भारत की मिश्रित टीम ने रविवार को जर्मनी के राइन-रुहर में चल रहे एफआईएसयू वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 में बैडमिंटन में ऐतिहासिक कांस्य पदक अपने नाम किया। यह इस स्पर्धा में भारत का बैडमिंटन में पहला पदक है।
एफआईएसयू वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में बैडमिंटन को 2007 से शामिल किया गया था, लेकिन यह पहली बार है जब भारत ने इस खेल में पोडियम पर जगह बनाई है। भारत ने क्वार्टरफाइनल में मलेशिया को कड़े मुकाबले में 3-2 से हराकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया, जिससे कांस्य पदक पक्का हो गया। प्रतियोगिता में दोनों सेमीफाइनल हारने वाली टीमों को कांस्य पदक दिया जाता है। यह इस बार के एफआईएसयू वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भारत का पहला पदक भी है।
सेमीफाइनल में भारत का मुकाबला चीनी ताइपे से हुआ। पुरुष एकल में भारत के सतीश कुमार करुणाकरण ने पहला मैच खेला, लेकिन वे सु ली यांग से 1-2 से हार गए। इसके बाद महिला एकल में देविका सिहाग ने शानदार प्रदर्शन करते हुए हुआंग चिंग पिंग को 2-0 से हराकर स्कोर 1-1 से बराबर कर दिया। हालांकि, इसके बाद चीनी ताइपे ने बढ़त बना ली। पुरुष युगल में सनीथ दयानंद और सतीश कुमार करुणाकरण की जोड़ी को चेन झी-रे और लिन यू चिएह के खिलाफ 0-2 से हार का सामना करना पड़ा।
महिला युगल में तस्नीम मिर और वर्षिणी विश्वनाथ श्री की जोड़ी भी हू यिन हुई और यांग चू युन से 2-0 से हार गई। इस हार के साथ भारत की सेमीफाइनल में हार तय हो गई, और फिर मिश्रित युगल मुकाबला नहीं खेला गया।
ग्रुप स्टेज में भारत ने मकाऊ चाइना को 5-0 से हराया, जबकि हांगकांग के खिलाफ उसे 2-3 से करीबी हार मिली। राउंड ऑफ 16 में भारत ने अमेरिका को 3-1 से हराकर क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई थी।भारत इस समय एफआईएसयू पदक तालिका में 29वें स्थान पर है, उसके खाते में केवल एक पदक है। राइन-रुहर 2025 खेलों में 300 से अधिक भारतीय एथलीट हिस्सा ले रहे हैं। यह टूर्नामेंट 27 जुलाई तक चलेगा। इसमें 18 खेलों में पदकों के लिए मुकाबले हो रहे हैं।(एजेंसी)