सिंहस्थ में चोरों का कोहराम, साधु-संत परेशान

भीका शर्मा
रविवार, 24 अप्रैल 2016 (14:50 IST)
उज्जैन। दत्त अखाड़े के भूखी माता क्षेत्र में चोरों ने साधु-संतों की नाक में दम कर दिया है। वे बाबाओं के झोले लेकर फरार हो जाते हैं। संतों में इस बात को लेकर खासा आक्रोश है। उन्होंने आज (रविवार को) इन घटनाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए चक्काजाम भी किया।
 
सिंहस्थ शुरू हुए अभी 2 दिन ही हुए हैं, लेकिन चोरी की घटनाएं बढ़ने लगी हैं। चोर बाबाओं की झोलियां लेकर फरार हो रहे हैं। इन झोलियों में पैसा, सोना, चांदी, माला, साधना का सामान, एटीएम कार्ड आदि रहते हैं।
 
संत गोविंद गिरि ने 'वेबदुनिया' को बताया कि ये लोग कई बार पांडाल चीरकर संतों का कीमती सामान लेकर फरार हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि हम प्रशासन के काम से बिलकुल नाखुश हैं। 
 
पंचदशनाम अखाड़े से जुड़े काशी के संत रघुवर गिरि ने बताया कि आज सुबह 6 बजे संतों ने भूखी माता रोड पर गुरुद्वारे के सामने चक्काजाम किया।
 
उन्होंने कहा कि एक संत की जायलो गाड़ी का शीशा तोड़कर कुछ लोग बैग लेकर फरार हो गए। उन्होंने कहा कि पायलट बाबा के एक शिष्य का झोला चोरी हो गया। इसमें 65 हजार रुपए थे। 

बाबा नृसिंह का झोला भी चोरी चला गया। इसमें गौरीशंकर कंठा (माला), जिसकी कीमत 3.50 लाख थी, समेत ऐतिहासिक महत्व के चांदी के सिक्के भी थे।
 
श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा कच्छ के महंत नृसिंह गिरि का जो गौरीशंकर कंठा चोरी गया है उसमें 65 दाने थे और हर दाने की कीमत 8 हजार रुपए थी।
 
रघुवर गिरि ने आरोप लगाया कि कई बार साधु चोरों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर देते हैं, पर पुलिस साठगांठ कर उन्हें फिर छोड़ देती है। 
Show comments

क्या कर्मों का फल इसी जन्म में मिलता है या अगले जन्म में?

वैशाख अमावस्या का पौराणिक महत्व क्या है?

शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि में होंगे वक्री, इन राशियों की चमक जाएगी किस्मत

Akshaya Tritiya 2024: अक्षय तृतीया से शुरू होंगे इन 4 राशियों के शुभ दिन, चमक जाएगा भाग्य

Lok Sabha Elections 2024: चुनाव में वोट देकर सुधारें अपने ग्रह नक्षत्रों को, जानें मतदान देने का तरीका

धरती पर कब आएगा सौर तूफान, हो सकते हैं 10 बड़े भयानक नुकसान

घर के पूजा घर में सुबह और शाम को कितने बजे तक दीया जलाना चाहिए?

Astrology : एक पर एक पैर चढ़ा कर बैठना चाहिए या नहीं?

100 साल के बाद शश और गजकेसरी योग, 3 राशियों के लिए राजयोग की शुरुआत

Varuthini ekadashi 2024: वरुथिनी व्रत का क्या होता है अर्थ और क्या है महत्व