प्रारंभ होने वाला है सावन मास, करें इस तरह शिव पूजा की तैयारी

WD Feature Desk
मंगलवार, 2 जुलाई 2024 (11:21 IST)
Shiv pooja samagri: 22 जुलाई से श्रावण मास प्रारंभ होने वाला है। इस माह में सोमवार के दिन व्रत रखने का महत्व है और प्रतिदिन शिव एवं पार्वती पूजा किए जाने का भी महत्व है। श्रावण का पूरा माह की व्रतों का रहता है। इस माह को व्रत का माह भी कहा जाता है। इस माह में यदि निवयपूर्वक व्रत और पूजा का पालन कर लिया तो जीवनभर के संकट कट जाते हैं और भगवान भोलेनाथ का आशीर्वाद मिलता है। जानें कैसे करें शिवजी की पूजा की तैयारी। ALSO READ: sawan somwar 2024 date: कब से शुरू होंगे सावन सोमवार, जानें कब कब रहेंगे सोमवार के दिन
 
श्रावण माह में व्यक्ति को पार्थिव शिवलिंग, स्वयंभू शिवलिंग, पुराणलिंग, मनुष्‍यलिंग या परद शिवलिंग की पूजा करना चाहिए। इससे भी सबसे ज्याद प्रभावकारी स्वयंभू शिवलिंग है। 
 
पूजा स्थल: अपने घर के पूजा स्थल को अभी से ही साफ सुधरा और नया कर दें। अच्छे से शिवलिंग के साथ पंचदेवों की स्थापना करें।
 
शिव पूजन में 12 चढ़ने वाली प्रमुख सामग्री : 1.जल, 2.दूध, 3.दही, 4.शहद, 5.घी, 6.चीनी, 7.ईत्र, 8.चंदन, 9.केसर, 10.भांग और 11. लाल फूल, 12. शिवा मुट्ठी (अरहर की दाल, अक्षत, गेहूं, काला तिल और मूंग की दाल)।
 
इनमें से कोई फूल अर्पित करें- 1. धतूरे के फूल, 2. हरसिंगार के फूल, 3. नागकेसर के सफेद पुष्प, 4. सूखे कमल गट्टे, 5. कनेर के फूल, 6. कुसुम के फूल, 7. आंकड़े के फूल, 8. कुश के फूल, 9. गेंदे के फूल, 10. गुलाब के फूल, 11. शंख पुष्पी का फूल, 12. बेला के फूल, 13. चमेली का फूल, 14. शेफालिका का फूल और 15. आगस्त्य।
 
शिव पार्वती पूजा सामग्री: 
हार फूल, मावे की मिठाई, पत्तियों में बिल्वपत्र, जातीपत्र, सेवंतिका, बांस, देवदार पत्र, चंपा, कनेर, अगस्त्य, भृंगराज, धतूरा, आम के पत्ते, तुलसी, अशोक के पत्ते, पान के पत्ते केले के पत्ते और शमी के पत्ते, काले रंग की गीली मिट्टी, पीले रंग का कपड़ा, जनेऊ, धूप-अगरबत्ती, कपूर, श्रीफल, कलश, अबीर, चंदन, तेल घी, दही, शहद दूध और पंचामृत, श्रृंगार में हरी चूड़िया, हरी चुनरी, आल्‍ता, सिंदूर, बिंदी मेहंदी, हरी कंघी, शीशा, काजल, कुमकुम, सुहाग पूड़ा और श्रृंगार की अन्‍य हरी चीजों की जरूरत होती है।ALSO READ: प्रथम श्रावण सोमवार का व्रत किस तारीख को है, जानें व्रत एवं पूजा विधि
 
शिवा मुट्ठी:-
प्रथम सोमवार को कच्चे चावल एक मुट्ठी अर्पित करें।
दूसरे सोमवार को सफेद तिल् एक मुट्ठी अर्पित करें।
तीसरे सोमवार को खड़े मूँग एक मुट्ठी अर्पित करें।
चौथे सोमवार को जौ एक मुट्ठी अर्पित करें।
यदि पांच सोमवार न हो तो आखरी सोमवार को दो मुट्ठी भोग अर्पित करते हैं।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

Falgun month: फाल्गुन मास के व्रत त्योहारों की लिस्ट

हवन द्वारा कैसे कर सकते हैं भाग्य परिवर्तन? जानिए किस हवन से होगा क्या फायदा

क्यों चित्रकूट को माना जाता है तीर्थों का तीर्थ, जानिए क्यों कहलाता है श्री राम की तपोभूमि

मीन राशि पर सूर्य, शनि, राहु की युति: क्या देश दुनिया के लिए खतरे का है संकेत?

महाकुंभ से लौटने के बाद क्यों सीधे जाना चाहिए घर, तुरंत ना जाएं इन जगहों पर

सभी देखें

धर्म संसार

17 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

17 फरवरी 2025, सोमवार के शुभ मुहूर्त

Weekly Horoscope: फरवरी का तीसरा सप्ताह 12 राशियों के लिए कैसा रहेगा, पढ़ें अपना साप्ताहिक भविष्यफल

Aaj Ka Rashifal: आज इन 3 राशियों को मिलेगी हर कार्य में सफलता, पढ़ें 16 फरवरी का दैनिक राशिफल

कौन है देश का सबसे अमीर अखाड़ा, जानिए कहां से आती है अखाड़ों के पास अकूत संपत्ति

अगला लेख