Festival Posters

Guru Gobind Singh Jayanti 2021: आध्यात्मिक गुरु, गुरु गोविंद सिंह की जयंती

Webdunia
- प्रीतमसिंह छाबड़ा

इतिहास में गुरु गोविंद सिंह एक विलक्षण क्रांतिकारी संत व्यक्तित्व है। वे एक महान कर्मप्रणेता, अद्वितीय धर्मरक्षक, ओजस्वी वीर रस के कवि के साथ ही संघर्षशील वीर योद्धा भी थे। उनमें भक्ति और शक्ति, ज्ञान और वैराग्य, मानव समाज का उत्थान और धर्म और राष्ट्र के नैतिक मूल्यों की रक्षा हेतु त्याग एवं बलिदान की मानसिकता से ओत-प्रोत अटूट निष्ठा तथा दृढ़ संकल्प की अद्भुत प्रधानता थी तभी स्वामी विवेकानंद ने गुरुजी के त्याग एवं बलिदान का विश्लेषण करने के पश्चात कहा है कि ऐसे ही व्यक्तित्व के आदर्श सदैव हमारे सामने रहना चाहिए।  
 
गुरु गोविंद सिंहजी केवल आदर्शवादी नहीं थे, अपितु व्यावहारिक एवं यथार्थवादी थे। वे एक आध्यात्मिक गुरु थे, जिन्होंने मानवता को शांति, प्रेम, एकता, समानता एवं समृद्धि का रास्ता दिखाया। उन्होंने अपने अनुयायियों को धर्म की पुरानी और अनुदार परंपराओं से नहीं बांधा बल्कि उन्हें नए रास्ते बताते हुए आध्यत्मिकता के प्रति व्यावहारिक दृष्टिकोण दिखाया। संन्यासी जीवन के संबंध में गुरु गोविंद सिंह ने कहा- एक सिख के लिए संसार से विरक्त होना आवश्यक नहीं है तथा अनुरक्ति भी जरूरी नहीं है किंतु व्यावहारिक सिद्धांत पर सदा कर्म करते रहना परम आवश्यक है। 
 
गुरुजी ने कभी भी जमीन, धन-संपदा, राजसत्ता-प्राप्ति या यश-प्राप्ति के लिए लड़ाइयाँ नहीं लड़ीं। उनकी लड़ाई होती थी अन्याय, अधर्म एवं अत्याचार और दमन के खिलाफ। युद्ध के बारे में गुरुजी कहते थे कि जीत सैनिकों की संख्या पर निर्भर नहीं ,उनके हौसले एवं दृढ़ इच्छाशक्ति पर निर्भर करती है। जो नैतिक एवं सच्चे उसूलों के लिए लड़ता है, वह धर्मयोद्धा होता है तथा ईश्वर उसे विजयी बनाता है। 
 
गुरुजी की लड़ाई सिद्धांतों एवं आदर्शों की लड़ाई थी और इन आदर्शों के धर्मयुद्ध में जूझ मरने एवं लक्ष्य-प्राप्ति हेतु वे ईश्वर से वर माँगते हैं-'देहि शिवा वर मोहि, इहैं, शुभ करमन ते कबहू न टरौं।' 
 
गुरु गोविंद सिंहजी ने समूचे राष्ट्र के उत्थान के लिए संघर्ष के साथ-साथ निर्माण का रास्ता अपनाया। सती प्रथा, बाल विवाह, बहुविवाह, लड़की पैदा होते ही मार डालने जैसी बुराइयों के खिलाफ आवाज बुलंद की। खालसा पंथ की स्थापना (1699) देश के चौमुखी उत्थान की व्यापककल्पना थी। बाबा बुड्ढाजी ने गुरु गोविंद सिंह को मीरी और पीरी दो तलवारें पहनाई थीं। एक आध्यात्मिकता की प्रतीक थी, तो दूसरी नैतिकता यानी सांसारिकता की। देश की अस्मिता, भारतीय विरासत और जीवन मूल्यों की रक्षा के लिए समाज को नए सिरे से तैयार करने के लिए उन्होंने खालसा के सृजन का मार्ग अपनाया। 
 
खालसा के माध्यम से उन्होंने राजनीतिक एवं सामाजिक विचारों को आकार दिया। आनंदपुर साहिब के मेले के अवसर पर सिखों की सभा में 'गुरु के लिए पांच सिर चाहिए' कि आवाज लगाई जो व्यक्ति तैयार हो उसे आगे आने को कहा। एक के बाद एक पांच लोगों को परदे के पीछे ले जाया गया तथा तलवार से उनका सिर उड़ा दिया गया। इस प्रकार पांच व्यक्ति आगे आए। बाद में पांचों जीवित बाहर आए और गुरुजी ने उन्हें पंच प्यारा नाम दिया। गुरु के लिए शीश देने को तत्पर ये युवक विभिन्न जातियों और विभिन्न इलाकों से थे। 
 
एक लाहौरसे, दूसरा दिल्ली से, तीसरा गुजरात से, चौथा उड़ीसा से और पांचवां बीदर (कर्नाटक) से था। एक खत्री, एक नाई, एक जाटव, एक धोबी और एक झीवर था। पिछड़ी जाति के लोगों को अमृतपान कराकर और फिर खुद उनके साथ अमृत छककर गुरुजी ने सामाजिक एकात्मता,छुआछूत की बुराई के त्याग और 'मानस की जात एक सभै, एक पहचानबो' का महासंदेश दिया। वे सारे समाज और देश को एकसूत्र में पिरोना चाहते थे। यही भाव सारे समाज में संचरित करने के लिए खालसा के सृजन के बाद गुरु गोविंद सिंह ने खुद पंच प्यारों के चरणों में माथा टेका। 
 
सबसे बड़ी बात गुरु गोविंद सिंहजी में यह थी कि वे अपने आपको औरों जैसा सामान्य व्यक्ति ही मानते थे। वे राजाओं के दैवी अधिकारों के विरुद्ध थे तथा उनकी भर्त्सना करते थे। इस प्रकार विनम्र किंतु उच्च जीवन व्यतीत करते हुए वे भावी पीढ़ी के लिए एक अनुकरणीय आदर्शछोड़ गए। त्याग, सेवा, भक्ति एवं बलिदान की जिस ज्योति को गुरु गोविंद सिंहजी ने प्रज्वलित किया, वह युग-युग तक मानवता का पथ-प्रदर्शन करती रहेगी। 

ALSO READ: सिख धर्म के 10वें गुरु, गुरु गोविंद सिंह के 10 कार्य

ALSO READ: गुरु गोविंद सिंह की ये 6 विशेषताएं आपको पता होना चाहिए....
 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

November 2025 Weekly Horoscope: साप्ताहिक राशिफल 24-30 नवंबर, इस सप्ताह किन राशियों को मिलेगी बड़ी सफलता, जानें अपना भाग्य

Mulank 5: मूलांक 5 के लिए कैसा रहेगा साल 2026 का भविष्य?

Lal Kitab Kanya Rashifal 2026: कन्या राशि (Virgo)- राहु करेगा संकट दूर, गुरु करेगा मनोकामना पूर्ण

Shani Margi 2025: 28 नवंबर 2025 को शनि चलेंगे मार्गी चाल, 3 राशियों को कर देंगे मालामाल

Baba Vanga Prediction 2026: बाबा वेंगा की वर्ष 2026 के लिए 5 प्रमुख भविष्यवाणियां

सभी देखें

धर्म संसार

Ayodhya Dhwajarohan Utsav: अयोध्या राम मंदिर के धर्म ध्वज की विशेषताएं

Flag in Hinduism: मंदिर के शिखर पर धर्म ध्वजा क्यों फहराई जाती हैं, जानें इतिहास और महत्व

अयोध्या: श्री राम का ध्वजारोहण, सभी अटकलों का विराम

Aaj Ka Rashifal: आज का दैनिक राशिफल: मेष से मीन तक 12 राशियों का राशिफल (25 नवंबर, 2025)

25 November Birthday: आपको 25 नवंबर, 2025 के लिए जन्मदिन की बधाई!

अगला लेख