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Guru Tegh Bahadur: गुरु तेग बहादुर का 350वां शहीदी दिवस, जानें उनके 6 खास कार्य

WD Feature Desk
बुधवार, 19 नवंबर 2025 (17:03 IST)
Guru Tegh Bahadur History: गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी दिवस इस वर्ष मनाया जा रहा है, और यह भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। गुरु तेग बहादुर जी सिख धर्म के नौवें गुरु थे और उन्हें 'हिंद की चादर' के रूप में भी जाना जाता है। उनका बलिदान भारतीय धर्मनिरपेक्षता और धार्मिक स्वतंत्रता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है।ALSO READ: श्री गुरु तेग बहादुर के 350वें शहीदी पर्व को समर्पित राज्य स्तरीय कार्यक्रमों के लिए लोगो जारी
 
गुरु तेग बहादुर का शहीदी दिवस: गुरु तेग बहादुर जी ने 1675 में दिल्ली में शहादत प्राप्त की। उन्होंने मुग़ल सम्राट और औरंगजेब के धार्मिक उत्पीड़न का विरोध किया था। औरंगजेब ने जब हिंदू धर्म, विशेषकर कश्मीरी पंडितों पर अत्याचार करने शुरू किए, तब गुरु तेग बहादुर ने उनकी रक्षा के लिए अपनी शहादत दी।
 
गुरु तेग बहादुर जी ने अपने जीवन में कई महत्वपूर्ण कार्य किए, जिनमें से कुछ प्रमुख निम्नलिखित हैं:
 
गुरु तेग बहादुर के खास कार्य:
 
1. धार्मिक स्वतंत्रता का प्रतीक : गुरु तेग बहादुर ने धर्म के नाम पर होने वाले उत्पीड़न का विरोध किया और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा की। जब औरंगजेब ने कश्मीरी पंडितों को धर्मांतरण के लिए दबाव डाला, तब गुरु तेग बहादुर ने न केवल उनकी रक्षा की, बल्कि अपने प्राणों की आहुति भी दे दी।
 
2. 'हिंद की चादर' : गुरु जी को 'हिंद की चादर' के नाम से सम्मानित किया जाता है, क्योंकि उन्होंने अपनी शहादत देकर हिंदू धर्म और धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा की। उनका बलिदान धार्मिक उत्पीड़न के खिलाफ एक महान संघर्ष था।
 
3. शक्ति और साहस का प्रतीक : गुरु जी ने हमेशा धर्म, साहस और सत्य का पालन किया। उन्होंने अपनी शहादत से यह सिद्ध कर दिया कि व्यक्ति को अपने धर्म और विश्वास के लिए संघर्ष करना चाहिए, चाहे उसमें जान का जोखिम क्यों न हो।
 
4. सिखों की धर्म सेवा में योगदान : गुरु तेग बहादुर जी ने सिखों के धर्म, समाज और संस्कृति को मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कई सिख गुरुद्वारों की स्थापना की और सिख धर्म को फैलाने में मदद की।
 
5. 'जपुजी साहिब' का प्रचार : गुरु तेग बहादुर जी ने गुरु नानक देव जी के सिद्धांतों का प्रचार किया और 'जपुजी साहिब' के महत्व को भी बताया।
 
6. शस्त्र विद्या में प्रवीण : गुरु जी ने शस्त्र विद्या में भी अपनी प्रवीणता को दिखाया और सिख समाज को युद्ध की तकनीकों और आत्मरक्षा की शिक्षा दी। गुरु तेग बहादुर जी की शहादत न केवल सिख समुदाय, बल्कि पूरे देश के लिए एक प्रेरणा स्रोत बन गई। उनका जीवन, बलिदान और योगदान आज भी लोगों को धार्मिक और सामाजिक न्याय के लिए प्रेरित करता है।
 
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