ग़ाज़ा: बन्धकों की बिना शर्त रिहाई, फ़लस्तीनी आबादी के लिए सहायता का अनुरोध

UN
गुरुवार, 5 सितम्बर 2024 (17:01 IST)
संयुक्त राष्ट्र की शीर्ष अधिकारियों ने बुधवार को ग़ाज़ा पट्टी में सभी बन्धकों को बिना शर्त रिहा किए जाने और हताशा व विस्थापन का शिकार फ़लस्तीनी आबादी के लिए सुरक्षा व मानवीय सहायता सुनिश्चित करने की अपील की है।

राजनैतिक मामलों के लिए यूएन अवर महासचिव रोज़मैरी डीकार्लो और आपात हालात में मानवीय सहायता मामलों के लिए कार्यवाहक प्रमुख ऐडेम वोसूर्नू ने सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों के प्रतिनिधियों को ग़ाज़ा में घटनाक्रम पर जानकारी दी।

पिछले सप्ताह ग़ाज़ा में पोलियो के फैलाव को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान आरम्भ हुआ है। वहीं, छह बन्धकों के शवों को बरामद किया गया है।

अल्जीरिया और इसराइल ने अलग-अलग इस बैठक को बुलाने के लिए अनुरोध किया था। समाचार माध्यमों के अनुसार इसराइल ने सुरक्षा परिषद से हमास की कठोरतम शब्दों में निन्दा करने और ग़ाज़ा में विकट हालात में रखे गए बन्धकों की स्थिति से निपटने की मांग की है। वहीं, अल्जीरिया ने ग़ाज़ा और पश्चिमी तट में बद से बदतर होते हालात पर चर्चा के लिए बैठक बुलाए जाने का आग्रह किया था।

दक्षिणी इसराइल में पिछले वर्ष 7 अक्टूबर को हमास व अन्य फ़लस्तीनी चरमपंथी गुटों ने आतंकी हमले किए थे, जिनमें 1,250 से अधिक इसराइली व विदेशी नागरिकों की जान गई थी। बड़ी संख्या में लोग घायल हुए थे और क़रीब 250 लोगों को बन्धक बना कर ग़ाज़ा ले जाया गया था।

अब भी लगभग 101 बन्धकों के ग़ाज़ा में मौजूद होने का अनुमान है, जहां भीषण इसराइली सैन्य कार्रवाई में अब तक 41 हज़ार से अधिक फ़लस्तीनियों की जान जा चुकी है। मध्य पूर्व में हालात पर सुरक्षा परिषद की बैठक अल्जीरिया और इसराइल के अनुरोध पर बुलाई गई है।

हृदयविदारक घटनाक्रम : राजनैतिक एवं शान्तिनिर्माण मामलों की प्रमुख रोज़मैरी डीकार्लो ने ग़ाज़ा मे बन्धक हर्श गोल्डबर्ग-पॉलिन के परिजन के साथ पिछले वर्ष नवम्बर में हुई मुलाक़ात को याद किया। कुछ ही दिन पहले हर्श को पांच अन्य बन्धकों के साथ जान से मार दिया गया था।

इसराइली सरकार के अनुसार बन्धकों को बेहद नज़दीक से कई गोलियाँ मारी गईं। उन्हें रफ़ाह में एक सुरंग में रखा गया था, और इसराइली सैन्य बलों के वहां पहुंचने से पहले ही मार दिया गया।

ये शव बरामद होने के बाद, हमास ने ग़ाज़ा में इमारतों और सुरंगों की निगरानी कर रहे चरमपंथियों को इसराइली सैन्य बलों के पहुंचने से पहले बन्धकों को मार देने का आदेश दिया है। रोज़मैरी डीकार्लो ने महासचिव गुटेरेश के शब्दों को दोहराते हुए कहा कि सभी बन्धकों को तत्काल, बिना शर्त रिहा किया जाना होगा।

जब तक उन्हें क़ब्ज़े में रखा जाता है, अन्तरराष्ट्रीय क़ानूनी दायित्वों के अनुरूप उनक साथ मानवीय आधार पर बर्ताव किया जाना होगा और अन्तरराष्ट्रीय रैडक्रॉस समिति को उनसे मिलने व सहायता देने की अनुमति होनी चाहिए।

यूएन अवर महासचिव ने क़ाबिज़ पश्चिमी तट में हालात से अवगत कराया जहां बड़े पैमाने पर इसराइली सेना द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। इसराइली बस्तियों के बाशिन्दों द्वारा फ़लस्तीनी आबादी के विरुद्ध हिंसा को अंजाम दिया गया है जबकि हथियारबन्द फ़लस्तीनी भी इसराइलियों पर हमले कर रहे हैं। ग़ाज़ा में इसराइली बमबारी में भीषण तबाही हुई है और लोगों के पास पेट भरने के लिए भी साधन नहीं बचे हैं। फ़लस्तीनी लोगों में खाद्य सामग्री वितरित करने के प्रयास कर रही है।

क्रूरता की कोई सीमा नहीं: मानवीय सहायता मामलों में समन्वय के लिए यूएन एजेंसी की कार्यवाहक प्रमुख ऐडेम वोर्सूनू ने ग़ाज़ा पट्टी में मौत व विध्वंस पर गहरा क्षोभ प्रकट किया। उन्होंने कहा कि इस हिंसक टकराव में बर्बरता की कोई सीमा नहीं है। हम यह मानवीय सहायताकर्मियों को नुक़सान पहुंचाने वाले अनेक हमलों में देखते हैं : 7 अक्टूबर [2023] के बाद से अब तक 295 मानवतावादी कर्मचारियों की जान जा चुकी है।

यूएन के अनेक वाहनों समेत मानवीय सहायता संगठनों की सम्पत्तियों को क्षति पहुंची है और उनकी आवाजाही के बारे में जानकारी होने के बावजूद अलग-अलग घटनाओं में वे सीधे हमलों की चपेट में आए हैं।

यूएन एजेंसी की अधिकारी ने कहा कि इसका असर यह हुआ है कि ज़रूरतमन्द आबादी के लिए जीवनरक्षक सहायता की आपूर्ति सीमित हो गई है। ग़ौरतलब है कि विश्व खाद्य कार्यक्रम ने अपने एक क़ाफ़िले पर हमले के बाद अपने कर्मचारियों की गतिविधियों व सहायता अभियान को अस्थाई तौर पर रोक दिया है।

यूएन की दोनों वरिष्ठ अधिकारियों ने ग़ाज़ा में पोलियो की रोकथाम के लिए टीकाकरण अभियान का स्वागत किया है, जोकि उनके अनुसार वहां भयावह हालात के बीच आशा व मानवता की दुर्लभ किरण का परिचायक है।

ऐडेम वोर्सूनू ने कहा कि कठिन हालात के बावजूद, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियां ज़रूरतमन्द फ़लस्तीनी आबादी तक मानवीय राहत पहुंचाने के काम में जुटी हैं। इस क्रम में उन्होंने सुरक्षा परिषद में सदस्य देशों से तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने और पश्चिमी तट में व्याप्त तनाव में कमी लाने का आग्रह किया।

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