भारत-पाकिस्तान रिश्ते पर तालिबान के नेता ने दिया बड़ा बयान...

Webdunia
सोमवार, 30 अगस्त 2021 (16:45 IST)
नई दिल्ली/ काबुल। तालिबान नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टैनिकजई ने भारत और पाकिस्तान के संबंधों को लेकर बड़ा बयान दिया है। स्टैनिकजई ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को अपने आंतरिक मामलों में अफगानिस्तान का प्रयोग नहीं करना चाहिए। काबुल में तालिबान की सरकार में स्टैनिकजई विदेश मामले संभाल सकते हैं मोहम्मद अब्बास। स्टैनिकजई ने कहा कि तालिबान पड़ोसी देशों से अच्‍छे संबंध चाहता है।

इससे पहले तालिबान के वरिष्ठ नेता शेर मोहम्मद अब्बास स्टैनिकजई ने भारत को क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देश बताते हुए कहा है कि तालिबान भारत के साथ अफगानिस्तान के व्यापारिक, आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को बनाए रखना चाहता है।

स्टैनिकजई ने पश्तो भाषा में जारी एक वीडियो संबोधन में कहा कि काबुल में सरकार बनाने के लिए विभिन्न समूहों और राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है, जिसमें ‘विभिन्न क्षेत्रों’ के लोगों का प्रतिनिधित्व होगा।

स्टैनिकजई ने कहा कि हम भारत के साथ अपने व्यापारिक, आर्थिक और राजनीतिक संबंधों को बहुत महत्व देते हैं और उस संबंध को बनाए रखना चाहते हैं। पाकिस्तानी मीडिया समूह ‘इंडिपेंडेंट उर्दू’ ने स्तानिकजई के हवाले से कहा कि हमें हवाई व्यापार को भी खुला रखने की जरूरत है।

तालिबान नेता का इशारा भारत और अफगानिस्तान के बीच हवाई गलियारे की ओर था जिसे पाकिस्तान द्वारा पारगमन की अनुमति देने से इनकार करने के मद्देनजर दोनों देशों के बीच व्यापार को बढ़ावा देने के लिए स्थापित किया गया था। स्टैनिकजई ने भारत को इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण देश बताया।
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स्टैनिकजई ने कहा कि पाकिस्तान के जरिए भारत के साथ अफगानिस्तान का व्यापार बहुत महत्वपूर्ण है। स्टैनिकजई ने इस बारे में विस्तार से कुछ नहीं कहा। तालिबान नेता ने अपने संबोधन में पाकिस्तान, चीन और रूस के साथ अफगानिस्तान के संबंधों का भी जिक्र किया। स्टैनिकजई ने कहा कि काबुल में समावेशी सरकार के गठन के बारे में तालिबान नेतृत्व और विभिन्न जातीय समूहों और राजनीतिक दलों के साथ विचार-विमर्श चल रहा है।
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टोलो न्यूज ने स्टैनिकजई के हवाले से कहा कि वर्तमान में, तालिबान नेतृत्व विभिन्न जातीय समूहों, राजनीतिक दलों और इस्लामिक अमीरात के भीतर एक सरकार बनाने के बारे में परामर्श कर रहा है जिसे अफगानिस्तान के अंदर और बाहर दोनों जगह स्वीकार किया जाए और मान्यता दी जाए।(भाषा)

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