‘फुलवा’ में भारत के ग्रामीण क्षेत्र की सजीव तस्वीर पेश करने की कोशिश की गई है। यह ग्रामीणों के झगड़े के बीच फंसी लड़की की कहानी है। इसके लेखक सिद्धार्थ तेवरे का कहना है ‘फुलवा का मतलब फूल होता है और यह छोटा-सा फूल नहीं जानता कि उसकी किस्मत में क्या है। वह अपना नसीब खुद बनाने का निर्णय लेती है और कैसे अपनी किस्मत अपने हाथों से लिखती है, यही इसमें दिखाया गया है।‘
दूसरी ओर ‘मुक्ति बंधन’ आई.एम.विरानी की कहानी है जो कारोबार में अपनी पत्नी चारूलता विरानी की मदद से सफलता हासिल करता है। वह भारत का चौथा सबसे बड़ा उद्योगपति है, लेकिन वह देवकी नामक महत्वाकांक्षी महिला से भयभीत है जिसे अगले आई.एम. विरानी के रूप में देखा जा रहा है। यह धारावाहिक हरिकिशन मेहता के प्रसिद्ध उपन्यास ‘मुक्ति बंधन’ पर आधारित है।
10 जनवरी से फुलवा रात 9 बजे और मुक्तिबंधन रात 9.30 प्रत्येक सोमवार से गुरुवार तक देखा जा सकता है।