एशियन गेम्स : भारतीय कंपाउंड महिला और पुरुष तीरंदाजी टीमों को रजत

Webdunia
मंगलवार, 28 अगस्त 2018 (14:20 IST)
जकार्ता। भारतीय कंपाउंड तीरंदाजी टीमें मंगलवार को पीला तमगा नहीं जीत सकी और 18वें एशियाई खेलों में महिला और पुरुष दोनों वर्ग में कोरिया से हारकर उन्हें रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
 
 
पुरुष वर्ग के फाइनल में चार सेट के बाद भारतीय पुरुष (अभिषेक वर्मा, रजत चौहान और अमन सैनी) टीम कोरिया से एक अंक आगे थी लेकिन रिव्यू पर कोरिया ने एक अंक बना लिया। रिव्यू के बाद आखिरी सेट में कोरिया का एक नौ का स्कोर दस में बदल गया जिससे दोनों टीमों में 229-229 से टाई हो गया। शूटआफ में कोरिया ने एक इनर 10, एक 10 और एक नौ अंक बनाया। वहीं भारत ने दो दस और एक नौ का स्कोर किया।
 
इस हार से निराश वर्मा ने कहा कि आप ऐसे (करीबी) फाइनल के बारे में कुछ नहीं कह सकते। हवा की दिशा ने भी अहम भूमिका निभाई। आज हमारी किस्मत खराब थी। इससे पहले भारतीय महिला कम्पाउंड तीरंदाजी टीम फाइनल में दक्षिण कोरिया से हार गई जिससे टीम को रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
 
मुस्कान किरार, मधुमिता कुमारी और ज्योति सुरेखा वेन्नाम की भारतीय टीम करीबी मुकाबले में कोरियाई टीम से 228-231 से हार गई। मैच इतना रोमांचक था कि विजेता का फैसला आखिरी निशाने के बाद हुआ।
 
भारतीय टीम पहले सेट में 59-57 से आगे चल रही थी लेकिन कोरिया ने दूसरे सेट को 58-56 से अपने नाम किया। तीसरे सेट में दोनों टीमें 58-58 की बराबरी पर रही। 
 
तीन सेट के बाद दोनों टीमें बराबरी पर थी लेकिन अंतिम सेट में भारतीय निशानेबाज दबाव में आ गए जिसका फायदा कोरिया को मिला और उन्होंने सेट 58-55 से जीत कर स्वर्ण पदक अपने नाम कर लिया।
 
महिला टीम ने चार साल पहले इन खेलों में कांस्य पदक हासिल किया था। चार साल में दूसरी बार पदक जीतने वाली टीम का हिस्सा रही 22 साल की सुरेखा ने कहा कि हमने अपने पिछले प्रदर्शन में सुधार किया है जो सकारात्मक बात है। हवा के कारण हमारी परेशानी हुई लेकिन हमने अच्छा खेल दिखाया। हम अपने प्रदर्शन से खुश है। केंन्द्र सरकार से हमें अच्छी मदद मिली। (भाषा)

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख