नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दिव्यांग खिलाड़ियों के जज्बे को सलाम करते हुए कहा है कि वे इसी तरह आगे बढ़ें, खेलते रहें और खिलते रहें।
मोदी ने आकाशवाणी से प्रत्येक माह प्रसारित 'मन की बात' कार्यक्रम में रविवार को कहा कि अभी कुछ ही दिन पहले फिनलैंड में जूनियर अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 400 मीटर दौड़ में भारत की बहादुर बेटी और किसान पुत्री हिमा दास ने स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया था।
देश की एक और बेटी एकता भयान ने मेरे पत्र के जवाब में इंडोनेशिया से मुझे ई-मेल किया है और अभी वे वहां एशियाई खेलों की तैयारी कर रही हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि ई-मेल में एकता लिखती हैं- किसी भी एथलीट के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण क्षण वो होता है, जब वह तिरंगा पकड़ता है और मुझे गर्व है कि मैंने वह कर दिखाया। एकता, हम सबको भी आप पर गर्व है। आपने देश का नाम रोशन किया है। ट्यूनीशिया में विश्व पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री में एकता ने स्वर्ण और कांस्य पदक जीते। उनकी यह उपलब्धि विशेष इसलिए है कि उन्होंने अपनी चुनौती को ही अपनी कामयाबी का माध्यम बना दिया।
मोदी ने कहा कि बेटी एकता का 2003 में सड़क दुर्घटना के कारण शरीर का नीचे का हिस्सा नाकाम हो गया था, लेकिन इस बेटी ने हिम्मत नहीं हारी और खुद को मजबूत बनाते हुए ये मुकाम हासिल किया। एक और दिव्यांग योगेश कठुनिया ने बर्लिन में पैरा एथलेटिक्स ग्रां प्री में डिस्कस थ्रो में स्वर्ण जीतकर विश्व रिकॉर्ड बनाया है। उनके साथ सुंदर सिंह गुर्जर ने भी भाला फेंक में स्वर्ण जीता है। उन्होंने कहा कि मैं एकता, योगेश और सुंदर सिंह आप सभी के हौसले और जज्बे को सलाम करता हूं, बधाई देता हूं। आप और आगे बढ़ें, खेलते रहें, खिलते रहें। (वार्ता)