निखत जरीन ने हाल ही में विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता लेकिन वह आक्रामक सिर्फ रिंग के अंदर है बाहर नहीं ऐसा एक उदाहरण सबके सामने दिया है।जरीन ने 19 मई को इस्तांबुल में आयोजित महिला विश्व चैम्पियनशिप के 52 किग्रा के फाइनल में थाईलैंड की जितपोंग जुतामास पर 5-0 की आसान जीत दर्ज की। वह विश्व चैंपियन बनने वाली सिर्फ पांचवीं भारतीय मुक्केबाज हैं।
बुधवार सुबह उन्होंने अपना और ओलंपिक मेडल जीतने वाली मैरी कॉम का साथ में फोटो ट्वीट किया जिसका कैप्शन था- कोई भी जीत अपने आदर्श के आशीर्वाद के बिना अधूरी है।
पुराना है दोनों के बीच में विवाद
गौरतलब है कि मैरी कॉम और निखत जरीन के बीच संबंध अच्छे नहीं रहे हैं।जरीन ने दो साल पहले तत्कालीन खेल मंत्री किरेन रिजिजू को पत्र लिखकर ओलंपिक क्वालीफायर के लिये निष्पक्ष ट्रायल करवाने का आग्रह किया था। इस कारण जरीन को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया गया था, जबकि एमसी मेरीकॉम ने कड़े शब्दों में पूछा था कौन निखत ज़रीन?जरीन इसके बाद ट्रायल में मेरीकॉम से हार गयी जिससे वह तोक्यो ओलंपिक में जगह नहीं बना पायी।इस वाक्ये के बाद दोनों में मनमुटाव भी काफी बढ़ गया था।समय का फेर देखिए एक बार मैरी कॉम ने कहा था कि वह निखत जरीन को नहीं जानती और अब निखत अगली मैरी कॉम बनने को तैयार खड़ी है। शायद यही कारण रहा कि मैरी कॉम ने भी निखत जरीन के साथ फोटो खिंचवाना सही समझा और कड़वी यादों को अलविदा कहने में ही भलाई समझी।
महिला जूनियर एवं युवा विश्व मुक्केबाजी चैम्पियनशिप 2011 में स्वर्ण पदक जीतने वाली जरीन को कई बार मैरीकोम के लगातार अच्छे प्रदर्शन के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ज्यादा मौके नहीं मिले।
जरीन ने मंगलवार को भारतीय खेल प्राधिकरण और राष्ट्रीय महासंघ (बीएफआई) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित सम्मान समारोह के दौरान कहा, मुझे खुशी है कि मैंने देश के लिए विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता है। मैं भविष्य में और अधिक मेहनत करना चाहूंगी और भारत के लिए पदक जीतती रहूंगी।
एशियाई चैम्पियनशिप 2019 की कांस्य पदक विजेता जरीन ने कहा, ओलंपिक मेरा अंतिम लक्ष्य है लेकिन वहां सफलता हासिल करने के लिए मुझे बहुत मेहनत करनी होगी क्योंकि मुझे पता है कि ओलंपिक कितनी बड़ी प्रतियोगिता है। मैंने अब तक जितनी मेहनत की है, उससे दोगुना मेहनत करनी होगी।उन्होंने कहा, अब मुझ पर अधिक जिम्मेदारी है।
उन्होंने कहा, मुक्केबाजी में मेरी अब तक की यात्रा अच्छी रही है। यह आसान नहीं रहा है क्योंकि मैंने काफी उतार-चढ़ाव देखे हैं। लेकिन इस उतार -चढ़ाव से मैं आज जहां हूं वहां पहुंचने के लिए काफी प्रेरणा मिली है।