तालिबान के नियंत्रण वाले अफगानिस्तान की सात महिला ताइक्वांडो खिलाड़ी मेलबर्न में बस गयी हैं। ऑस्ट्रेलियाई ताइक्वांडो संघ की मुख्य कार्यकारी हीथर गैरियोक ने यह जानकारी दी।
गैरियोक ने बुधवार को कहा कि इन महिला खिलाड़ियों ने पृथकवास का समय पूरा कर लिया है। इनमें से अधिकतर खिलाड़ियों की पहचान उजागर नहीं की गयी है लेकिन तोक्यो ओलंपिक में अफगानिस्तान की किसी महिला ताइक्वांडो खिलाड़ी ने हिस्सा नहीं लिया था।
गैरियोक ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान क्रेग फोस्टर ने इन खिलाड़ियों को अफगानिस्तान से बाहर निकालने में ऑस्ट्रेलियाई सरकार, ऑस्ट्रेलियाई ताइक्वांडो और ओसेनिया ताइक्वांडो के साथ मिलकर काम किया।
उन्होंने कहा, हमें वास्तव में खुशी है कि ये महिला खिलाड़ी सुरक्षित हैं और अफगानिस्तान से बाहर निकालने में मदद करने के लिये ऑस्ट्रेलियाई सरकार और ओसेनिया ताइक्वांडो की आभारी हैं। इन महिला खिलाड़ियों की जान खतरे में थी।
इन खिलाड़ियों में से एक फातिमा अहमदी ने अफगानिस्तान से बाहर निकालने में मदद करने वाले सभी पक्षों का आभार व्यक्त करते हुए कहा, मैं ऑस्ट्रेलिया आकर बहुत अच्छा महसूस कर रही हूं। हम यहां बिना किसी खतरे के सुरक्षित हैं।
अफगानिस्तान की महिला फुटबॉल टीम की खिलाड़ी उन दर्जनों खिलाड़ियों में शामिल हैं जिन्हें रिपोर्टों के अनुसार ऑस्ट्रेलिया में रहने के लिए वीजा दिया गया था।
महिला क्रिकेट पर लग चुका है प्रतिबंधतालिबान के सांस्कृतिक आयोग के उप प्रमुख अहमदुल्लाह वासिक के हवाले से नेटवर्क ने कहा कि क्रिकेट में ऐसे हालात होते हैं कि मुंह और शरीर ढका नहीं जा सकता। इस्लाम महिलाओं को ऐसे दिखने की इजाजत नहीं देता।
तालिबान के अनुसार, यह मीडिया का युग है जिसमें फोटो और वीडियो देखे जायेंगे। इस्लाम और इस्लामी अमीरात महिलाओं को क्रिकेट या ऐसे खेल खेलने की अनुमति नहीं देता जिसमें शरीर दिखता हो। तालिबान पुरूष क्रिकेट जारी रखेगा और उसने टीम को नवंबर में आस्ट्रेलिया में एक टेस्ट खेलने जाने की इजाजत दे दी है।
महिला फुटबॉलर्स से बेहत नफरत करता है तालिबान
अफगान महिला टीम का गठन 2007 में किया गया था।जहां खेल खेलने वाली महिलाओं को तालिबान के खिलाफ राजनीतिक विरोध के रूप में देखा जाता था।
अफगानिस्तान की महिला राष्ट्रीय फ़ुटबॉल टीम की कुछ खिलाड़ी 75 से अधिक यात्रियों को ले जाने वाली ऑस्ट्रेलियाई उड़ान में सवार हुईं थी।
ग्लोबल सॉकर प्लेयर्स यूनियन FIFPRO ने एक बयान में कहा था कि, "ये युवा एथलीट और एक्टिविस्ट महिलाएं खतरे की स्थिति में थी और दुनिया भर में उनके साथियों की ओर से हम उनकी सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को धन्यवाद देते हैं।"
टीम के सदस्यों को सलाह दी गई थी कि किसी भी प्रतिशोध से बचने के लिए सोशल मीडिया पोस्ट और अपनी तस्वीरें फेसबुक या ट्विटर से हटा दें। पूर्व महिला फुटबॉल कप्तान, खालिदा पोपल ने इस वाक्ये को एक "महत्वपूर्ण जीत" बताया।