नई दिल्ली। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद वहां के बिगड़ते सुरक्षा हालात को लेकर बढ़ती वैश्विक चिंता के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार को वहां की ताजा परिस्थिति पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने भारत-रूस के द्विपक्षीय संबंधों से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की।
भारत स्थित रूसी दूतावास ने मोदी और पुतिन की वार्ता के बाद एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने आतंकवादी विचारधारा को नेस्तनाबूद करने और अफगानिस्तान से नशीले पदार्थों के प्रवाह के खतरे के लिए सहयोग बढ़ाने का इरादा जताया तथा इस मुद्दे पर विमर्श के लिए एक स्थायी द्विपक्षीय प्रणाली विकसित करने पर सहमति जताई।
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि अफगानिस्तान के ताजा हालात पर मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन से विचारों का उपयोगी और विस्तृत आदान प्रदान हुआ। हम लोगों ने कोविड-19 के खिलाफ भारत-रूस सहयोग सहित द्विपक्षीय एजेंडे से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की। महत्वपूर्ण मुद्दों पर घनिष्ट विमर्श जारी रखने पर दोनों सहमत हुए।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों तालिबान ने अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद वहां अफरातफरी का माहौल है। भारत और अमेरिका सहित कई देश वहां से अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए अभियान चला रहे हैं। रूसी दूतावास ने कहा कि दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान की ताजा स्थिति पर चर्चा की।
बयान में कहा गया कि दोनों पक्षों ने अफगानिस्तान में शांति और स्थिरता स्थापित करने और पूरे क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समन्वित प्रयासों के महत्व पर बल दिया।
दूतावास ने कहा कि उन्होंने (दोनों नेताओं ने) आतंकवादी विचारधारा को नेस्तनाबूद करने और अफगानिस्तान से नशीले पदार्थों के खतरों के मद्देनजर सहयोग बढ़ाने का इरादा जताया। दूतावास ने कहा कि इस विषय पर विमर्श के लिए एक स्थायी द्विपक्षीय प्रणाली विकसित करने पर सहमति बनी।
बयान में कहा गया कि व्यापार और अर्थव्यवस्था सहित भारत-रूस के विशेष और विशिष्ट सामरिक साझेदारी को आगे बढ़ाएं जाने विषयों पर भी दोनों नेताओं ने चर्चा की। बयान के मुताबिक नरेंद्र मोदी ने रूसी टीके की भारत में आपूर्ति और उत्पादन के साथ ही आवश्यक दवाओं और चिकित्सीय उपकरणों सहित कोविड-19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए की गई सहायता के लिए व्लादिमीर पुतिन के प्रति आभार जताया।
उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार को जर्मन चांसलर एंजेला मर्केल से अफगानिस्तान की ताजा स्थिति और इससे विश्व पर पड़ने पर वाले असर को लेकर चर्चा की थी। दोनों नेताओं ने शांति और स्थिरता पर भी जोर दिया। (भाषा)