इस सावन मास में 11 प्रकार के अभिषेक से करें शिवजी को प्रसन्न, हर मनोकामना होगी पूर्ण

श्रावण मास में शिवजी का इन 11 प्रकार से करें अभिषेक, हर तरह का संकट होगा दूर

WD Feature Desk
सोमवार, 22 जुलाई 2024 (16:24 IST)
Rudrabhishek: 22 जुलाई से 19 अगस्त 2024 तक सावन का महीना चलेगा। इस माह में सोमवार, प्रदोष, चतुर्दशी, नागपंचमी और शिवरात्रि पर आप शिवजी का अभिषेक करें। अभिषेक कई प्रकार के होते हैं जैसे जलाभिषेक, पंचामृत अभिषेक, दुग्धाभिषेक, रुद्राभिषेक आदि। प्रत्येक अभिषेक का अपना एक अलग महत्व और फायदा है। जानें 11 प्रकार के अभिषेक के बारे में। 
 
1. जलाभिषेक : मात्र शुद्ध और पवित्र जल से अभिषेक करने पर शारीरिक एवं मानसिक ताप मिटते हैं। इससे वर्षा भी होती है। गंगा जल से अभिषेक करने से ज्वर ठीक हो जाता है। तीर्थ जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है। कुशा जल से अभिषेक करने पर रोग व दु:ख से छुटकारा मिलता है। ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगाजल से रुद्राभिषेक करें।ALSO READ: Sawan somwar 2024: सावन के दूसरे सोमवार पर करें इस शुभ मुहूर्त में शिव पूजा, इस तरह जल चढ़ाने से खुल जाएंगे भाग्य
 
2. दही अभिषेक : दही से अभिषेक करने पर पशु, भवन तथा वाहन की प्राप्ति होती है।
 
3. गन्ने के रस से अभिषेक : गन्ने के रस से अभिषेक करने पर लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
 
4. शहद से अभिषेक : मधुयुक्त जल से अभिषेक करने पर धनवृद्धि होती है। शुद्ध शहद से रुद्राभिषेक करने से पाप क्षय होते हैं। शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है। पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें।
 
5. दूध से अभिषेक : दूध से अभिषेक करने से पुत्र प्राप्ति होगी। प्रमेह रोग की शांति तथा मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। दूध-शर्करा मिश्रित अभिषेक करने से सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है। जड़बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है। पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें। गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता की भी प्राप्त होती है।
 
6. घी से अभिषेक : घी से अभिषेक करने से वंश विस्तार होता है। सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है। शहद एवं घी से अभिषेक करने से धनवृद्धि होती है।ALSO READ: Sawan somwar 2024: सावन माह में किए जाने वाले विभिन्न तरह के व्रत उपवास
 
7.  इत्र से अभिषेक : इत्र मिले जल से अभिषेक करने से रोग नष्ट होते हैं। 
 
8. सरसो तेल का अभिषेक : सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है।  सरसों के तेल से अभिषेक करने से रोग तथा शत्रुओं का नाश होता है।
 
9. गन्ने का रस : लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।
 
10. कुशोदक से रुद्राभिषेक : असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें।
 
11. शक्कर : पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शकर मिश्रित जल से अभिषेक करें। ऐसे तो अभिषेक साधारण रूप से जल से ही होता है।
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अन्य अर्पण करने से मिलता है ये लाभ: 
1. शिवलिंग पर कच्चे चावल चढ़ाने से धन-संपत्ति की प्राप्ति होती है।
2. तिल चढ़ाने से समस्त पापों का नाश होता है।
3. शिवलिंग पर जौ चढ़ाने से लंबे समय से चली रही परेशानी दूर होती है।
4. शिवलिंग पर गेहूं चढ़ाने से सुयोग्य पुत्र की प्राप्ति होती है।
5. शिवलिंग पर जल चढ़ाने से परिवार के किसी सदस्य का तेज बुखार कम हो जाने की मान्यता है।
6. शिवलिंग पर दूध में चीनी मिलाकर चढ़ाने से बच्चों का मस्तिष्क तेज होता है।
7. शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से सभी सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है।
8. शिवलिंग पर गंगा जल चढ़ाने से मनुष्य को भौतिक सुखों के साथ-साथ मोक्ष की प्राप्ति भी होती है।
9. शिवलिंग पर शहद अर्पित करना करने से टीबी या मधुमेह की समस्या में राहत मिलती है।
10. शिवलिंग पर गाय के दूध से बना शुद्ध देसी घी चढ़ाने से शारीरिक दुर्बलता से मुक्ति मिलती है।
11. शिवलिंग पर आंकड़े के फूल चढ़ाने से सांसारिक बाधाओं से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है।
12. शिवलिंग पर शमी के पेड़ के पत्तों को चढ़ाने से सभी तरह के दु:खों से मुक्ति प्राप्त होती है।
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