CWG 2018 : भारत का स्वर्णिम दिन, आठ बार गूंजा राष्ट्रगान

Webdunia
शनिवार, 14 अप्रैल 2018 (23:48 IST)
गोल्ड कोस्ट। भारतीय खिलाडियों ने 21वें राष्ट्रमंडल खेलों में 10वें दिन शनिवार को पदकों की बरसात करते हुए आठ स्वर्ण, पांच रजत और चार कांस्य सहित 17 पदक जीतकर पिछले ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों से आगे निकलना तय कर लिया है। भारत के अब 25 स्वर्ण, 16 रजत और 18 कांस्य सहित 59 पदक हो गए हैं और खेलों के अंतिम दिन रविवार को उसका कम से कम छह पदक जीतना तय है जिससे वह ग्लास्गो की कुल 64 की पदक की संख्या को पीछे छोड़ देगा।


भारत ने ग्लास्गो में 15 स्वर्ण, 30 रजत और 19 कांस्य पदक जीते थे। भारत का राष्ट्रमंडल खेलों में यह तीसरा सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हो चुका है। भारत ने 2002 के मैनचेस्टर खेलों में 30 स्वर्ण और 2010 के दिल्ली खेलों में 38 स्वर्ण जीते थे। भारत को खेलों के 10वें दिन मुक्केबाजों एमसी मैरीकॉम, गौरव सोलंकी और विकास कृष्णन, पहलवानों विनेश फोगाट और सुमित, भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा, निशानेबाज संजीव राजपूत और टेबल टेनिस खिलाड़ी मणिका बत्रा ने स्वर्ण पदक दिलाए। स्टार महिला मुक्केबाज़ मैरीकॉम ने विश्व, एशिया और ओलंपिक पदकों के बाद अब अपने करियर में पहले राष्ट्रमंडल स्वर्ण पदक की कमी को पूरा कर लिया।

मैरी (45-48 किग्रा) के स्वर्ण के अलावा गौरव सोलंकी ने भी 52 किग्रा और विकास कृष्णन ने 75 किग्रा में स्वर्ण पदक जीता जबकि अमित (46-49), मनीष कौशिक (60) और सतीश कुमार (91+) को रजत पदक मिला। भारत ने इस तरह मुक्केबाजी में तीन स्वर्ण, तीन रजत और तीन कांस्य सहित कुल नौ पदक जीते जो राष्ट्रमंडल मुक्केबाजी में उसका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। भारत ने पिछले ग्लास्गो खेलों में मुक्केबाजी में चार रजत और एक कांस्य सहित पांच पदक जीते थे।

विनेश फोगाट (50 किग्रा) और सुमित (125) ने गज़ब का प्रदर्शन करते हुए कुश्ती में स्वर्ण पदक जीत लिए जबकि ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक (62) और सोमवीर (86) को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा। विनेश और सुमित के स्वर्ण पदकों से गोल्ड कोस्ट में भारत के कुश्ती के स्वर्ण पदकों की संख्या पांच पहुंच गई और उसने पिछले ग्लास्गो राष्ट्रमंडल खेलों के पांच स्वर्ण पदकों की बराबरी कर ली। विनेश और सुमित से पहले सुशील कुमार, राहुल अवारे और बजरंग ने स्वर्ण पदक जीते थे।

भारत ने कुश्ती में अपना अभियान पांच स्वर्ण, तीन रजत और चार कांस्य सहित सभी 12 पदकों के साथ समाप्त किया। भारतीय बैडमिंटन की दो क्वीन पीवी सिंधू और सायना नेहवाल के बीच महिला एकल स्वर्ण के लिए जबरदस्त मुकाबला होगा जबकि दुनिया के नंबर एक पुरुष खिलाड़ी भारत के ही किदाम्बी श्रीकांत ने स्वर्ण पदक मुकाबले में जगह बना ली है। बैडमिंटन के स्वर्ण पदक के पांच मुकाबले खेलों के अंतिम दिन रविवार को खेले जाएंगे और इनमें से तीन में भारत की चुनौती रहेगी।

महिला एकल स्वर्ण का मुकाबला ओलंपिक रजत विजेता सिंधू और पूर्व नंबर एक सायना के बीच होगा जबकि पुरुष खिताब के लिये श्रीकांत के सामने पूर्व नंबर एक मलेशिया के ली चोंग वेई की चुनौती होगी। यह पहला मौका है जब राष्ट्रमंडल खेलों के फाइनल में भारत की दो महिला शटलर आमने- सामने होंगी। पुरुष युगल स्वर्ण के लिये सात्विकसेराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी के सामने इंग्लैंड के मार्कस एलिस और क्रिस लैंगरिज चुनौती पेश करेंगे।

भारत के बैडमिंटन में एक स्वर्ण और तीन रजत पदक पक्के हो चुके हैं। भारत ने इन खेलों में पहले ही टीम मुकाबलों का स्वर्ण पदक और महिला युगल में कांस्य पदक जीत लिया है। भारत ने ग्लास्गो में बैडमिंटन में एक स्वर्ण, एक रजत और दो कांस्य सहित चार पदक जीते थे। भारत गोल्ड कोस्ट में ग्लास्गो की बैडमिंटन संख्या को पीछे छोड़ देगा। 20 साल के नीरज चोपड़ा ने सत्र का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुये 86.47 मीटर की दूरी तक भाला फेंककर देश को ऐतिहासिक स्वर्ण पदक दिला दिया और वह इसके साथ ही इस स्पर्धा में राष्ट्रमंडल खेलों का स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीट भी बन गए।

नीरज का यह पदक भारत के लिए राष्ट्रमंडल खेलों के एथलेटिक्स इतिहास में मात्र पांचवां स्वर्ण पदक है। भाला फेंक स्पर्धा में यह भारत का पहला स्वर्ण पदक है और इन खेलों में एथलेटिक्स में तीसरा पदक है। भारत ने इसके साथ ही पिछले ग्लास्गो खेलों के एथलेटिक्स के एक स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक के प्रदर्शन की बराबरी कर ली। नीरज के स्वर्ण से पहले भारत ने महिला डिस्कस थ्रो में रजत और कांस्य पदक जीते थे। भारत का एथलेटिक्स में इन तीन पदकों के साथ अभियान समाप्त हो गया।

संजीव राजपूत ने निशानेबाज़ी स्पर्धाओं के आखिरी दिन पुरुषों की 50 मीटर राइफल थ्री पोजिशन स्पर्धा में देश को स्वर्ण पदक दिला दिया। भारत ने इस तरह इन खेलों में अपना निशानेबाजी अभियान सात स्वर्ण, चार रजत अौर पांच कांस्य सहित कुल 16 पदकों के साथ समाप्त किया। भारत ने पिछले ग्लास्गो खेलों में चार स्वर्ण, नौ रजत और चार कांस्य सहित कुल 17 पदक जीते थे।

मणिका बत्रा ने अपना स्वर्णिम अभियान जारी रखते हुये महिला एकल मुकाबले का स्वर्ण पदक जीतकर गोल्डन डबल पूरा कर लिया जबकि अचंत शरत कमल और जी साथियान ने पुरुष युगल में रजत तथा हरमीत देसाई और सनिल शेट्टी ने पुरुष युगल में कांस्य पदक जीता। भारत ने टेबल टेनिस में अब तक तीन स्वर्ण, एक रजत और एक कांस्य पदक जीत लिया है। भारत को अभी टेबल टेनिस में खेलों के अंतिम दिन रविवार को मिश्रित युगल और पुरुष एकल में कांस्य पदक मुकाबले खेलने हैं।

भारत को ग्लास्गो टेबल टेनिस में मात्र एक रजत पदक जीता था। मिश्रित युगल में दोनों भारतीय जोड़ियां आमने- सामने होंगी जिससे एक और कांस्य पदक तय है।  दीपिका कार्तिक पल्लीकल और सौरव घोषाल को मिश्रित युगल मुकाबले में शनिवार को रजत से संतोष करना पड़ा। भारत का इन खेलों में स्क्वैश में यह पहला पदक है। दीपिका और घोषाल को फाइनल में आस्ट्रेलियाई जोड़ी डोना उर्कहार्ट और कैमरून पिल्ले ने हराया।

जोशना चिनप्पा और दीपिका ने महिला युगल के सेमीफाइनल में इंग्लैंड की लारा मसारो और सारा जेन पेरी को हराकर स्वर्ण पदक मुकाबले में प्रवेश कर लिया। भारतीय जोड़ी अब रविवार को स्वर्ण के लिये न्यूजीलैंड की जोएल किंग और अमांडा लेंडस मर्फी की जोड़ी से भिड़ेगी। भारत ने पिछले ग्लास्गो खेलों में स्क्वैश में एक स्वर्ण जीता था लेकिन इस बार इस खेल में उसके पदकों की संख्या दो पहुंच जाएगी।

पुरुष और महिला हॉकी टीमों को कांस्य पदक मुकाबलों में इंग्लैंड के हाथों क्रमश: 1-2 और 0-6 से हारकर खाली हाथ रहना पड़ा। भारतीय पुरुष टीम ने पिछले दो खेलों में रजत पदक जीते थे लेकिन मनप्रीत सिंह की अगुवाई वाली भारतीय टीम अब गोल्ड कोस्ट से चौथे स्थान और खाली हाथ लौटेगी। यही हाल महिला टीम का भी रहा जिसे चौथा स्थान मिला। भारत की दोनों हॉकी टीमों ने इन खेलों में सबसे ज्यादा निराश किया जबकि दोनों से ही पदक की बड़ी उम्मीदें थीं। (वार्ता)

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