हेरात। अफगानिस्तान में अभी तालिबान की सरकार का गठन हुआ ही नहीं है और इस बीच विरोध के सुर और स्वर भी सुनाई देने लगे हैं। ताजा खबर है कि काम करने के अधिकार और महिलाओं की कम भागीदारी को लेकर महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। पुराने शासन के दौरान तालिबानियों ने इस्लामिक कानूनों के पालन में हिंसा और क्रूरता दिखाई थी। उस दौरान महिलाओं की शिक्षा और काम करने पर प्रतिबंध था।
अलजजीरा की खबर के अनुसार तालिबान से महिलाओं के काम करने के अधिकार को लेकर जवाब नहीं मिलने पर प्रदर्शनकारी गुरुवार को सड़कों पर उतरे थे। एक महिला ने बताया कि उन्हें और अन्य महिलाओं को काम पर वापस नहीं आने के लिए कहा गया है। महिला ने बताया कि हेराती महिलाओं के एक समूह ने तालिबान के शीर्ष अधिकारियों से महिलाओं के अधिकारों को लेकर नीतियों पर सफाई मांगी थी, लेकिन उन्हें कभी भी सही जवाब नहीं मिला। इसके उलट तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्तानिकजई ने बताया था कि महिलाएं अपना काम जारी रख सकती हैं।