भारत जूनियर विश्व कप हॉकी खिताब से एक कदम दूर...

Webdunia
शुक्रवार, 16 दिसंबर 2016 (21:46 IST)
लखनऊ। 15 वर्ष बाद खिताब जीतने के लक्ष्य के साथ यहां उतरी भारतीय जूनियर टीम शुक्रवार को पुरुष जूनियर विश्व कप हॉकी चैम्पियन बनने से महज एक कदम दूर है। भारत ने आज नायाब प्रदर्शन कर ऑस्ट्रेलिया को पेनल्टी शूटआउट में 4-2 से मात दी। 18 दिसंबर को खेले जाने वाले खिताबी मुकाबले में भारत की टक्कर बेल्जियम से होगी। बेल्जियम गत दो बार के विजेता जर्मनी को पेनल्टी शूटआउट में ही 4-3 से हराकर फाइनल में जगह बनाई।
भारत ने पिछली बार 2001 में खिताब जीता था और आखिरी बार 2005 में हालैंड के रोटर्डम में हुए विश्व कप में उसने सेमीफइनल में जगह बनाई थी जबकि बेल्जियम ने पहली बार फाइनल में जगह बनाई। तेज गति से हुए दूसरे सेमीफाइनल में निर्धारित समय तक मुकाबला 2-2 से बराबरी पर रहने के बाद पेनल्टी शूटआउट के जरिए  निर्णय हुआ और मेजबान भारतीय टीम ने खुद पर गजब का नियंत्रण रखते मुकाबला 4-2 से अपने नाम कर लिया। घरेलू दर्शकों के लिए यह एक यादगार मौका था कि टीम ने इस मेगा टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाई। 
 
ऑस्ट्रेलिया ने अपनी छवि के अनुरुप शुरुआत की और 14 वें मिनट में ही टॉम क्रेग के गोल की बदौलत बढ़त बनाई। पहले हाफ तक स्कोर 1-0 से ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में रहा लेकिन दूसरे हाफ में जैसे खेल का अंदाज ही बदल गया हो। 
गुरजंत सिंह ने 42 वें और मंदीप सिंह ने 48 वें मिनट में दो गोल कर आश्चर्यजनक रूप से भारत को 2-1 की बढ़त पर ला दिया। सांसों को रोक देने वाले इस मैच में ऑस्ट्रेलिया को 57 वें मिनट में बराबरी करने का मौका मिल गया जब लैचलान शार्प ने मैदानी गोल कर स्कोर 2-2 से बराबर कर दिया।
        
निर्धारित समय तक कोई और गोल नहीं किया जा सका और निर्णय के लिए  पेनल्टी शूटआउट का सहारा लिया गया। ऑस्ट्रेलिया का पेनल्टी शूटआउट में निराशजनक प्रदर्शन रहा। उसकी तरफ से ब्लैक गोवर्स तथा जैक ह्वलेच ही निशाने साध सके जबकि विजेता टीम की तरफ से हरजीत सिंह, हरमनप्रीत सिंह, सुमित तथा मनप्रीत जूनियर ने निशाने साधे। मनप्रीत के गोल दागते ही पेनल्टी शूटआउट में 4-2 के स्कोर के साथ भारत की जीत सुनिश्चित हो गई और दर्शक खुशी से झूम उठे। 
       
इससे पहले बेल्जियम ने पहले सेमीफाइनल में गत विजेता जर्मनी को एक रोमांचक संघर्ष में पेनल्टी शूटआउट में 4-3 से हराकर फाइनल में जगह बनाई। बेल्जियम की टीम पहली बार टूर्नामेंट के फाइनल में पहुंची है। दोनों ही टीमों के बीच शुरुआत से एक-एक गोल के लिए कड़ा संघर्ष देखने को मिला। दोनों ही टीमों ने मजबूत रक्षापंक्ति का नजारा पेश किया। मुकाबले में आक्रामक तथा रक्षात्मक खेल का शानदार मिश्रण था। पहला हाफ गोल रहित बराबरी पर रहने के बाद दूसरा हाफ भी गोलरहित रहा। निर्धारित समय में दोनों टीमों के गोलरहित बराबरी पर निर्णय पेनल्टी शूटआउट का सहारा लिया गया जहां बेल्जियम ने एक अंक के अंतर से बाजी मार ली।
                   
पेनल्टी शूटआउट में जर्मनी की तरफ से जोहांस ग्रोव ,ओले प्रिंज तथा कोंस्टेंटिन स्टैब ने निशाने साधे जबकि विजेता बेल्जियम की तरफ से निकोलस प्रोंसलेट,आर्थर डी स्लूवर ,हेनरी रेज तथा राबर्ट रूबंस ने निशाने साधे और अपनी टीम को रोमांचक जीत दिलाकर इतिहास में नाम दर्ज करा दिया। इस हार के साथ जर्मनी की खिताबी जीत की हैट्रिक बनाने तथा ओवरआल इस चैंपियनशिप को सातवीं बार जीतने का सपना टूट गया। (वेबदुनिया/वार्ता)
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