्रीय संगीत या मंत्रों का उच्चारण आपके मस्तिष्क की तरंगों को शांत करता है।
 
10. स्वीकार्यता 
भगवान शिव भूतों के भी स्वामी हैं, उन्हें हर रूप स्वीकार है। यह गुण हमें सिखाता है कि जीवन में हर परिस्थिति को स्वीकार करना सीखें। जब आप जीवन की सच्चाई को स्वीकार कर लेते हैं, तो चिंता और तनाव अपने आप दूर हो जाते हैं।
 

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