कैसे बनती है नागा साधु की भभूत

अनिरुद्ध जोशी
नागा साधु की भभूत भस्म, भभूति या भभू‍त लम्बी प्रक्रिया के बाद तैयार होती है। नागा बाबा या तो किसी मुर्दे की राख को शुद्ध करके शरीर पर मलते हैं या उनके द्वारा किए गए हवन की राख को शरीर पर मलते हैं या फिर यह राख धुनी की होती है।



हवन कुंड में पीपल, पाखड़, रसाला, बेलपत्र, केला व गऊ के गोबर को भस्म (जलाना) करते हैं। इस भस्म की हुई सामग्री की राख को कपड़े से छानकर कच्चे दूध में इसका लड्डू बनाया जाता है। इसे सात बार अग्नि में तपाया और फिर कच्चे दूध से बुझाया जाता है। इस तरह से तैयार भस्मी को समय-समय पर लगाया जाता है। यही भस्मी नागा साधुओं का वस्त्र होता है।
 
नागा साधुओं का रूप : नागा साधु अपने पूरे शरीर पर भभूत मले, निर्वस्त्र रहते हैं। उनकी बड़ी-बड़ी जटाएं भी आकर्षण का केंद्र रहती है। हाथों में चिमटा, चिलम, कमंडल लिए और चरस का कश लगते हुए इन साधुओं को देखना अजीब लगता है। मस्तक पर आड़ा भभूतलगा तीनधारी तिलक लगा कर धुनी रमाकर रहते हैं।



नग्न अवस्था मे भस्मी या भभूत ही उनका वस्त्र होता है। यह भभूत उन्हें बहुत सारी आपदाओं से बचाती है, जैसे मच्‍छर या वायरल। इसे नागा साधुओं का प्रमुख श्रृंगार कहा जाता है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

मंगला गौरी व्रत कब रखा जाएगा, क्या है माता की पूजा का शुभ मुहूर्त

भविष्य मालिका की भविष्यवाणी के अनुसार तीसरा विश्‍व युद्ध कब होगा, भारत में लगेगा मिलिट्री शासन?

सावन सोमवार से संबंधित आरती चालीसा सहित महत्वपूर्ण जानकारी

अमरनाथ यात्रा शुरू, बालटाल और नुनवान आधार शिविरों से पहला जत्था रवाना

कैलाश मानसरोवर भारत का हिस्सा क्यों नहीं है? जानिए कब और कैसे हुआ भारत से अलग?

सभी देखें

धर्म संसार

शुक्र का वृषभ राशि में गोचर, 12 राशियों का राशिफल

।। महर्षि भृगु साठिका ।।

आषाढ़ माह का आशा दशमी व्रत आज, जानें राजा नल व दमयंती की कथा और पूजन विधि

Aaj Ka Rashifal: 05 जुलाई का दैनिक राशिफल, आज का दिन चमकाएगा आत्मविश्वास का सितारा

05 जुलाई 2025 : आपका जन्मदिन

अगला लेख