नई दिल्ली। भारत के सर्वकालिक महान खिलाड़ी सुशील कुमार, रियो ओलिम्पिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक और इस साल शानदार प्रदर्शन करने वाले बजरंग पूनिया प्रो रेसलिंग लीग में मुख्य आकर्षण होंगे, जबकि विदेशी खिलाड़ियों में ओलिम्पिक और विश्व चैम्पियन अमेरिका की हेलेन मारुलिस पर भी सबकी निगाहें होंगी। राजधानी दिल्ली के केडी जाधव हॉल में नौ जनवरी से इस लीग की शुरुआत हो रही है।
सुशील ने कहा : सुशील ने कहा कि वे पीडब्ल्यूएल में पहली बार भाग लेने को लेकर बेहद रोमांचित हैं। यह लीग पहलवानों के लिए एक नियमित सालाना प्रतियोगिता बन गई है। लीग में कुश्ती प्रेमियों की रुचि, इनामी राशि और टीवी दर्शकों में जबर्दस्त इजाफा इसके आयोजन में चार-चांद लगाते हैं। भारतीय पहलवान सुशील ने लीग की लोकप्रियता में दोगुना इजाफा होने का विश्वास जताया है। सुशील व्यक्तिगत खेलों में ओलिम्पिक में दो पदक जीतने वाले देश के इकलौते खिलाड़ी हैं। इसके अलावा कुश्ती में विश्व चैम्पियनशिप का गोल्ड भी उनके नाम है। सुशील ने इसके अलावा राष्ट्रमंडल खेलों में दो स्वर्ण और राष्ट्रमंडल चैम्पियनशिप में चार स्वर्ण पदक जीते हैं और अपने पांचवें स्वर्ण पदक के लिए वे जल्द ही दक्षिण अफ्रीका जाएंगे।
नौ महीने बाद वापसी की : हाल ही में सुशील ने इंदौर में राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में नौ महीने बाद वापसी की और 74 किलो के फ्रीस्टाइल वर्ग में स्वर्ण पदक जीता। लीग में आकर्षण का केंद्र रहने वाली दूसरी खिलाड़ी हेलेन की बात की जाए, तो वह ओलिम्पिक और विश्व चैम्पियनशिप की मौजूदा चैम्पियन हैं। उन्होंने रियो ओलिम्पक में महिलाओं के 53 किलोग्राम वर्ग में स्वर्ण पदक हासिल किया था और हाल में पेरिस में हुई विश्व चैम्पियनशिप में भी सोना जीता। इसी तरह बजरंग पुनिया ने पिछले दिनों अंडर-23 की विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक हासिल किया था। इसके अलावा वह एशियाई चैम्पियनशिप और एशियाई इंडोर खेलों के भी स्वर्ण पदक विजेता हैं, वहीं साक्षी ने ओलिम्पिक पदक के बाद इस साल एशियाई चैम्पियनशिप में रजत पदक हासिल किया है।
वापसी से युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी : भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि सुशील ने भारतीय कुश्ती के लिए कई गौरवशाली लम्हे जुटाए हैं। हम उनकी उपलब्धियों के लिए उनकी सराहना करते हैं। उनकी वापसी भारतीय कुश्ती के लिए एक अच्छा संकेत है। इससे युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा मिलेगी। साथ ही बजरंग लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं और साक्षी महिला कुश्ती में नई पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा हैं।