क्या कहती है शिव महापुराण की उमा संहिता

Webdunia
इस संहिता में भगवान शिव के लिए तप, दान और ज्ञान का महत्व समझाया गया है। यदि निष्काम कर्म से तप किया जाए तो उसकी महिमा स्वयं ही प्रकट हो जाती है। अज्ञान के नाश से ही सिद्धि प्राप्त होती है। 'शिवपुराण' का अध्ययन करने से अज्ञान नष्ट हो जाता है।

इस संहिता में विभिन्न प्रकार के पापों का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि कौन-से पाप करने से कौन-सा नरक प्राप्त होता है। पाप हो जाने पर प्रायश्चित्त के उपाय आदि भी इसमें बताए गए हैं। 'उमा संहिता' में देवी पार्वती के अद्भुत चरित्र तथा उनसे संबंधित लीलाओं का उल्लेख किया गया है।

चूंकि पार्वती भगवान शिव के आधे भाग से प्रकट हुई हैं और भगवान शिव का आंशिक स्वरूप हैं, इसीलिए इस संहिता में उमा महिमा का वर्णन कर अप्रत्यक्ष रूप से भगवान शिव के ही अर्द्धनारीश्वर स्वरूप का माहात्म्य प्रस्तुत किया गया है।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

देवशयनी एकादशी 2025 में कब आएगी, सुख समृद्धि के लिए कौन से 5 उपाय करें?

जून 2025 में वाहन खरीदी, संपत्ति क्रय और गृह प्रवेश के शुभ मुहूर्त

बाबा वेंगा की भविष्यवाणी ने बढ़ाई दुनिया की धड़कनें, क्यों जुलाई में हो रहे हैं ट्रेवल प्लान कैंसल

क्या जून में भारत पर हमला करेगा पाकिस्तान, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

शनिदेव 138 दिनों तक मीन में चलेंगे वक्री चाल, 4 राशियों को होगा बड़ा लाभ

सभी देखें

धर्म संसार

Aaj Ka Rashifal: जानें राशिनुसार आपके लिए विशेष भविष्य फल, पढ़ें कैसा रहेगा 29 मई का दिन

महाराणा प्रताप की सेना के 5 बड़े योद्धा, जिन्होंने मुगलों को चटाई थी धूल

29 मई 2025 : आपका जन्मदिन

औरंगजेब को धूल चटाने वाले महाराजा छत्रसाल, छत्ता तेरे राज में, धक-धक धरती होय

29 मई 2025, गुरुवार के शुभ मुहूर्त

अगला लेख