क्षिप्रा स्नान के साथ श्रद्धालु कर रहे हैं गढ़कालिका एवं मंगलनाथ के दर्शन

Webdunia
सोमवार, 25 अप्रैल 2016 (21:00 IST)
सिंहस्थ महाकुंभ के प्रथम शाही स्नान के बाद हजारों श्रद्धालुओं का उज्जैन नगरी के विभिन्न धार्मिक महत्व के मंदिरों के साथ गढ़कालिका एवं मंगलनाथ मंदिर पर पहुंचकर दर्शन लाभ लेने एवं क्षिप्रा नदी के घाटों पर स्नान कर पुण्य लाभ लेने का क्रम जारी है। देश के कोने-कोने से आए श्रद्धालु के अलावा विदेशी नागरिक भी गढ़कालिका एवं मंगलनाथ के दर्शन कर स्वयं को धन्य कर रहे हैं।
महाकुंभ में श्रद्धालुओं का साधु-संतों और मंदिरों के दर्शन का क्रम अनवरत जारी रहेगा। मंदिरों के क्षेत्र में स्थित सिद्धवट के बाईं एवं दाईं ओर के अलावा कालभैरव, विक्रांत भैरव, अंगारेश्वर एवं भर्तृहरि घाट क्षिप्रा नदी पर श्रद्धालुओं को गहरे पानी में स्नान करने से रोकने के लिए सिद्धवट क्षेत्र में 92 एवं अन्य घाटों पर तकरीबन 100 होमगार्ड सैनिक तैनात किए गए हैं। साथ ही इन दोनों क्षेत्र के घाट पर 7 बोट भी तैनात की गई है।
 
मंदिर परिसर में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए खोया-पाया केंद्र और अस्थाई चिकित्सा केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन पर बीमार श्रद्धालुओं का उपचार किया जा रहा है। इसके अलावा इन क्षेत्रों में आने वाले श्रद्धालुओं का स्वास्थ्य परीक्षण करने की भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है।
 
सिंहस्थ महापर्व में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए अच्छी सड़क, पानी, बिजली के अलावा स्वच्छ वातावरण उपलब्ध करवाने की व्यवस्था की गई है। राज्य सरकार की कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी श्रद्धालुओं को देने के उद्देश्य से मंगलनाथ मीडिया सेंटर के माध्यम से साहित्य उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की गई है। (वार्ता)

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

वर्ष का सबसे लंबा दिन 21 जून को, जानें कारण और महत्व

26 जून से प्रारंभ होगी गुप्त नवरात्रि, जानें घट स्थापना के मुहूर्त, कैसे करें देवी आराधना और लग्नानुसार फल

पंचांग में पहले से ही लिखी थी प्लेन क्रैश की भविष्यवाणी, वायरल पंचांग में और क्या लिखा है?

योगिनी एकादशी का व्रत कब रखा जाएगा, क्या है इसका महत्व?

पुरी में क्यों होती है भगवान जगन्नाथ की अधूरी मूर्ति की पूजा, जानिए ये गूढ़ रहस्य

सभी देखें

धर्म संसार

सिर्फ 1 मिनट में जानिए योगिनी एकादशी व्रत की सरल पूजा विधि और नियम

नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी, तीसरे विश्व युद्ध की शुरुआत और खत्म होने का समय, जानिए क्या होगा इस युद्ध में

21 जून को साल के सबसे लंबे दिन पर करें ये 8 विशेष उपाय

महाभारत काल और दूसरे विश्‍व युद्ध के जैसे ग्रह संयोग, कैलेंडर भी कर रहा है मैच, क्या जीत जाएंगे हम ये जंग?

Amarnath Yatra 2025: हेलिकॉप्टर से नहीं जा सकेंगे अमरनाथ, सुरक्षा चाक चौबंद, उमर अब्दुल्ला नाराज