भारत फिलहाल दो स्वर्ण, तीन रजत और दो कांस्य पदक सहित कुल सात पदक के साथ चौथे स्थान पर चल रहा है। इंग्लैड छह स्वर्ण, छह रजत और तीन कांस्य पदक के साथ शीर्ष पर है।
पुरुष 56 किग्रा वर्ग में सुखेन ने कुल 248 किग्रा (109 और 139) वजन उठाकर शीर्ष स्थान हासिल किया। उन्होंने स्नैच में 109 जबकि क्लीन एवं जर्क में 139 किग्रा वजन उठाया। भारत के ही गणेश माली कुल 244 किग्रा (111 और 133 किग्रा) वजन उठाकर कांस्य पदक जीतने में सफल रहे। इस स्पर्धा का रजत पदक मलेशिया के जुल्हेमी पिसोल ने जीता जिन्होंने 245 किग्रा (108 और 137) वजन उठाया।
इससे पहले संजीता ने महिला 48 किग्रा वर्ग में स्वर्ण पदक के साथ भारत को खेलों का पहला सोने का तमगा दिलाया। सेखोम मीराबाई चानू भी इसी स्पर्धा में रजत पदक जीतने में सफल रही।
जूडो में नवजोत चाना और सुशीला लिकमाबम ने रजत पदक जीते जबकि कल्पना थोडम कांस्य पदक हासिल करने में सफल रही जिससे भारत ने राष्ट्रमंडल खेलों की जूडो स्पर्धा में अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया।
भारत को दिन का पहला पदक संजीता ने दिलाया जिन्होंने कई मजबूत प्रतिस्पर्धियों की गैरमौजूदगी में कुल 173 किग्रा (77 और 96 किग्रा) वजन उठाया। मीराबाई 170 किग्रा (75 और 95 किग्रा) वजन उठाने में सफल रही। नाईजीरिया की नकेची ओपारा ने कुल 162 किग्रा (70 और 92 किग्रा) वजन उठाकर तीसरा स्थान हासिल किया।
संजीता हालांकि 175 किग्रा के अगस्तीना नकेम नावाओकोलो के राष्ट्रमंडल खेलों के रिकार्ड से दो किग्रा से पीछे रह गई। संजीता ने स्नैच में 77 किग्रा वजन उठाकर अगस्तीना के राष्ट्रमंडल खेलों के रिकार्ड की बराबरी की। उन्होंने क्लीन एवं जर्क में 96 किग्रा वजन उठाया। जूडो में चाना और सुशीला को हालांकि अपने वर्गों के फाइनल शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा।
जूडो में राष्ट्रमंडल खेल 2010 के स्वर्ण पदक विजेता चाना पुरूषांे के 60 किग्रा भार वर्ग के फाइनल में इंग्लैंड के एश्ले मैकेंजी से हार गए। भारतीय खिलाड़ी को पेनल्टी अंक के आधार पर शिकस्त का सामना करना पड़ा। चाना को तीन पेनल्टी अंक दिए गए जबकि इंग्लैंड के खिलाड़ी को सिर्फ एक पेनल्टी अंक मिला। दोनों खिलाड़ियों के वजारी अंक बराबर थे।
चाना ने दक्षिण अफ्रीका के डेनियल ली ग्रैंगे को केवल एक मिनट 51 सेकेंड हराकर फाइनल में प्रवेश किया था। उन्होंने ‘इप्पोन’ से नाकआउट हासिल किया।
महिला वर्ग में मणिपुरी जुडोका सुशीला ने 48 किग्रा में फाइनल के सफर के दौरान शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपनी प्रतिद्वंद्वियों को इप्पोन से हराकर नाकआउट किया। वह हालांकि फाइनल में स्काटलैंड की किंबर्ली रेनिक्स को कोई टक्कर नहीं दे पाई। स्थानीय जुडोका ने भारतीय खिलाड़ी को तीसरे मिनट में ही इप्पोन से नाकआउट कर दिया।
सुशीला ने ऑस्ट्रेलिया की चोल रेनर को दो मिनट 23 सेकेंड में हराकर फाइनल में जगह बनाई। सुशीला ने दो वजारी हासिल किए जो एक इप्पोन के बराबर होते हैं।
रेपेचेज के जरिये कांस्य पदक के मुकाबले में पहुंची कल्पना थोडम ने महिला वर्ग के 52 किग्रा में मारिशस की क्रिस्टियन लेगेनटिल को हराकर कांस्य पदक जीता। उन्होंने कम पेनल्टी अंक :शिडो: हासिल करते हुए जीत दर्ज की। कल्पना को दो जबकि क्रिस्टियन को तीन पेनल्टी अंक मिले।
मनजीत नंदल (पुरुष 66 किग्रा) को हालांकि कांस्य पदक के मुकाबले में दक्षिण अफ्रीका के सियाबुलेला माबुलू के हाथों शिकस्त का सामना करना पड़ा। मनजीत को तीन जबकि माबुलू को दो पेनल्टी अंक मिले। मनजीत और कल्पना दोनों क्वार्टर फाइनल में हार गए थे लेकिन दोनों ने रेपेचेज में जीत दर्ज करके कांस्य पदक के मुकाबले के लिए क्वालीफाई किया। दूसरी तरफ हाकी, टेबल टेनिस, बैडमिंटन और स्क्वाश में भारत की शुरूआत अच्छी रही लेकिन तैराक और साइकिलिस्ट खास प्रभाव छोड़ने में नाकाम रहे।
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