भारतीय हॉकी खिलाड़ी खेलगांव में फर्नीचर की कमी से परेशान

Webdunia
सोमवार, 1 अगस्त 2016 (17:21 IST)
रियो डी जेनेरो। रियो ओलंपिक के खेलगांव में खिलाड़ियों का ठहरना शुरू हो गया है लेकिन खिलाड़ियों के कमरे में फर्नीचर की कमी महसूस की जा रही है। भारतीय हॉकी खिलाड़ियों को फर्नीचर की कमी की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है।
           
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के मुख्य कोच रोलैंट ओल्टमैंस ने भारतीय दल प्रमुख राकेश गुप्ता को एक ईमेल भेज कर इस समस्या से अवगत कराया है। दल प्रमुख को अपनी ईमेल में ओल्टमैंस ने कहा, हमने इस बात पर बातचीत की थी कि खेलगांव के अपार्टमेंट में पूरी तरह फर्नीचर नहीं हैं। 
 
ओलंपिक की लंबी अवधि में खिलाड़ियों को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए छह व्यक्तियों के अपार्टमेंट में उचित संख्या में कुर्सियों और टेबल की जरूरत है। अभी जो स्थिति है उसमें प्रत्‍येक अपार्टमेंट में दो ही कुर्सियां हैं। 
            
ओल्टमैंस ने कहा, पुरुष और महिला हॉकी टीमों के लिए  हम नौ अपार्टमेंट इस्तेमाल कर रहे है और इनमें हमें 28 कुर्सियों की कमी है। इसके अलावा सात अपार्टमेंट में हमें कम से कम एक टेबल की जरूरत है। स्टाफ अपार्टमेंट में हम कुछ टेबल लाने में सफल रहे हैं। 
 
मुख्य कोच ने कहा, आपने पहले बताया था कि भारतीय ओलंपिक संघ और आयोजकों की तरफ से किसी व्यवस्था की कोई संभावना नहीं है। हमें बाहर बाजार से कुर्सियां खरीदने के लिए अनुमति की जरूरत है, ताकि खिलाड़ियों को ओलंपिक के दौरान पीठ की चोट से बचाया जा सके। 
                    
उन्होंने कहा, ओलंपिक के दौरान हम चाहते हैं कि हमारे खिलाड़ियों के लिए विपक्षी टीमों के मैचों को टीवी पर देखने की संभावना हो ताकि खिलाड़ी इन विपक्षी टीमों के खिलाफ आगामी मैचों के लिए खुद को तैयार कर सकें।
          
इस बीच दल प्रमुख राकेश गुप्ता ने अपना टीवी भारतीय टीम को उपलब्ध कराया है ताकि उन्हें मैच देखने में कोई परेशानी न हो। हालांकि ओल्टमैंस कुछ और टीवी किराए पर लेना चाहते हैं और इसके लिए उन्होंने गुप्ता से अनुमति लेने को कहा है।
                   
ओल्टमैंस ने खुद कुर्सियां किराए पर लेने की कोशिश की लेकिन खेलगांव में कुर्सियां ही उपलब्घ नहीं हैं। गुप्ता ने टीम को कुछ कुर्सियां दिलाई हैं लेकिन वह सभी खिलाड़ियों के लिए पर्याप्त नहीं हैं। ओल्टमैंस ने दल प्रमुख से इस परेशानी का जल्द से जल्द हल ढूंढने को कहा है। (वार्ता) 
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