बजरंग और विनेश के पास कद बढ़ाने का मौका, सुशील और साक्षी की अग्निपरीक्षा

Webdunia
शनिवार, 18 अगस्त 2018 (18:24 IST)
जकार्ता। पहलवान बजरंग पूनिया और आत्मविश्वास से भरी विनेश फोगाट से 18वें एशियाई खेलों में रविवार से शुरू हो रहे कुश्ती स्पर्धा में भारत के पदक की उम्मीद होगी जबकि फ्रीस्टाइल स्पर्धा में सुशील कुमार के सामने खुद को साबित करने की चुनौती होगी।
 
 
रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली साक्षी मलिक राष्ट्रमंडल खेलों में कांस्य पदक जीतने के बाद एशियाई खेलों में भी अपना पहला पदक जीतने के लिए जोर लगाएंगी। फ्रीस्टाइल कुश्ती स्पर्धा में रविवार को भारत के 6 में से 5 पहलवानों का मुकाबला है जिसमें पहली बाउट बजरंग की है। वे 65 किग्रा भार वर्ग में उज्बेकिस्तान के सिरोजिद्दीन खासानोव से भिड़ेंगे। पुरुषों के ग्रीको रोमन और महिलाओं के मुकाबले सोमवार से शुरू होंगे।
 
बजरंग ने एशियाई खेलों में आने से पहले लगातार 3 स्वर्ण पदक जीते हैं। उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों (गोल्ड कोस्ट), तिबलिसी ग्रां प्री (जॉर्जिया) और यासर दोगु अंतरराष्ट्रीय (इस्तांबुल) में सोने का तमगा हासिल किया है और वे यहां भी इस स्वर्ण पदक हासिल करने के असली दावेदार होंगे। दूसरी तरफ ओलंपिक में भारत की ओर से एकल स्पर्धा में 2 पदक जीतने वाले एकमात्र खिलाड़ी सुशील पिछले महीने जॉर्जिया में हुए तिबलिसी ग्रां प्री में हार गए थे। 4 साल में यह पहला मौका था, जब सुशील पहली बाउट में ही हारकर बाहर हो गए।
 
वे हालांकि प्रतियोगिता से पहले आत्मविश्वास से भरे दिखे। वे बहरीन के एडम बातिरोव के खिलाफ अपने अभियान की शुरुआत करेंगे। भारतीय कोच ने कहा कि प्रतियोगिता ओलंपिक की तरह चुनौतीपूर्ण है, क्योंकि ओलंपिक में भी ज्यादातर एशियाई पहलवानों का दबदबा रहता है।
 
भारतीय पुरुषों की फ्रीस्टाइल टीम के राष्ट्रीय कोच जगमंदर सिंह ने कहा कि आपको अपनी रणनीति और आक्रमण के बीच सेकंड से भी कम समय में फैसला करना होता है। यह काफी मुश्किल होगा। हमारे पुरुष और महिला खिलाड़ियों ने अच्छी तैयारी की है। उन्होंने पिछले 1 महीने में काफी कड़ा अभ्यास किया है। बिना किसी विश्राम और अवरोध के अभ्यास किया है।
 
उन्होंने कहा कि एशियाई खेलों में कभी आसान मुकाबला नहीं रहा है। यह ओलंपिक के स्तर का है। जापान की ज्यादातर महिला खिलाड़ी विश्व चैंपियनशिप बनती हैं और वे सभी यहां हैं। ग्रीको रोमन कोच कुलदीप सिंह ने कहा कि हरप्रीत सिंह (87 किग्रा) इस वर्ग में पदक की बड़ी उम्मीद होंगे। हरप्रीत को अच्छा ड्रॉ मिला है। उसने कड़ी मेहनत की है और अभ्यास के दौरान उसने काफी सुधार किया है। उसे इस बार पदक मिलना चाहिए।
 
उन्होंने 2014 एशियाई खेलों में रजत जीतने वाले बजरंग पर भी भरोसा जताया। उन्होंने कहा कि जापान और ईरान के पास मजबूत पहलवान हैं लेकिन वे दूसरे ग्रुप में हैं। बजरंग ने इससे पहले ईरान के पहलवानों को हराया था लेकिन वे सेमीफाइनल से पहले उनसे नहीं भिड़ेंगे। कुलदीप ने कहा कि सुशील को कड़ा ड्रॉ मिला है लेकिन वे मजबूत और तेज दिमाग वाले पहलवान हैं। यह उनके लिए आसान नहीं होगा लेकिन वे अपना बचाव कर लेंगे।
 
कुलदीप महिला टीम के भी कोच हैं और राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता विनेश फोगाट 50 किग्रा में चुनौती पेश करेंगी। उन्हें अच्छा ड्रॉ मिला है, क्योंकि मजबूत जापानी प्रतिद्वंद्वी (यूकी आईरी) दूसरे ग्रुप में हैं। चीन की सन यान हालांकि विनेश के ग्रुप में ही हैं जिन्होंने उन्हें रियो ओलंपिक में हराया था। इस मुकाबले में विनेश का पैर फैक्चर हो गया था।
 
उन्होंने कहा कि पिंकी को इस बार कुछ करना चाहिए। उसे सिर्फ मंगोलियाई पहलवान (सुमिया एर्डेनेचिमेग) को हराया है और वह पदक जीत सकती है। साक्षी को सिर्फ कोरियाई (जोंग सिम रिम) चुनौती से पार पाना होगा, क्योंकि ज्यादातर मजबूत पहलवान दूसरे ग्रुप में हैं। पिछले एशियाई खेलों में भारतीय दल ने 5 पदक जीते थे जिसमें से योगश्वर दत्त इकलौते स्वर्ण पदक विजेता थे।
 
भारतीय टीम इस प्रकार है-
 
पुरुष फ्रीस्टाइल : संदीप तोमर (57 किग्रा), बजरंग पूनिया (65 किग्रा), सुशील कुमार (74 किग्रा), पवन कुमार (86 किग्रा), मौसम खत्री (97 किग्रा) और सुमीत मलिक (125 किग्रा)।
 
पुरुष ग्रीको रोमन : ज्ञानेन्द्र (59 किग्रा), मनीष (67 किग्रा), गुरप्रीत सिंह (77 किग्रा), हरप्रीत सिंह (87 किग्रा), हरदीप सिंह (97 किग्रा) और नवीन (130 किग्रा)।
 
महिला फ्रीस्टाइल : साक्षी मलिक (62 किग्रा), विनेश फोगाट (50 किग्रा), पिंकी (53 किग्रा), पूजा ढांडा (57), दिव्या काकरान (68) और किरण (72)। (भाषा)

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