शेयर बाजार में कैसा रहा मार्च का दूसरा हफ्ता, कब सुधरेंगे हालात?

मार्च के दूसरे हफ्ते में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दिखाई दी। 4 दिन में सेंसेक्स में 504 अंक गिर गया वहीं निफ्टी में 156 अंकों की गिरावट। 14 मार्च को होली की छुट्‍टी थी।

नृपेंद्र गुप्ता
शनिवार, 15 मार्च 2025 (15:27 IST)
share market in 2nd week of march : मार्केट की बात में इस हफ्ते हम बात करेंगे मार्च के दूसरे हफ्ते में भारतीय शेयर बाजार की चाल की। शेयर बाजार एक्सपर्ट्स से बात कर हमने जाना कि कौन से सेंटिमेंट्स सेंसेक्स और निफ्टी पर बुरा असर डाल रहे हैं। शेयर बाजार के लिए मार्च का दूसरा हफ्ता कैसा रहा? मार्च के तीसरे हफ्ते में शेयर बाजार किस दिशा में आगे बढ़ेगा और विदेशी निवेशकों का रुख कैसा रहेगा?
 
मार्च का पहला हफ्ता निवेशकों के लिए नई उम्मीद लेकर आया था। 7 मार्च को समाप्त हुए हफ्ते में दोनों इंडेक्स क्रमश: 74,333 और 22,553 पर बंद हुए। इस तरह 1 हफ्ते में सेंसेक्स में 1,135 अंकों की बढ़त रही तो निफ्टी भी 428 अंक बढ़ गया। हालांकि दूसरे हफ्ते में सेंसेक्स और निफ्टी में गिरावट दिखाई दी। हफ्ते में केवल 4 दिन काम हुआ। सेंसेक्स में चारों दिन बाजार में बिकवाल ही हावी रहे वहीं निफ्टी 1 दिन प्लस और 3 दिन माइनस में बंद हुआ। इस हफ्ते सेंसेक्स में 504 अंक गिर गया वहीं निफ्टी में 156 अंकों की गिरावट दिखाई दी। 
 
क्यों गिरा बाजार : टैरिफ वार की वजह से शेयर बाजार में नकारात्मकता बनी हुई है। टैरिफ को लेकर अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रवैया भी निवेशकों के लिए तकलीफ का सबब बन गया है। टैरिफ की वजह से वस्तुओं की ट्रेडिंग पर दबाव बढ़ रहा है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को आधिकारिक तौर पर सभी इस्पात और एल्युमीनियम आयात पर शुल्क बढ़ाकर 25 प्रतिशत कर दिया। उनका कहना है कि करों से अमेरिकी कारखानों में नौकरियों के सृजन में मदद मिलेगी, जब उनके उतार-चढ़ाव भरे शुल्क खतरों ने शेयर बाजार को हिलाकर रख दिया है।
 
दुनियाभर में महंगाई और मंदी की आशंकाओं ने भी निवेशकों की कैश में रुचि को बढ़ा दिया है। अब बड़ी मात्रा में लोग शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड, सोने आदि से पैसा निकालकर कैश एकत्रित कर रहे हैं। इसी वजह से आम निवेशकों में भी आशंकाएं, कुशंकाएं घर कर रही है। इसका सीधा असर म्यूचुअल फंड निवेश पर भी पड़ा है।   
 
आईटी सेक्टर के शेयरों का बुरा हाल : मार्च का दूसरा हफ्ता इंडसइंड बैंक के लिए बेहद बुरा रहा। निवेशकों ने इसके शेयरों में भारी बिकवाली की। इसके अलावा अमेरिका से आ रही टैरिफ संबंधी खबरों से टेक कंपनियों का हाल बेहाल नजर आ रहा है। इन कंपनियों का लगभग 60 फीसदी बिजनेस अमेरिका से है। अगर अमेरिका टैक्स बढ़ाता है तो इसका सीधा असर इन कंपनियों के बिजनेस पर पड़ेगा। इंफोसिस, विप्रो, एचसीएल आदि बड़ी आईटी कंपनियों के शेयर लाल निशान में दिखे। 
 
बनी रही बाजार से विदेशी निवेशकों की दूरी : नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL) के आंकड़ों के अनुसार, मार्च के दूसरे सप्ताह में विदेशी निवेशकों द्वारा शुद्ध बिक्री 21,231 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। 2025 में कुल शुद्ध एफआईआई निकासी 1,64,245 करोड़ रुपए हो गई है। हालांकि डीआईआई अभी भी दम दिखा रहा है। मार्च में घरेलू निवेशकों ने 26,446 करोड़ निवेश किए तो इस वर्ष इन द्वारा अब तक 1,77,888 करोड़ रुपए निवेश किए जा चुके हैं। 
 
क्या कहते हैं एक्सपर्ट : शेयर बाजार विशेषज्ञ सागर अग्रवाल ने कहा कि बाजार के लिए यह सप्ताह कुछ खास नहीं रहा। उन्होंने कहा कि बाजार में निवेश से अब निवेशक डर रहे हैं। पहले जब FII बेंच रहे थे तो DII खरीद रहे थे। अब स्थिति वैसी नहीं है। बाजार में पिछले 6 माह से आ रही गिरावट की वजह से DII के कैश फ्लों में भी दिक्कतें हुई है। SIP के माध्यम से इक्विटी बाजार में पैसा नहीं आ रहा है। 
 
उन्होंने कहा कि पूरे में मार्च में यह स्थिति बनी रह सकती है। मार्च एंडिंग की वजह से जो लोग इनकम टैक्स में 8सी की छूट लेना चाहते हैं, वो फिक्स्ड इनकम की ओर जा रहे हैं। इससे भी कई निवेशकों का रुझान शेयर बाजार में कम हुआ है। उन्होंने कहा कि निफ्टी में 4 से 5 प्रतिशत की रिकवरी आने के बाद ही कुछ मुवमेंट दिखाई दे सकता है। बहरहाल निफ्टी के 23,000 के स्तर को पार करने के बाद ही निवेशकों का रुझान बाजार में बढ़ने की उम्मीद है।
 
बाजार विशेषज्ञ योगेश बागौरा के अनुसार, शेयर बाजार रेंज बाउंड बना हुआ है और फिलहाल इसके इसी मोड में रहने की संभावना है। 14 मार्च को होली की छुट्टी थी। 13 मार्च को समाप्त हुए हफ्ते में बाजार ना तो ज्यादा घटा और ना बढ़ा। निफ्टी में नीचे की रेंज 21800 और ऊपर की 23000 है। अगर यह क्रॉस होती है तो ही बाजार में मुवमेंट बनेगा। FII के बाजार में लौटने तक सेंटिमेंट पॉजिटिव होने की संभावना नहीं है।
 
उन्होंने कहा कि मिड कैप स्टॉक और स्मॉल कैप स्टॉक में रिटेल इनवेस्टर्स का काफी पैसा लगा हुआ है। बाजार में भारी गिरावट के बाद भी इनमें से कई कंपनियों के शेयर अभी भी ओवर वैल्यूड है। इनके फेयर वैल्यू पर नहीं आने तक बिकवाली थमने के आसार नहीं है।  
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।
 

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