टोक्यो:भारत देश में भले ही 18 साल से पहले ड्राइविंग लाइसेंस नहीं मिलता लेकिन ओलंपिक में ऐसे खिलाड़ियों की लिस्ट लंबी होती जा रही है जो 18 साल से कम हैं और अपने देश के लिए मेडल जीत चुके हैं।
अमेरिका की स्कूली छात्रा लीडिया जेकोबी ने टीम की अपनी साथी और गत ओलंपिक चैंपियन लिली किंग को पछाड़कर टोक्यो ओलंपिक की महिला 100 मीटर ब्रेस्टस्ट्रोक तैराकी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता।
सत्रह साल की जेकोबी अमेरिका की ओलंपिक तैराकी टीम में जगह बनाने वाली अलास्का की पहली तैराक हैं।
जेकोबी ने एक मिनट 4.95 सेकेंड के समय के साथ खिताब अपने नाम किया।
दक्षिण अफ्रीका की ततजाना श्कोनमेकर ने एक मिनट 5.22 सेकेंड के साथ रजत पदक जीता जबकि लिली ने एक मिनट 5.54 सेकेंड के साथ कांस्य पदक जीतकर अमेरिका को स्पर्धा का दूसरा पदक दिलाया।
13 साल की बच्चियों ने ओलंपिक स्केटबोर्डिंग में जीते स्वर्ण और रजत
स्केटबोर्डिंग में हैरतंगेज करतब दिखाकर 13 साल की दो बच्चियों ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण और रजत पदक जीत लिये जबकि कांस्य पदक जीतने वाली भी 16 वर्ष की प्रतियोगी थी।
आम तौर पर जिस उम्र में बच्चे खिलौनो या वीडियो गेम से खेलते हैं, इन लड़कियों ने कड़ी मेहनत और लगन से तमाम चुनौतियों का सामना करके पुरूषों के इस खेल पर दबदबे को तोड़ा।
जापान की मोमिजी निशिया ने पहला ओलंपिक खेलते हुए पीला तमगा अपने नाम किया। अब तक पुरूषों के दबदबे वाले इस खेल में लड़कियों के इस यादगार प्रदर्शन ने खेल का भविष्य उज्जवल कर दिया है।
रजत पदक ब्राजील की रेसा लील को मिला जो 13 वर्ष की ही है। वहीं कांस्य पदक जापान की फुना नाकायामा को मिला।
बीस प्रतियोगियों के महिला वर्ग में ब्राजील की लेतिसिया बुफोनी भी थी जिनके पिता ने उन्हें खेल से रोकने के लिये उनका स्केटबोर्ड दो हिस्सों में तोड़ दिया था । कनाडा की एनी गुगलिया जब स्केटिंग सीख रही थी तो पहले दो साल कोई और लड़की उनके साथ नहीं थी।(एपी)