हुएलवा (स्पेन)। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी किदाम्बी श्रीकांत ने रविवार को यहां खिताब से चूकने के बाद कहा कि विश्व चैम्पियनशिप का रजत पदक वर्षों की कड़ी मेहनत का नतीजा है।
पुरूष एकल फाइनल में सिंगापुर के लोह कीन यूऊ से 15-21 20-22 से हारने से पहले ही उनके रजत पदक ने उन्हें इस टूर्नामेंट में यह उपलब्धि हासिल करने वाला पहला भारतीय बना दिया।
28 वर्षीय ने कहा कि पिछले कुछ टूर्नामेंट में मैं काफी अच्छा खेला और कुछ टूर्नामेंट में इस साल मैं अच्छा नहीं खेल पाया लेकिन फिर विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल तक पहुंचना, मैंने इसके लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की है और मैं आज यहां खड़ा होकर सचमुच बहुत खुश हूं।
उन्होंने कहा कि मैं यह कड़ी मेहनत करना जारी रखने की कोशिश करूंगा। यह एक प्रक्रिया है और अगले साल अन्य कई टूर्नामेंट हैं जैसे राष्ट्रमंडल खेल, एशियाई खेल, विश्व चैम्पियनशिप तो इसलिये अगला साल काफी बड़ा होगा। इसलिये मैं सकारात्मक बने रहने की कोशिश करूंगा।
श्रीकांत इस समय विश्व रैंकिंग में 14वें स्थान पर हैं। उन्होंने कहा कि यह शानदार हफ्ता रहा। आज भी दोनों गेम में मेरे पास मौका था। मैंने पहले में अच्छी बढ़त बनायी हुई थी और दूसरे गेम में 18-16 से आगे था। लेकिन आज मैं मैच खत्म नहीं कर पाया। लोह सचमुच अच्छा खेला।