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6.4 लाख बच्चों का जीवन खतरे में, यूनीसेफ ने किया आगाह, नहीं पहुंच पा रही मानवीय सहायता

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 4 अगस्त 2025 (13:50 IST)
Cholera outbreak in Sudan Darfur: सूडान के उत्तरी दारफ़ूर प्रान्त में, हैजे़ का प्रकोप बच्चों के जीवन पर भारी पड़ रहा है। यूनीसेफ़ ने रविवार को आगाह किया कि भूख और विस्थापन से पहले ही कमज़ोर हो चुके हज़ारों बच्चों पर, अब जानलेवा बीमारी हैज़ा का ख़तरा भी मंडरा रहा है। इस स्थिति के बावजूद, युद्ध की वजह से, सम्पर्क से कटे इलाक़ों तक मानवीय सहायता नहीं पहुंच पा रही है।
 
तविला में अप्रैल से जारी हिंसा के बीच, अब तक हैज़ा के 1 हज़ार 180 से अधिक मामले सामने आए हैं, जिनमें 300 बच्चे हैं। तविला में लगभग 20 लोगों की मौतें भी दर्ज की गई है। वहीं, पूरे दारफ़ूर क्षेत्र में हैज़ा के कुल मामलों की संख्या 2 हज़ार 140 है, जबकि क्षेत्र में 80 से ज़्यादा लोगों की मौत हो गई है। सूडान में यूनीसेफ़ की प्रतिनिधि शेल्डन येट ने बताया, हैज़ा बीमारी, इलाज योग्य होने के बावजूद, तविला व दारफू़र के अनेक इलाक़ों में तेज़ी से फैल रही है और सबसे छोटे व कमज़ोर बच्चों की जान ले रही है।
 
तविला बना संकट का केन्द्र : तविला, जो देश की राजधानी अल-फ़शर से केवल 70 किलोमीटर दूर है, अब अनेक संकटों का केन्द्र बन चुका है।  यहां अस्पतालों पर हमले और स्वास्थ्य सेवाएं बन्द हो जाने से, हालात और गम्भीर हो गए हैं। साफ़ पानी की कमी, ख़राब स्वच्छता और शिविरों में अत्यदिक भीड़भाड़ जैसे हालात ने, इस बीमारी के फैलाव को आसान बना दिया है।
 
अप्रैल 2023 से सूडान में जारी सैन्य युद्ध ने, बुनियादी ढांचे को तबाह कर दिया है। इसके कारण लाखों लोग विस्थापित हुए हैं और खाद्य प्रणाली पूरी तरह चरमरा गई है।  देश में दस से अधिक क्षेत्रों में अकाल की स्थिति घोषित की जा चुकी है, जिनमें ज़मज़म शिविर भी शामिल है। इसके अलावा, सूखा और बाढ़ जैसी जलवायु आपदाओं ने संकट को और गहरा कर दिया है।
 
6.4 लाख बच्चे ख़तरे में : केवल उत्तरी दारफ़ूर में ही, पांच वर्ष से कम आयु के 6 लाख 40 हज़ार से अधिक बच्चे जोखिम में हैं। हाल के आकलनों से मालूम हुआ है कि गम्भीर कुपोषण से पीड़ित बच्चों की संख्या एक साल में दोगुनी हो गई है। यूनीसेफ़ ने आगाह किया कि गम्भीर कुपोषण से जूझ रहे बच्चों के लिए हैज़ा कहीं अधिक जानलेवा साबित हो सकता है। ये बच्चे एक दिन भी और इंतजार नहीं कर सकते।
 
यूनीसेफ़ ने सभी पक्षों से सुरक्षित, स्थाई और बेरोकटोक मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने की अपील की है। साथ ही, प्रशासनिक रुकावटें, लूटे गए राहत क़ाफ़िले और जारी युद्ध के कारण, टीके, पोषण आहार और दवाइयाँ जैसी ज़रूरी चीज़ें, ज़रूरतमन्द लोगों तक तक नहीं पहुंच पा रही हैं। 
 
राहत कार्य तेज : यूनीसेफ ने तविला और दारफ़ूर के अन्य हिस्सों में राहत कार्य तेज़ कर दिए हैं। लोगों को ORS, क्लोरीन युक्त पानी और स्वच्छता किटें वितरित किए जा रहे हैं। तविला के 30 हज़ार से अधिक लोगों को रोज़ाना साफ़ पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। साथ ही, बीमारी की रोकथाम और इलाज की जानकारी के लिए जागरूकता अभियान भी चलाए जा रहे हैं।
 
यूनीसेफ़ 14 लाख से ज़्यादा हैज़ा वैक्सीन और इलाज केन्द्र उपलब्ध कराने की योजना बना रहा है, लेकिन पहुंच अब भी बाधा बनी है। सूडान में, अगस्त 2024 से 94 हज़ार से अधिक हैज़ा मामले और 2370 मौतें दर्ज की गई हैं। एजेंसी ने अपनी आपातकालीन सहायता कार्रवाई को जारी रखने के लिए तत्काल 3 करोड़ 6 लाख डॉलर की मदद की अपील की है।

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