सिंधू, ज्वाला, अश्विनी का कांस्य पदक पक्का

Webdunia
शुक्रवार, 25 अप्रैल 2014 (19:10 IST)
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गिमचियोन (कोरिया)। युवा भारतीय खिलाड़ी पीवी सिंधू तथा ज्वाला गुट्टा और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी ने शुक्रवार को यहां एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप में क्रमश: महिला एकल स्पर्धा और महिला युगल स्पर्धा के सेमीफाइनल में जगह बनाकर कांस्य पदक पक्का किया।

दुनिया की 10वें नंबर की खिलाड़ी सिंधू ने ओंगबुमरूंगपान बुसानान को 14-21, 21-13, 21-10 से हराने में करीब एक घंटे का समय लिया, जिससे उनका इस थाईलैंड की खिलाड़ी के खिलाफ जीत का रिकॉर्ड 3-0 हो गया है।

पिछले साल विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीतने वाली 18 वर्षीय सिंधू अब दो बार की मौजूदा ऑल इंग्लैंड चैम्पियन चीन की शिजियान वांग से भिड़ेंगी और इंडिया सुपर सीरीज में मिली शिकस्त का बदला चुकता करने की कोशिश करेंगी।

महिला युगल स्पर्धा में ज्वाला और अश्विनी की राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदकधारी जोड़ी ने आज 40 मिनट में एम्सकेली अमेलिया एलीसिया और सूंग फेई चो की मलेशिया की जोड़ी को सीधे गेमों में आसानी से 21-12, 21-12 से हराया। पुरुष एकल में आरएमवी गुरुसाईदत्त ने चीन के लियु काई से एक घंटे में 24-22, 9-21, 13-21 से हारने से पहले कड़ी मशक्कत की, लेकिन वह हार नहीं टाल सके।

सिंधू पहले गेम में अपने स्मैश में पिछड़ रही थीं और उन्होंने कुछ गलतियां भी कीं, जिससे बुसानान ने इस भारतीय को बैकफुट पर लाकर पहला गेम अपने नाम कर लिया, लेकिन सिंधू ने दूसरे गेम में शानदार तरीके से वापसी की।

सिंधू दूसरे गेम में 8-10 से पीछे थीं, लेकिन उन्होंने क्रास कोर्ट स्मैश लगाए और नेट पर भी अच्छा खेल दिखाते हुए वापसी की, इस दौरान बुसानान ने भी काफी गलतियां कीं। तीसरे गेम में सिंधू ने शुरू से ही दबदबा बनाए रखा और आसानी से अपनी प्रतिद्वंद्वी को पस्त कर दिया।

राष्ट्रीय कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा, ओवरऑल, यह बहुत अच्छा मैच था। पहले गेम को छोड़कर सिंधू ने काफी अच्छा खेल दिखाया। दूसरे गेम के बाद से वह संभलीं और उनके स्मैश में भी सुधार हुआ। तीसरे गेम में उन्होंने पूरी तरह दबदबा बना लिया।

सिंधू के पिता रमन्ना को पूरा भरोसा है कि सिंधू कल शिजियान से मिली शिकस्त का बदला चुकता करेंगी। उन्होंने कहा, मुझे पूरा भरोसा है कि वे कल अच्छा खेलेंगी और शिजियान को पराजित करेंगी। वे दुनिया की नंबर दो खिलाड़ी हैं लेकिन मुझे लगता है कि सिंधू जानती हैं कि उन्‍हें क्या करना है।

भारत की शीर्ष शटलर साइना नेहवाल ने नई दिल्ली में सिरी फोर्ट स्टेडियम में 2010 एशियाई बैडमिंटन चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था। ज्वाला और अश्विनी ने 2011 लंदन विश्व चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था और 2012 ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया था।

इन दोनों ने लंदन ओलंपिक के बाद एक-दूसरे का साथ छोड़ दिया था और साल के अंत में फिर से जोड़ी बनाई। इन दोनों ने यहां अपने प्रदर्शन से एक और पदक पक्का कर लिया है। अब यह भारतीय जोड़ी चीन की लुयो यिंग और लुयो यु की जोड़ी से भिड़ेगी।

पुरुष एकल में गुरुसाईदत्त को लियु के खिलाफ पहला गेम 24-22 से अपने नाम किया, लेकिन इसके बाद दूसरे और तीसरे गेम में यह लय जारी नहीं रख सके तथा रणनीति से भटकने के कारण टूर्नामेंट से बाहर हो गए।

निराश गुरुसाईदत्त ने कहा, मैंने दूसरे और तीसरे गेम में अच्छी शुरुआत नहीं की। उसने गेम थोड़ा धीमा कर दिया और ज्यादातर समय मुझे पीछे रखा। (भाषा)

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