टैरिफ की दहशत से शेयर बाजार में भूचाल, मुश्किल समय में क्या करें निवेशक?

अप्रैल के पहले हफ्ते में दुनिया भर के शेयर बाजारों में ट्रंप टैरिफ की दहशत दिखाई दी, भारी बिकवाली ने निवेशकों को डराया

नृपेंद्र गुप्ता
शनिवार, 5 अप्रैल 2025 (15:38 IST)
Share market in April first week : मार्केट की बात में इस हफ्ते हम बात करेंगे अप्रैल के पहले हफ्ते में भारतीय शेयर बाजार की चाल की। शेयर बाजार के लिए नए वित्त वर्ष का पहला हफ्ता माह कैसा रहा? शेयर बाजार एक्सपर्ट्स से बात कर हमने जाना कि कौन से सेंटिमेंट्स सेंसेक्स और निफ्टी पर कैसा असर डाल रहे हैं। शेयर बाजार किस दिशा में आगे बढ़ रहा है और विदेशी निवेशकों का रुख कैसा रहेगा?
 
ट्रंप टैरिफ की दहशत : अप्रैल के पहले हफ्ते में दुनिया भर के शेयर बाजारों में ट्रंप टैरिफ की दहशत दिखाई दी। अमेरिका, यूरोप, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया सभी देशों के शेयर बाजार में भारी गिरावट हुई। भारतीय शेयर बाजार भी इससे अछूते नहीं रहे। ट्रंप टैरिफ और इसके बाद अन्य देशों की जवाबी कार्रवाई से निवेशकों को मंदी की आहट नजर आई। ऑटो सेक्टर की कंपनियों के शेयर टैरिफ लगने की वजह से गिरे तो फार्मा कंपनियों के शेयरों टैरिफ लगने के डर से गिरावट आई। कच्चे तेल की कीमतों में तेज गिरावट की वजह से तेल कंपनियों के शेयर भी गिरे। घरेलू दिग्गज कंपनियों में भारी बिकवाली ने भी निवेशकों की धारणा को नकारात्मक रूप से प्रभावित किया।
 
कैसी रही सेंसेक्स और निफ्टी की चाल : अप्रैल के पहले हफ्ते में केवल 4 दिन ही कारोबार हुआ। पहली अप्रैल को टैरिफ की घोषणा से एक दिन पहले सेंसेक्स 1,390.41 अंक टूटकर 76,024.51 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी भी 353.65 अंक के नुकसान से 23,165.70 अंक पर बंद हुआ। 2 अप्रैल को सेंसेक्स लगभग 593 अंक चढ़ा, जबकि एनएसई निफ्टी 167 अंक के लाभ में रहा। टैरिफ पर ट्रंप के एलान के बाद 3 अप्रैल को बाजार में फिर गिरावट दिखाई दी। सेंसेक्स 322.08 अंक की गिरावट के साथ 76,295.36 अंक पर और निफ्टी 82.25 अंक फिसलकर 23,250.10 पर बंद हुआ। हफ्ते के आखिरी दिन सेंसेक्स 930.67 अंक फिसलकर 75,364.69 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी भी 345.65 अंक गिरकर 23,000 से नीचे पहुंच गया।
 
वैश्विक व्यापार युद्ध की बढ़ती आशंकाओं के बीच कमजोर वैश्विक बाजारों के कारण सभी क्षेत्रों में बिकवाली हुई। शेयर बाजार में गिरावट से शुक्रवार को निवेशकों की संपत्ति में 10 लाख करोड़ रुपए की गिरावट आई। शेयर बाजार में कमजोर रुख के चलते बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 9,98,379.46 करोड़ रुपए घटकर 4,03,34,886.46 करोड़ रुपए रह गया। मझोली कंपनियों का बीएसई मिडकैप सूचकांक में 3.08 प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि छोटी कंपनियों के स्मॉलकैप सूचकांक 3.43 प्रतिशत टूटे।
 
क्या है निवेशकों का डर : निवेशकों को डर है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की जवाबी शुल्क नीति अमेरिका में मंदी और मुद्रास्फीति को बढ़ावा देगी। यह आगे चलकर अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं को भी अपनी चपेट में ले सकती है।
 
क्या कहते हैं एक्सपर्ट :  बाजार विशेषज्ञ मनीष उपाध्याय ने कहा कि यह हफ्ता भारतीय शेयर बाजार के लिए अच्छा नहीं रहा। ट्रंप के फैसले की वजह से निवेशकों में दहशत दिखाई दी। अगर बाजार 22800 का सपोर्ट तोड़ता है तो 22300 तक पहुंच सकता है। सोमवार को एक बार फिर बिकवाल हावी रह सकते हैं। अगर विदेशी बाजारों से मजबूत सपोर्ट मिलता है तो निफ्टी 200 से 300 पाइंट बढ़ सकता है।
 
उन्होंने कहा कि ऑटो सेक्टर, मेटल सेक्टर और आईटी सेक्टर में गिरावट आई। फार्मा सेक्टर बेस बना रहा है यहां से इसे मजबूती मिल सकती है। अगर इस पर टैरिफ लगता है तो इसमें भी गिरावट आ सकती है। अगर मोदी सरकार भी ट्रंप पर पलटवार करती है तो भारतीय बाजारों को मजबूती मिलेगी। अमेरिका और चीन में टैरिफ वार से विदेशी निवेशकों का रूख भारत की ओर हो सकता है।
 
उपाध्याय ने कहा कि शेयर बाजार में निवेशकों के लिए यह मुश्किल समय है। ऑटो सेक्टर के बाद आने वाले समय में अन्य सेक्टरों पर भी टैरिफ की मार पड़ सकती है। इसका सीधा असर इन कंपनियों के शेयरों पर होगा। ऐसे में फिलहाल लोगों को अपने निवेश को लेकर सतर्क रहने की आवश्यकता है। जल्दबाजी में लिए गया कोई भी फैसला निवेशकों का भारी नुकसान करा सकता है। 
 
अस्वीकरण : यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। यह कोई निवेश सलाह नहीं है। किसी भी निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श जरूर लें।

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