सब मासों में उत्तम है सावन मास...जानिए महत्व

Webdunia
सावन मास को मासोत्तम मास कहा जाता है। यह माह अपने हर एक दिन में एक नया सवेरा दिखाता है। इसके साथ जुड़े समस्त दिन धार्मिक रंग और आस्था में डूबे होते हैं। श्रवण नक्षत्र तथा सोमवार से भगवान शिव शंकर का गहरा संबंध है। 
 
हिंदू पंचाग के अनुसार सभी मासों को किसी न किसी देवता के साथ संबंधित देखा जा सकता है, उसी प्रकार श्रवण मास को भगवान शिव जी के साथ देखा जाता है इस समय शिव आराधना का विशेष महत्व होता है। 

ALSO READ: इस श्रावण में श्मशान है शिव का निवास, नहीं करें 16 सोमवार आरंभ
 
यह माह आशाओं की पूर्ति का समय होता है, जिस प्रकार प्रकृति ग्रीष्म के थपेड़ों को सहती हुई सावन की बौछारों से अपनी प्यास बुझाती हुई असीम तृप्ति एवं आनंद को पाती है उसी प्रकार प्राणियों की इच्छाओं को सूनेपन को दूर करने हेतु यह माह भक्ति और पूर्ति का अनुठा संगम दिखाता है ओर सभी की अतृप्त इच्छाओं पूर्ति करता है। 
 
इस मास के व्रत से शिव लोक की होती है प्राप्ति इस श्रावण मास में शिव भक्त ज्योतिर्लिगों का दर्शन एवं जलाभिषेक करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल प्राप्त करता है तथा शिवलोक को पाता है। महामृत्युंजय मंत्र, पंचाक्षर मंत्र इत्यादि शिव मंत्रों का जाप शुभ फलों में वृद्धि करने वाला होता है। 

ALSO READ: चमत्कारी शिव तांडव स्तोत्र (देखें वीडियो)...
 
सावन सोमवार की पवित्र और पौराणिक कथा (देखें वीडियो) 

 
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

दुनिया में कितने मुस्लिम इस्लाम धर्म छोड़ रहे हैं?

ज्येष्ठ माह के 4 खास उपाय और उनके फायदे

नास्त्रेदमस ने हिंदू धर्म के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी?

भारत ने 7 जून तक नहीं किया पाकिस्तान का पूरा इलाज तो बढ़ सकती है मुश्‍किलें

क्या जून में भारत पर हमला करेगा पाकिस्तान, क्या कहते हैं ग्रह नक्षत्र

सभी देखें

धर्म संसार

06 जून 2025, शुक्रवार के शुभ मुहूर्त

गायत्री जयंती पर जानिए गायत्री मंत्र की शक्ति

5 जुलाई को लेकर क्यों जापान के लोगों में दहशत, क्या नए बाबा वेंगा की भविष्यवाणी से डर गई है जापानी सरकार

मंगल के सिंह राशि में गोचर से 3 राशि के लोगों को रहना होगा संभलकर

निर्जला एकादशी को क्यों कहते हैं भीमसेनी एकादशी?

अगला लेख