90 के दशक में वैसे तो चोकर्स दक्षिण अफ्रीकी टीम को कहा जाता था लेकिन ऐसा लगता है कि अब न्यूजीलैंड टीम इस नाम की हकदार बन चुकी है। खासकर सफेद गेंद की बात की जाए तो क्योंकि लाल गेंद से तो न्यूजीलैंड टीम ने हाल ही में आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया था।
कल 6 साल में तीसरी बार आईसीसी टूर्नामेंट का फाइनल खेलने वाली न्यूजीलैंड टीम एक बार फिर ऑस्ट्रेलिया के हाथों 8 विकेट से हार गई। इससे पहल टीम को आईसीसी फाइनल में इन दो बड़ी हारों का सामना करना पड़ा था।
वनडे विश्वकप 2015 - ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को 7 विकेट से हराया
साल 2015 में पहली बार न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे विश्वकप फाइनल में जगह बनाई थी। लेकिन वह मैच ऑस्ट्रेलिया 7 विकेट से जीतने में सफल हुआ था।
पहले ओवर में ही कप्तान ब्रैंडन मक्कलम का विकेट गंवाने वाली न्यूजीलैंड सिर्फ 183 रनों पर ऑलआउट हो गई और ऑस्ट्रेलिया ने यह स्कोर सिर्फ 34वें ओवर में 3 विकेट खोकर पार कर लिया।
दिलचस्प बात यह थी कि न्यूजीलैंड फाइनल से पहले एक भी मैच नहीं हारा था। उसने अपने घर पर ऑस्ट्रेलिया को 1 विकेट से मात दी थी। लेकिन फाइनल में दबाव के चलते टीम बिखर गई।
वनडे विश्वकप 2019 -बाऊंड्री काउंट से इंग्लैंड जीता
इस एतिहासिक मैच को कोई कैसे भूल सकता है। पहले मैच टाई हुआ और फिर सुपर ओवर भी टाई हुआ। लेकिन इंग्लैंड को वनडे विश्वकप सिर्फ इस कारण दे दिया गया क्योंकि उन्होंने ज्यादा चौके लगाए थे।
इस मैच में हालांकि न्यूजीलैंड अंत तक लड़ी वैसा प्रदर्शन नहीं किया जैसा न्यूजीलैंड ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ किया था।
दरअसल इस मैच में कुमर धर्मसेना की एक गलती न्यूजीलैंड टीम पर भारी पड़ी थी। बोल्ट के अंतिम ओवर में स्टोक्स दूसरे रन के लिए भागे थे और गेंद उनके बल्ले से टकराकर बाउंड्री तक चली गई थी। इस गेंद पर धर्मसेना ने इंग्लैंड को 6 रन दे दिए थे।
यह फैसला इतना अहम रहा कि न्यूजीलैंड अंत में विश्वकप हार गई। अगर इसे धर्मसेना कुल 5 रन देते तो न्यूजीलैंड एक रन से वनडे विश्वकप जीत जाती।
कप्तान केन विलियमसन को भी है इस बात का मलाल
पिछले छह साल में आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) टूर्नामेंटों के फाइनल में तीसरी बार हार झेलने वाले न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन ने रविवार को टी20 विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया से शिकस्त झेलने के बाद कहा कि यह थोड़ा निराशाजनक है लेकिन आपको कभी सफलता मिलती है तो कभी असफलता।
मैच को आठ विकेट से गंवाने के बाद विलियमसन ने कहा, जब आप खेलते है तो कभी जीतते हैं और कभी हारते हैं। ये ऐसी चीजें हैं जो किसी भी दिन हो सकती हैं।
उन्होंने कहा, ऑस्ट्रेलिया ने जिस तरह से लक्ष्य पीछा किया, उसका श्रेय उन्हें मिलना चाहिये। उन्होंने हमें कोई भी मौका नहीं दिया। यह हमारा दिन नहीं था। हमने हालांकि जैसा प्रदर्शन किया उस पर हमें गर्व है।
उन्होंने कहा, आप जानते हैं, अगर आप हमारे पूरे अभियान को देखें, जैसे हम आकलन करते है, तो हमें अपने खेलने के तरीके और प्रदर्शन पर बहुत गर्व है। जब आप फाइनल में पहुंचते हैं और कुछ भी हो सकता है।विलियमसन ने कहा कि उनके लिए 2019 विश्व कप फाइनल में हार का सामना करना अधिक निराशाजनक था।
उन्होंने कहा, आप ने 2019 के फाइनल की बात की, अगर आपके पास समय हो तो उस पर अधिक चर्चा की जा सकती है।विलियमसन ने पिछले छह साल में आईसीसी प्रतियोगिताओं के छह फाइनल खेलने वाली अपनी टीम की तारीफ की।
उन्होंने कहा, आपकी बोली गयी बातों में बहुत सारी सकारात्मक हमारे लिए चीजें हैं। हम अब भी खुद में सुधार करने और एक टीम के रूप में विकसित होने का प्रयास कर रहे हैं। आप इन प्रतियोगिताओं को जीतना चाहते हैं। आप सफलता चाहते हैं, और दूसरी टीमें भी ऐसा ही चाहती हैं।