Hartalika Teej 2025: 26 या 27 आखिर कब है हरतालिका तीज व्रत? जानिए पूजा सामग्री से लेकर पारण तक सबकुछ

WD Feature Desk
शनिवार, 23 अगस्त 2025 (14:15 IST)
Hartalika Teej vrat muhurat 2025: हरतालिका तीज, सुहागन स्त्रियों द्वारा किया जाने वाला एक कठिन और महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत अपने पति की लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए रखा जाता है। इस वर्ष हरतालिका तीज की तिथि को लेकर लोगों में थोड़ी दुविधा है। हरतालिका तीज 2025 कब है? जानें 26 या 27 अगस्त में से कौन सा दिन व्रत के लिए सही है। इस लेख में पूजा सामग्री, व्रत की विधि और पारण के समय की संपूर्ण जानकारी प्राप्त करें...ALSO READ: Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज पर होगा नवपंचम योग का निर्माण, इन 3 राशियों के खुल जाएंगे भग्य
 
हरतालिका तीज 2025 तिथि और सही दिन: इस वर्ष भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 25 अगस्त 2025 को दोपहर 12:34 बजे शुरू होगी और 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01:54 बजे समाप्त होगी। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कोई भी व्रत या त्योहार सूर्योदय के समय की तिथि के आधार पर तय किया जाता है। चूंकि 26 अगस्त को सूर्योदय के समय तृतीया तिथि मौजूद रहेगी, इसलिए हरतालिका तीज का व्रत 26 अगस्त, मंगलवार को ही रखा जाएगा। 
 
हरतालिका तीज पूजा का शुभ मुहूर्त
 
भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि का प्रारंभ- 25 अगस्त 2025 को दोपहर 12:34 बजे।
तृतीया तिथि समाप्त- 26 अगस्त 2025 को दोपहर 01:54 बजे।
 
1. ब्रह्म मुहूर्त में पूजा: सुबह 05 बजे से 11 से 12 के बीच।
2. शाम का पूजा: सायं 06:36 से 07:45 के बीच।
3. रात की पूजा: रात्रि 11:56 से 12:42 के बीच।
4. रात्रि पूजन समय: रात 02:30 से 03:30 बजे के बीच।
5. अगले दिन की पूजा: 27 अगस्त को सुबह 05 बजे या ब्रह्म मुहूर्त में पूजन के बाद विजर्सन और पारण।ALSO READ: मनचाहा जीवनसाथी पाने के लिए कुंआरी कन्याएं ऐसे रखें हरतालिका तीज व्रत, शीघ्र बनेंगे विवाह के योग
 
हरतालिका तीज पूजा सामग्री की संपूर्ण सूची: इस व्रत में भगवान शिव, माता पार्वती और गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमा बनाकर पूजा की जाती है।
पूजा सामग्री:
• प्रतिमा के लिए: गीली काली मिट्टी या बालू रेत
• पूजन के लिए: बेलपत्र, शमी पत्र, केले के पत्ते, धतूरे का फल और फूल, आक का फूल, तुलसी, दूर्वा, भांग।
• श्रृंगार सामग्री: मेहंदी, चूड़ी, बिछिया, काजल, बिंदी, कुमकुम, सिंदूर, कंघी, महावर और अन्य सुहाग सामग्री।
• भोग और प्रसाद: फल, मिठाई, भीगे हुए चने, सत्तू।
• अन्य सामग्री: कलश, अबीर, चंदन, घी, तेल, दीपक, कपूर, कुमकुम, रुई की बत्ती, माचिस, कलावा, जनेऊ, चावल, लौंग, इलायची, सुपारी, पान के पत्ते।
 
पूजा विधि और पारण
पूजा विधि:
1. व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और नए या साफ कपड़े पहनें।
2. निर्जला यानी बिना पानी और भोजन के व्रत का संकल्प लें।
3. शुभ मुहूर्त में शिव-पार्वती और गणेश जी की मिट्टी की प्रतिमा बनाएं।
4. एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर प्रतिमाओं को स्थापित करें।
5. सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें, उसके बाद माता पार्वती और भगवान शिव की पूजा करें।
6. माता पार्वती को सुहाग की सभी सामग्री अर्पित करें। भगवान शिव को वस्त्र और जनेऊ चढ़ाएं।
7. अब, हरतालिका तीज की व्रत कथा सुनें या पढ़ें।
8. अंत में, गणेश जी, भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें। यह पूजा रात भर चलती है, जिसमें जागरण और भजन-कीर्तन किए जाते हैं।ALSO READ: हरतालिका तीज व्रत की संपूर्ण कथा | Hartalika Teej Vrat Katha
 
पारण का समय और तरीका:
• यह व्रत 24 घंटे का होता है, इसलिए व्रत का पारण अगले दिन सूर्योदय के बाद ही किया जाता है।
• व्रत पारण की तिथि: 27 अगस्त 2025
• अगले दिन सुबह स्नान कर शिव-पार्वती की अंतिम पूजा करें। फिर भोग लगाए गए प्रसाद में से कुछ अंश ग्रहण कर व्रत का पारण करें।
• ध्यान रहे कि पारण करने से पहले सुहाग की सामग्री, वस्त्र और प्रसाद किसी ब्राह्मण या सुहागन महिला को दान करें।
 
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