विंबलडन : एंडरसन का धमाका, तोड़ा फेडरर के नौवें खिताब का सपना

मयंक मिश्रा
गुरुवार, 12 जुलाई 2018 (13:44 IST)
बुधवार को मैच हारने के बाद रोजर फेडरर ने कहा कि यह एक ऐसा मैच था की मैं सोच रहा था की बस निकल जाए, मगर ऐसा नहीं हुआ। फेडरर ने पहले दोनों सेट जीतने और तीसरे सेट में मैच पॉइंट तक पहुंचने के बाद भी मैच गवां दिया।
 
 
कहा जाता है की फेडरर अगर जीतते हैं तो उनकी वजह से ही और हारते हैं भी उनके ही वजह से ही। बुधवार को एंडरसन की तारीफ करनी होगी की पहले दो सेट हारने के बावजूद भी उन्होंने उम्मीद नहीं छोड़ी थी। शायद उनको इन दोनों सेटों में लग गया था की फेडरर अच्छा नहीं खेल रहे हैं और उन्होंने मैच पॉइंट बचाते हुए जब तीसरा सेट जीता था तब से ही फेडरर के हारने की बातें शुरू हो गई थी।
 
क्योंकि फेडरर इसके बाद एंडरसन की सर्विस पर ज्यादा दबाव नहीं बना पा रहे थे। जबकि उनकी सर्विस लगभग हर बार ड्यूस तक जा रही थी। बाकी की कसर दर्शकों के ऐन मौके पर बोलने से फेडरर का गलती करना और सर्विस करने से ठीक पहले एक हवाई जहाज के गुजरने से फेडरर का ध्यान भटकने के कारण डबल फॉल्ट करने से पूरी हो गई थी।
 
सर्विस ब्रेक करके एंडरसन ने अपनी सर्विस बचाकर मैच जीत लिया। एंडरसन इससे पहले कभी फेडरर से एक सेट तक नहीं जीते थे। उन्होंने फेडरर को हराकर टूर्नामेंट का सबसे बड़ा उलटफेर कर दिया है। अब उनको इस्नेर से खेलना है जो खुद राओनिच को हराकर एक उलटफेर कर चुकें हैं।
 
फेडरर लगभग दो सालों बाद सेंटर कोर्ट की जगह कोर्ट नंबर 1 पर खेल रहे थे और उनको यह कोर्ट रास नहीं आया। वहीँ जोकोविच और निशिकोरी के मैच को सेंटर कोर्ट पर रखा गया था। जिसके लिए खुद जोकोविच ने सिफारिश की थी और उन्हे यह कोर्ट काफी रास आया। निशिकोरी और उनके बीच हुई कुछ रैलियों ने दर्शकों की सांसे रोक दी थी। वहीँ जोकोविच को देखकर यह बताना मुश्किल हो रहा था की वे क्ले कोर्ट पर खेल रहें हैं या ग्रास कोर्ट पर।
 
क्योंकि वे काफी स्लाइड कर रहें थे और ऐसा कर पाना बेहद मुश्किल काम है। निशिकोरी के सीधे हाथ की कोहनी उनको परेशान किए हुई थी मगर इसका असर उनके शॉट्स पर दिखाई नहीं दे रहा था। उनके हारने की वजह जोकोविच का बेहद आक्रामक खेलना था। जोकोविच ने मैच के पहले वर्ल्ड कप के मैच में इंग्लैंड की जगह क्रोएशिया को समर्थन देकर अपने आक्रामक रूख को पहले ही बता दिया था।
 
इसके पीछे की वजह यहां के दर्शकों का उनके साथ अच्छा बर्ताव नहीं करना ही था। फेडरर के बाहर हो जाने के बाद अब ख़िताब दावेदारों में सबसे आगे चल रहे नडाल से जोकोविच को खेलना है। जिन्होंने टूर्नामेंट में अभी तक के सबसे रोमांचक मैच में डेलपोत्रो को पांच सेटों में हराया।
 
डेलपोत्रो ने कहा था कि हर कोई चाह रहा है की फेडरर और नडाल के बीच फ़ाइनल हो। वे ऐसा होने से रोक सकते हैं, वैसे यह काम एंडरसन ने कर दिया था। डेलपोत्रो नडाल को भी बाहर करने के काफी करीब आ गए थे। वे एक समय नडाल से एक के मुकाबले दो सेट जीतकर आगे चल रहे थे। उनके शॉट्स और सर्विस नडाल से संभल नहीं रहे थे। चौथे सेट में एक ख़राब सर्विस गेम के बाद मैच बदल गया। नडाल ने इस गेम में सर्विस ब्रेक करके मैच जीत सकने के ख्वाब को जिंदा रखा, और इसके बाद अपनी सर्विस मैच में फिर ब्रेक नहीं होने दी।
 
आखिरी सेट में एक बार और डेलपोत्रो की सर्विस ब्रेक करके नडाल ने एक और बड़े उलटफेर की आशंकाओं को ख़त्म कर दिया था। मैच के बाद एक सिक्योरिटी ऑफिसर ने बताया की ऐसा मैच उन्होंने आजतक नहीं देखा। वे कई सालों से सेंटर कोर्ट पर काम कर रहे हैं।

इस मैच के दौरान ही फुटबॉल वर्ल्ड कप का मैच भी शुरू हुआ था और इंग्लैंड के गोल करने की जानकारी दर्शकों में से से आई आवाज से पता चली थी। इसके बाद दर्शकों का ध्यान फुटबॉल मैच की तरफ गया ही नहीं, क्योंकि नडाल-डेलपोत्रो ने ऐसा होने नहीं दिया। पांच घंटों तक चले इस रोमांचक मैच को देखने वाले दर्शकों को किसी और मैच को नहीं देख पाने का कोई मलाल नहीं रहा होगा। 
 
गुरुवार को महिलाओं के सेमीफाइनल मैच होना है। पहले मैच में ऑस्टेपेन्को को कर्बर से खेलना है। ऑस्टेपेन्को से हारने वालीं शिबुल्कोवा का कहना था कि उन्हें ऐसा लगा कि वे यहां की विजेता से हारी हैं। ऑस्टेपेन्को विंबलडन में इस साल अभी तक एक भी सेट नहीं हारी हैं। जिस अंदाज में उन्होंने फ्रेंच ओपन जीता था वे उसी आक्रामक अंदाज से खेल रही हैं। 
 
वहीँ कर्बर यहां तक अपने मजबूत डिफेंस के साथ पहुंचीं हैं। यह मैच एक अच्छे अटैक और डिफेन्स के बीच होना लग रहा है। वहीँ दूसरे सेमीफाइनल में सेरेना को जूलिया से खेलना है। जूलिया को सेरेना पहले दो बार हरा चुकीं हैं। इन दोनों मैचों में जूलिया कुल 8 गेम ही जीत पाई हैं। इस मैच में कई बातें बदलीं हुई है। देखतें हैं रिजल्ट में क्या बदलाव होता है। वैसे यह विंबलडन में भविष्वाणी करना खतरे से खाली नहीं है। खासकर महिलाओं के मैचों में। (फोटो साभार- ट्विटर)

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