पत्थर खाने वाले बाबा...

Webdunia
गुरुवार, 19 मई 2016 (11:10 IST)
सालों से पत्थर खाकर जिंदा रहने वाले पत्थर खाने वाले बाबा मानते हैं कि प्रभु की कृपा और गुरु के आशीर्वाद से वो बिल्कुल ठीक हैं, और पत्थर खाने के बावजूद उन्हें कोई तकलीफ नहीं है। 
संत मनमोहन भारती महाराज 17 वर्ष की उम्र से कंकड़-पत्थर खाकर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। रोजाना सुबह से शाम में ये लगभग एक से सवा किलो पत्थर खा जाते हैं। इसलिए लोग उन्हें पत्थर खाने वाला महाराज कहते हैं। उन्होंने बताया कि 17 साल की उम्र में उन्होंने पत्थर खाने शुरू किए और तब से आज तक रोजाना पत्थर खा रहे हैं। 
 
मनमोहन भारती श्रीपंचदशनाम जूना अखाडा के संत हैं और नासिक से उज्जैन आए हैं। जूना अखाड़ा के मनमोहन भारती भूखी माता रोड नृसिंह घाट ब्रिज के नजदीक दादा गुरु महंत मणिमहेश भारती के साथ कैंप में ठहरे हुए हैं।
 
कंकड़-पत्थर खानें में न तो उन्हें दांत टूटने का डर लगता है और न ही कभी कंकड़ पत्थर खाने से उन्हें पेट दर्द या अन्य शिकायत होती है। पत्थर खाते समय वे बीचबीच में एक दो फंक्की शक्कर की जरूर लेते हैं। मनमोहन भारती के मुताबिक शक्कर इसलिये खाते हैं ताकि मुंह में गीलापन रहे। उनके मुताबिक पत्थर ही उनका भोजन है।
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

सावन सोमवार को शिवजी को किस समय, कैसे और किस दिशा में मुंह करके जलाभिषेक करें?

सिर्फ धातु के ही नहीं, श्रावण में इन 10 प्रकार के शिवलिंगों के पूजन से चमकेगा आपका भाग्य

यदि आप कावड़ यात्रा नहीं कर पा रहे हैं तो कैसे शिवजी पर जल अर्पित करें, जानिए

shravan 2025: सावन में कब कब सोमवार रहेंगे?

सावन में शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने में ना करें ये भूल वर्ना नहीं होगा पूजा से लाभ

सभी देखें

धर्म संसार

सावन माह में भगवान शिव और उनका परिवार कहां पर रहते हैं?

Aaj Ka Rashifal: प्रेम में सफलता या उलझन? जानिए 12 राशियों का आज का हाल (पढ़ें 12 जुलाई का राशिफल)

12 जुलाई 2025, शनिवार के शुभ मुहूर्त

सावन और शिव जी का क्या कनेक्शन है? सोमवार ही क्यों है भोलेनाथ को प्रिय?

सावन में रुद्राक्ष पहनने से क्या सच में होता है फायदा, जानिए क्या है ज्योतिष और अध्यात्म में रुद्राक्ष का महत्व

अगला लेख