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हमारे लोकतंत्र, हमारी सम्प्रभुता के साथ कोई समझौता सम्भव नहीं है : ब्राज़ील

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, बुधवार, 24 सितम्बर 2025 (17:29 IST)
संयुक्त राष्ट्र, शान्ति व समृद्धि की आकांक्षाओं की उच्चतम अभिव्यक्ति को परिलक्षित करता है, मगर आठ दशक पहले, जिन आदर्शों के साथ इस संगठन को स्थापित किया गया था, उनके लिए जैसे ख़तरे हैं, वैसे पहले कभी नहीं देखे गए। ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा ने यूएन महासभा के 80वें सत्र को सम्बोधित करते हुए यह बात कही है। उन्होंने मंगलवार को सबसे पहले सदस्य देश के प्रतिनिधि के रूप में जनरल डिबेट को सम्बोधित किया।

उन्होंने कहा कि बहुपक्षवाद अब एक नए दोराहे पर है और दुनिया एक अन्तरराष्ट्रीय व्यवस्था को मज़बूत होते देख रही है, जिसमें शक्ति प्रदर्शन को बार-बार रियायतें दी जाती हैं, सम्प्रभुता पर हमले होते हैं, मनमाने ढंग से प्रतिबन्ध लगाए जाते हैं और एकतरफ़ा ढंग से हस्तक्षेप अब नियम बनते जा रहे हैं।

“पूरी दुनिया में, लोकतंत्र-विरोधी शक्तियां अब संस्थाओं को अपने आधीन बनाने और स्वतंत्रताओं को कुचलने की कोशिश कर रही हैं। वे हिंसा को पूजती हैं, अज्ञान की सराहना करती हैं, शारीरिक व डिजिटल मिलिशिया की तरह व्यवहार करती हैं और प्रैस पर पाबन्दी थोपती हैं”

लोकतंत्र की रक्षा के लिए सन्देश : राष्ट्रपति लूला दा सिल्वा ने कहा कि एक अभूतपूर्व हमले को झेलने के बावजूद, ब्राज़ील ने प्रतिरोध का मार्ग चुना और 40 वर्ष पहले हासिल किए गए लोकतंत्र की रक्षा की। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति बोलसेनारो द्वारा लोकतंत्र, क़ानून के राज पर हमले के मामले में अदालत में दोषी क़रार दिए जाने का उल्लेख किया. उनके अनुसार, 525 वर्ष के इतिहास में पहली बार ऐसी घटना घटी।

“दुनिया की आंखों के सामने, ब्राज़ील ने सभी आकांक्षी अधिनायकों को सन्देश भेजा और उन्हें समर्थन देने वालों को भी: हमारा लोकतंत्र, हमारी सम्प्रभुता के साथ मोलभाव नहीं हो सकता है”

क्षेत्र में तनाव : ब्राज़ीलियाई नेता ने कहा कि लातिन अमेरिका और कैरीबियाई क्षेत्र में ध्रुवीकरण और अस्थिरता के दौर से गुज़र रहे हैं।

“अपराध व आतंकवाद के बीच तुलना बहुत चिन्ताजनक है और ड्रग तस्करी से निपटने का सबसे कारगर उपाय, धन के अवैध लेनदेन और हथियारों के व्यापार पर क़ाबू पाना है”

उन्होंने कहा कि ऐसी परिस्थितियों में घातक बल का प्रयोग किया जाना, जहां सशस्त्र टकराव न हो, वो बिना सुनवाई के ही लोगों को मौत की सज़ा देने के समान है। लूला दा सिल्वा ने ज़ोर देकर कहा कि वेनेज़ुएला में सम्वाद का रास्ता बन्द नहीं किया जाना चाहिए। हेती के पास भी हिंसा मुक्त भविष्य का अधिकार है और यह अस्वीकार्य है कि क्यूबा को आतंकवाद प्रायोजित करने वाले देश की सूची में शामिल किया जाए।

जलवायु कार्रवाई व न्याय : ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने जलवायु संकट पर भी ध्यान केन्द्रित किया। इस वर्ष यूएन का वार्षिक जलवायु सम्मेलन, ब्राज़ील के बेलेम शहर में हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह समय है जब विश्व नेताओं को पृथ्वी के लिए अपनी प्रतिबद्धता की गम्भीरता को प्रदर्शित करना होगा।

पहले ही अन्य चुनौतियों से जूझ रहे विकासशील देश, अब जलवायु परिवर्तन का भी सामना कर रहे हैं, जबकि धनी देश, रहन-सहन के एक ऐसे स्तर का आनन्द ले रहे हैं, जिसे पाने में 200 वर्षों तक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन किया गया।

उन्होंने कहा कि संसाधनों व टैक्नॉलॉजी की सुलभता और अधिक महत्वाकांक्षा, कोई परोपकारिता नहीं है, बल्कि न्याय से जुड़ा है।

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