कबड्डी का कैनवास बड़ा करना चाहते हैं अभिषेक बच्चन

Webdunia
शनिवार, 30 जुलाई 2016 (14:16 IST)
हैदराबाद। स्टार स्पोर्ट्स प्रो-कबड्डी लीग में जयपुर पिंक पैंथर्स टीम के मालिक और फिल्म स्टार अभिषेक बच्चन इस लीग में टीमों की संख्या को और बढ़ाना चाहते हैं ताकि इस लीग का कैनवास बढ़ा हो सके।
अभिषेक ने अपनी जयपुर टीम के फाइनल में पहुंचने के साथ कोच बलवानसिंह और कप्तान जसबीरसिंह के साथ कहा कि यह भारत का खेल है। हम चाहते हैं कि इसमें और ज्यादा टीमें आएं जिसके लिए बातचीत चल रही है। अभी यह आठ टीमों का टूर्नामेंट है और हम इसमें और टीमों को शामिल करना चाहते हैं।
 
अभिषेक ने कहा कि कबड्डी अपने चार संस्करणों में बेहद लोकप्रिय हो चुकी है और इसे देखने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। यह हमारे लिए बड़े गर्व की बात है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि इस साल हमने दो टूर्नामेंट करा दिए।
 
जयपुर टीम के मालिक ने कहा कि भारत को यदि खेलों में ताकत बनाना है तो हर खेल में लीग को आगे लाना होगा। फिर चाहे खो-खो हो या पिट्‍ठू। विभिन्न खेलों की लीग से देश में खेलों को लेकर लगातार उत्साह बढ़ रहा है और युवाओं को अपने करियर में विकल्प दिखाई दे रहा है।
 
उन्होंने कहा कि मुझे याद है मेरे पिता अमिताभ बच्चन ने गंगा की सौगंध फिल्म में कबड्डी खेली थी और मैंने उनसे कभी इसके बारे में पूछा भी था, लेकिन अगर आज कबड्डी को इस मुकाम पर देख रहे हैं तो यह इन खिलाड़ियों की बदौलत ही है, स्टेडियम खचाखच भरा है और लोग कबड्डी देखना चाहते हैं। 
 
कबड्डी और इंडियन सुपर लीग की अपनी फुटबॉल टीम के बीच किसी एक टीम को चुनने के बारे में पूछे जाने पर अभिषेक ने कहा कि मेरे लिए ऐसा करना असंभव है। कबड्डी और फुटबॉल दोनों ही मेरे दिल के बहुत करीब हैं। मैं इनके बीच कोई अंतर नहीं कर सकता। सभी खिलाड़ी मेरे भाई की तरह हैं और दोनों ही टीमें मेरी पसंदीदा टीमें है।
 
अपनी जयपुर टीम के सेमीफाइनल जीतने के बाद उन्होंने सबसे पहले किसे फोन किया इस बारे में पूछने पर अभिषेक ने कहा कि मैंने सबसे पहले ऐश और पापा को फोन किया और उन्हें बताया कि हम जीत गए हैं। जब भी कोई मैच होता है तो मैं सबसे पहले इन दोनों को ही इस बारे में बताता हूं। (वार्ता)
Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख