आईएसएल में गोवा को 'गोल्डन ब्वॉय' कोरोमिनास से उम्मीदें

Webdunia
मंगलवार, 13 नवंबर 2018 (19:09 IST)
मुंबई। गत वर्ष इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में गोल्डन बूट का अवार्ड जीतने वाले एफसी गोवा के फरान कोरोमिनास ने लीग के मौजूदा सत्र में भी इसी फॉर्म को बरकरार रखते हुए केरला ब्लास्टर्स के खिलाफ कमाल का प्रदर्शन किया।


एफसी गोवा के स्टार खिलाड़ी ने पिछले सत्र में 18 मैचों में 18 गोल किए थे और गोल्डन बूट का खिताब अपने नाम किया था। लीग के मौजूदा पांचवें सीजन में अभी तक उन्होंने 6 मैच खेले हैं और 8 गोल कर चुके हैं। वह नार्थईस्ट युनाइटेड के बार्थोलोमेव ओग्बेचे से 2 गोल ज्यादा करते हुए इस सीजन सबसे ज्यादा गोल करने के मामले में पहले स्थान पर है।

अपने 2 गोल अंतरराष्ट्रीय ब्रेक पर जाने से पहले खेले गए मैच केरला के खिलाफ आए थे। केरला ब्लास्टर्स के डिफेंस ने कोरोमिनास को रोकने की काफी कोशिश की लेकिन वह फिर भी अपने अंदाज में 2 गोल कर गए। उनका पहला गोल शानदार हैडर से था जिसका विपक्षी गोलकीपर के पास कोई जबाव नहीं था वहीं दूसरा गोल उन्होंने अपने अकेले की दम पर किया था।

केरला ब्लास्टर्स के कोच डेविड जेम्स ने कहा, कोरो की फीनिशिंग करने की क्षमता शानदार है। मुझे लगता है कि वह इस लीग के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी हैं। आप उन्हें मौका दो और वह आपको उसकी सजा देंगे। कोरोमिनास अभी तक हर 66 मिनट में गोल करते आ रहे और अभी तक सिर्फ एक मौका ही उन्होंने गंवाया है।

उनके बाद ओग्बेचे हैं जिनका आईएसएल में पदार्पण शानदार रहा है। ओग्बेचे का हर 90 मिनट में एक गोल करने का रिकॉर्ड है। वह अभी तक सिर्फ दो बार मौकों पर चूके हैं। इन दोनों के बाद अगर कोई है तो उस सूची में सुनील छेत्री, बेदिया, मीकू जैसे नाम हैं।

एफसी गोवा ने अभी तक इसी सीजन में 21 गोल किए हैं और कोरोमिनास के पास अपनी गोलों की संख्या को आगे ले जाने का अच्छा मौका है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

ज़रूर पढ़ें

लीड्स की हार का एकमात्र सकारात्मक पहलू: बल्लेबाजी में बदलाव पटरी पर

ICC के नए टेस्ट नियम: स्टॉप क्लॉक, जानबूझकर रन पर सख्ती और नो बॉल पर नई निगरानी

बर्फ से ढंके रहने वाले इस देश में 3 महीने तक फुटबॉल स्टेडियमों को मिलेगी 24 घंटे सूरज की रोशनी

The 83 Whatsapp Group: पहली विश्वकप जीत के रोचक किस्से अब तक साझा करते हैं पूर्व क्रिकेटर्स

क्या सुनील गावस्कर के कारण दिलीप दोषी को नहीं मिल पाया उचित सम्मान?

अगला लेख